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बांग्लादेश में कोई अल्पसंख्यक नहीं, सब एक परिवार… हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर The Hindkeshariसे बोलीं शर्मीन मुर्शीद


दिल्ली:

बांग्लादेश में तख्तापलट (Bangladesh) और शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां की कार्यवाहक सरकार हालात सुधारने की कोशिश कर रही है. बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार की सलाहकार शर्मीन मुर्शिद ने The Hindkeshariसे खास बातचीत में बताया कि बांग्लादेश की नई कार्यवाहक सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए क्या कर रही है. बांग्लादेश की नई सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और भरोसेमंद मदद के लिए क्या कर रही है? इस सवाल के जवाब में शर्मीन मुर्शिद ने कहा कि हमारी सरकार के लिए हर समुदाय एक ही परिवार का हिस्सा है. उनकी सरकार किसी को भी अल्पसंख्यक नहीं कहना चाहती है.

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 हिंसा के लिए राजनीतिक उथल-पुथल जिम्मेदार

बांग्‍लादेश में हिंदुओं पर होने वाले हमलों को लेकर शर्मीन मुर्शिद ने कहा कि मोहम्मद यूनुस का कहना है कि कोई अल्पसंख्यक नहीं है, हम एक परिवार हैं. जो भी हिंसा हुई, उस दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया कि जो भी हिंसा हुई वह राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से हुई, न कि सांप्रदायिकता की वजह से. कुछ लोग राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं. वह नई सरकार से परेशान हैं. शर्मीन मुर्शिद ने कहा देश के युवाओं को हम आगे की जिम्‍मेदारी के लिए तैयार कर रहे हैं.हम सभी को साथ लेकर आगे बढ़ेंगे. हम फंडामेंटल फिलोसिफिकल बदलाव करने पर काम कर रहे हैं.  

हमारे युवा मंदिरों और समुदायों की रक्षा कर रहे

अल्पसंख्यक समुदाय का एक बड़ा हिस्सा अवामी लीग को समर्थन करता है. उनको ही तथाकथित अल्पसंख्यक कहा जा रहा है. ये वो लोग हैं जो राजनीतिक दल के प्रति वफादारी रखते हैं. आप जानते हैं कि अवामी लीग ने अपने ही लोगों पर कितनी हिंसा की. इसके बदले प्रतिक्रिया सामने आई, जो कि उसके ही खिलाफ रही. कितनों की जान चली गई. इसको अल्पसंख्यकों और हिंदुओं पर होने वाले हमलों के रूप में नहीं देखना चाहिए. हमारे युवाओं ने मस्जिदों के साथ ही मंदिरों और समुदायों की रक्षा की. हालांकि, हम ये नहीं कर रहे कि हमले नहीं हुए.”

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राजनीतिक दल खींच रहे सांप्रदायिकता की लकीर

इसे खामी की तरह न लिया जाए. यह समझने की जरूरत है कि बांग्लादेश एक सांप्रदायिक राष्ट्र नहीं हैं. सांप्रदायिकता की लकीर खींचने में राजनीतिक दलों का हाथ है. हमारी सरकार इसे सुधारेगी. हम ऐसा नहीं होने देंगे . इस मौके का लाभ उठाते हुए मैं अपने भारतीय दर्शकों से कहूंगी कि इसके बारे में संवेदनशील रहें और याद रखें कि दक्षिण एशिया के इस क्षेत्र में हमारा सांप्रदायिक संघर्षों का एक लंबा इतिहास रहा है. भारत में जो कुछ भी होता है उसका हम पर प्रभाव पड़ता है. आप जानते हैं कि ईसाइयों पर, मुसलमानों पर या त्रिपुरावासियों या मणिपुर में हिंसा होती है तो इसका सीधा असर बांग्लादेश की सुरक्षा पर पड़ता है. 

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देश में सामान्य स्थिति हो रही बहाल

शर्मिन मुर्शिद ने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता देश में कानून व्यवस्था को बहाल करना है. हम इस तरह की स्थितियां बहाल करना चाहते हैं,  जिसमें लोकतांत्रिक रूप से चुनाव हो सके. हमारी प्राथमिकता है कि देश में सुशासन कायम हो. उन्होंने कहा कि देश अब सामान्य स्थिति में वापस लौट रहा है.



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