"कांग्रेस की हार पर आत्मचिंतन की जरूरत": राजस्थान चुनाव में मिली हार पर सचिन पायलट
खास बातें
- राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा की 199 सीट पर मतदान हुए थे
- कांग्रेस को बीजेपी से करारी हार मिली है
- सरकार रिपीट करना हम सब का उद्देश्य था लेकिन हम विफल रहे: पायलट
जयपुर:
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है. पायलट ने टोंक में संवाददाताओं से कहा,‘‘ हम लोगों ने पूरी ताकत लगाई,सारी मेहनत की. लेकिन हर बार हम सरकार बनाने के बाद उसे रिपीट नहीं कर पाते हैं.. इस बार भी वही हुआ. इस बात का खेद हम सभी को है और इस पर चिंतन भी करना पड़ेगा और आत्मचिंतन भी करना पडेगा. हर स्तर पर विचार करना होगा कि कहां कमियां रहीं और वे कौन-से कारण थे जिनकी वजहों से हम सरकार दुबारा नहीं बना पाये.”
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उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता मंगलवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में पार्टी की हार के कारणों और भविष्य की रणनीति पर चर्चा करेंगे. राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा की 199 सीट पर मतदान हुआ जिसके वोटों की गिनती रविवार को की गई. इसमें भाजपा को 115 सीट के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीट पर सिमट गई.
पायलट ने कहा,‘‘सरकार रिपीट करना हम सब का उद्देश्य था लेकिन हम विफल रहे. हम बहुत ईमानदारी से इसका विश्लेषण करेंगे कि कहा कमियां रह गईं.”
उन्होंने कहा,‘‘ पांच महीने के बाद लोकसभा चुनाव हैं. हम सरकार नहीं बना पाये हैं लेकिन एक मजबूत और सशक्त विपक्ष बन कर हम काम करेंगे. हम जनता की आवाज बनकर काम करेंगे.”
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक विशेषाधिकारी (ओएसडी) लोेकेश शर्मा के बयान पर पायलट ने कहा,‘‘वह बडा आश्चर्यजनक (बयान) है क्योंकि वह मुख्यमंत्री के ओएसडी का बयान है …इसलिए चिंता का विषय भी है.”
उन्होंने कहा ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि पार्टी इस पर ध्यान देगी कि ऐसा क्यों कहा गया… क्या सच है-. क्या झूठ है. लेकिन उन्होंने ऐसा बोला है तो मैं समझता हूं कि यह अपने आप में बड़ी चिंता का विषय है.”
शर्मा ने रविवार को विधानसभा चुनाव में हार के लिए गहलोत को जिम्मेदार ठहराया था.
वह इस विधानसभा चुनाव में टिकट मांग रहे थे हालांकि पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया.
शर्मा ने रविवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा,‘‘कांग्रेस पार्टी राजस्थान में निःसंदेह रिवाज बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत की शिकस्त है.”
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)