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तब नेहरू ने ड्रामा किया था, शहजादे ने भी कैबिनेट नोट फाड़ा… संविधान को लेकर PM मोदी का पूरे गांधी परिवार को जवाब

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok sabha election 2024) को लेकर 4 चरण के मतदान हो चुके हैं. पांचवें चरण के लिए सोमवार को वोट डाले जाएंगे. पीएम मोदी (PM Modi) ने एनडीए के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा है. विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि संविधान में बदलाव के लिए 400 सीटों का लक्ष्य रखा गया है. विपक्षी दलों की तरफ से बीजेपी पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि अगले टर्म में संविधान में परिवर्तन करने की योजना है.

The Hindkeshariके साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (Exclusive interview) में पीएम मोदी ने कहा कि 400 सीटों को संविधान बदलने की बात से जोड़ना मूर्खतापूर्वक है. सवाल यह है कि ये लोग हाउस को चलने ही नहीं देना चाहते हैं. दुनिया जब 400 सीटों को देखती है, तो उन्‍हें लगता है कि हां कुछ बात है. 

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कांग्रेस ने संविधान का क्‍या किया? ये संविधान की बातें करते हैं. कांग्रेस के संविधान का क्‍या हुआ मैं पूछता हूं? क्‍या ये परिवार कांग्रेस पार्टी के संविधान को स्‍वीकार करता है? आपको याद होगा कि टंडन जी (पुरुषोत्तम दास टंडन) को कांग्रेस पार्टी का अध्‍यक्ष बनाया गया था. संविधान के तहत बने थे. नेहरू जी को टंडन जी मंजूर नहीं थे. फिर नेहरू जी ने ड्रामा किया और बोले कि मैं कार्यसमिति में नहीं रहूंगा. पूछा क्‍यों, क्‍योंकि इनको… आखिरकार, कांग्रेस पार्टी को इलेक्‍टेड राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष को हटाना पड़ा, इस परिवार को खुश करने के लिए.

सीताराम केसरी कांग्रेस के अध्‍यक्ष थे… व्‍यवस्‍था के तहत बने हुए थे. किसी ने मुझे बताया कि उनको बाथरूम में बंद कर दिया गया. रातोंरात उठाकर बाहर फेंक दिया और मेडम सोनिया गांधी जी कांग्रेस की अध्‍यक्ष बन गईं. 

PM मोदी का Full इंटरव्यू यहां पढ़ें

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नेहरु ने संविधान की पहली प्रति को डिब्बे में डाल दिया

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे पास जानकारी नहीं है, लेकिन मेरे मन में सवाल उठता है कि जो इस प्रकार से कांग्रेस पार्टी पर कब्‍जा करते हैं, मैं जानना चाहूंगा कि आज कांग्रेस के जितने पदाधिकारी हैं, वे कब कांग्रेस के मेंबर बने थे? देश को वो डिक्‍लेयर करें, अपने संविधान के हिसाब से.  अब बताइए ये संविधान की बात बोलने का उनको हक है क्‍या. दूसरा इन्‍होंने संविधान के साथ क्‍या किया, मैं तो कहता हूं कि जो पहला संविधान बना उसकी एक आत्‍मा भी है और शब्‍द भी.आत्‍माा क्‍या थी- संविधान निर्माताओं ने बड़ी बुद्धिमानी की थी कि जो लिखित में चीज रखी जाएगी, वो वर्तमान और भविष्‍य के लिए होगी. लेकिन हमारा एक भव्‍य भूतकाल भी है, हमारी भव्‍य विरासत है, उसका क्‍या करेंगे. तब तो संविधान बहुत बड़ा हो जाएगा, तो उन्‍होंने बड़ी बुद्धिपूर्वक संविधान को चित्रों के मढ़ा. ये सारे चित्र भारत की हजारों साल की विरासत है. रामायण हो, महाभारत हो सारी चीजें उसमें हैं. पंडित नेहरू ने पहला काम क्‍या किया, संविधान की इस पहली प्रति को डिब्‍बे में डाल दिया और बाद में जो संविधान छपा वो इन चित्रों के बिना था. यानि इन्‍होंने उन चित्रों को काट दिया और 15 अगस्‍त के बाद का हिंदुस्‍तान शुरू कर दिया, अपने परिवार की जय-जयकार करने के लिए.

पंडित नेहरू ने संविधान की आत्‍मा पर प्रहार किया… पहला संशोधन पंडित नेहरू ने अभिव्‍यक्ति की आजादी पर कैंची चलाने का किया. ये संविधान की आत्‍मा पर पहला प्रहार था. फिर संविधान की भावना पर उन्‍होंने प्रहार किया. इन्‍होंने अनुच्‍छेद-356 का दुरुपयोग करके 100 बार उन्‍होंने देश की सरकारों को तोड़ा. फिर इमरजेंसी लेकर आए. एक तरीके से तो उन्‍होंने संविधान को डस्‍टबीन में डाल दिया. 

जो चारा चोरी में जेल में बैठे हुए हैं वो संविधान की बात करते हैं: PM मोदी

इस हद तक  उन्‍होंने संविधान का अपमान किया. फिर उनके बेटे आए… पहले नेहरू जी ने पाप किया, फिर इंदिरा गांधी ने किया, फिर राजीव गांधी आए. राजीव गांधी तो मीडिया को कंट्रोल करने के लिए एक कानून ला रहे थे. शाहबानो का सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट उखाड़कर फेंक दिया और संविधान को बदल दिया, क्‍योंकि वोटबैंक की राजनीति करनी थी. वो चुनाव के दिन थे, इसलिए वो रुक गए. फिर उनके सुपुत्र आए, शहजादे जी… वो तो कुछ हैं ही नहीं एक एमपी के सिवा. कैबिनेट के निर्णय को उन्‍होंने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के अंदर फाड़ दिया. ये संविधान की बातें करते हैं.

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जो चारा चोरी में जेल में बैठे हुए हैं, जिन्‍हें बीमारी के कारण जेल से बाहर आने की इजाजत मिली है, वो संविधान-संविधान की बातें करते हैं. जिन्‍होंने संविधान की सारी भावनाओं को तोड़ते हुए जब ‘वुमेन आरक्षण बिल’ आया था, तो पार्लियमेंट के अंदर उन्‍होंने बिल की प्रति को छीना और फाड़ दिया और संसद को वो आखिरी दिन था. संविधान के साथ घोर अपमान करने वाले लोग आज संविधान सिर पर रखकर नाच रहे हैं. ये झूठ बोल रहे हैं.

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