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'द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया सबसे हिंसक दौर में है' : बांग्लादेश अराजकता पर CDS अनिल चौहान

बांग्लादेश संकट ने बढ़ाई भारत की चिंता

बांग्लादेश संकट ने दुनियभार के कई देशों की चिंता बढ़ा दी है. वहीं पड़ोसी मुल्क होने के नाते बांग्लादेश के विपरीत हालातों का भारत पर काफी हद तक असर पड़ सकता है. इसलिए भारत में भी हलचल तेज हो गई. विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाद बांग्लादेश के संकट पर CDS अनिल चौहान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने बांग्लादेश के बिगड़े हालातों पर कहा  कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया सबसे हिंसक दौर में है.

बांग्लादेश संकट पर CDS अनिल चौहान ने बोलीं ये बात

बांग्लादेश संकट पर CDS अनिल चौहान ने कहा, “जब हम अपने चारों ओर देखते हैं, तो हम ये पाते हैं कि दुनिया उथल-पुथल के दौर में है. वैश्विक भू-राजनीतिक वातावरण में उतार-चढ़ाव की स्थिति है. मेरा मानना ​​है कि हम बड़े वैश्विक समस्याओं के दौर से गुज़र रहे हैं… वैश्विक सुरक्षा वातावरण दो बड़े युद्धों से बदल गया है. हालांकि, लीबिया, सीरिया, यमन और आर्मेनिया में युद्ध फिलहाल शांत हो गया है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से दुनिया सबसे हिंसक दौर में है…”

बांग्लादेश संकट पर दुनियाभर की नजर

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर हुई हिंसा और उसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद देश में आए राजनीतिक संकट गहराया है. बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर भारत, अमेरिका और यूके समेत दुनियाभर के देश चिंता जता चुके हैं. बांग्लादेश में हुई हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि अब धीरे-धीरे हालातों को सामान्य करने की बात कही जा रही है.

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बांग्लादेश की अस्थिरता भारत के लिए क्यों चिंता का सबब

बांग्लादेश, भारत के साथ लंबी सीमा साझा करता है, वहीं पड़ोसी मुल्क के साथ भारत के कूटनीतिक संबंध भी काफी बढ़िया रहे हैं. ऐसे में बांग्लादेश में पैदा हुई अस्थिरता की स्थिति भारत के लिए परेशानी का सबब है. यही वजह है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर बयान देते हुए बताया कि बांंग्लादेश की स्थिति पर हमारी नजर हैं. जहां सभी दलों की मीटिंग में भी विदेश मंत्री ने तमाम दलों के नेताओं को बांग्लादेश के हालात से रूबरू कराया. वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर उन्होंने राज्य सभा में भी बयान दिया.


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