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मेरठ में चर्चित पेशाब कांड के पीड़ित की संदिग्ध हालत में मौत, पिता ने दबंगों पर लगाया आरोप


मेरठ:

पिछले साल नवंबर में मेरठ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कुछ दबंग लड़के ऋतिक चौधरी (22 अब की उम्र) के साथ मारपीट और गालीगलौज करते दिख रहे थे. दबंगों ने ऋतिक के ऊपर पेशाब करने का भी वीडियो बनाया और वायरल कर दिया था. मेरठ के गंगा नगर निवासी के साथ हुए पेशाब कांड के इसी पीड़ित ऋतिक चौधरी की बीती रात संदिग्ध हालत में मौत हो गई. मृतक के माता पिता ने उन्हीं दबंगों पर अपने इकलौते बेटे ऋतिक की हत्या का आरोप लगाया है जिन्होंने पिछले साल भी ऋतिक के साथ मारपीट की थी और उसके ऊपर पेशाब करने जैसी घिनौनी हरकत का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया था.

मंगलवार की सुबह पोस्ट मार्टम हाउस के बाहर अपने बेटे के शव मिलने का इंतजार कर रहे ऋतिक के माता पिता ने बताया कि रात डेढ़ बजे राहुल नाम के एक लड़के का फोन आया और उन्हें बताया कि उनका बेटा ऋतिक मेडिकल हॉस्पिटल की इमरजेंसी में भर्ती है. जब ये लोग मेडिकल हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि तीन लड़के ऋतिक को कंधे पर लाद कर लाए थे, जांच करने पर डॉक्टर ने ऋतिक को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद दो लड़के फरार हो गए, राहुल नाम के एक लड़के को हॉस्पिटल स्टाफ ने फोर्सफुली रोका और पुलिस के हवाले कर दिया.

ऋतिक की सूचना देने वाले राहुल को फिलहाल पुलिस ने हिरासत में लिया है, अब तक की जांच में पुलिस ने बताया कि ऋतिक सहित 4 युवकों ने अभिनंदन गेस्ट हाउस में एक कमरा बुक किया था, रात में चारों ने शराब पार्टी की जिसमें ऋतिक की तबियत खराब हो गई, इसलिए उसके साथियों ने उसे मेडिकल हॉस्पिटल की इमरजेंसी में भर्ती करा दिया. ऋतिक के साथ शराब पार्टी करने वाले तीनों युवकों में कोई भी पिछले साल हुई पेशाब कांड का आरोपी नहीं है, इसलिए अभी हत्या कहना जल्दबाजी होगी.

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पुलिस के अनुसार ऋतिक की मौत अभी संदिग्ध है, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण सामने आएगा. जबकि ऋतिक के पिता करण चौधरी कहते हैं कि एक साल बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक पिछली घटना के आरोपीयों को गिरफ्तार नहीं किया है. उन्हें कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाई है, इसलिए फरार चल रहे हैं.

पेशाब कांड के आरोपी सालभर से उन्हें बार बार केस वापस लेने के लिए धमकियां दे रहे थे, इस बीच ऋतिक और उनके पिता पर हमला भी किया गया था. उन्होंने बार बार इन धमकियों की सूचना थाने से लेकर ADG तक दी, मगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त रुख नहीं अपनाया. यदि पुलिस ने उचित कार्यवाही की होती तो आज उनके इकलौते बेटे को हत्या न होती. करण चौधरी के परिवार में दो बेटियां हैं ऋतिक उनका एक ही बेटा था.

उस मामले में ऋतिक के पिता करण चौधरी की तरफ से मेरठ के थाना मेडिकल कॉलेज में 7 युवकों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी, जिनमें आशीष, राजन, मोहित और अवि यानी 4 आरोपी नामजद थे और 3 अन्य अज्ञात थे. पुलिस ने अपनी कार्यवाही में 3 अज्ञात को तो हटा ही दिया, बल्कि चारों नामजद के खिलाफ भी बेलेबल धाराओं में मुकदमा दर्ज किया, जिसकी वजह से तब चारों आरोपियों को खड़े खड़े जमानत मिल गई थी.

बाद में कोर्ट ने केस की गंभीरता को समझते हुए, हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए पुलिस के जांच अधिकारी को फटकार लगाई तब जाकर पुलिस ने अपहरण और आईटी एक्ट की धाराएं बढ़ाई थी. इसके बाद इस बड़ी हुई धाराओं में भी आरोपियों को जमानत कराने की जरूरत है, मगर ये आरोपी बेखौफ फरार घूम रहे हैं. (श्याम परमार की रिपोर्ट)


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