कुछ तो बात है! 'सरकार से बड़ा है संगठन…' नड्डा के सामने केशव मौर्य किसे सुना रहे थे?
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश बीजेपी में इन दिनों एक नई बहस शुरू हो गई है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का एक बयान इसकी वजह बना है. डिप्टी सीएम मौर्य ने यूपी बीजेपी की कार्यसमिति की बैठक के दौरान संगठन को सरकार से बड़ा बता दिया. उनके इस बयान पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर तालियां भी बजाईं, लेकिन इस बयान ने कई सवाल और कई चर्चाएं भी शुरू कर दी.
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और बड़ा रहेगा. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने इस बयान ने एक नया मुद्दा खड़ा कर दिया है.
केशव प्रसाद मौर्य के बयान ने बटोरीं तालियां
लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें कम होने के बाद जहां जेपी नड्डा से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यकर्ताओं की हताशा दूर करने की कोशिश कर रहे थे, वहीं केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन को सरकार से बड़ा बताकर तालियां तो बटोरीं ही, नई बहस भी छेड़ दी. सवाल उठाए जा रहे हैं कि केशव मौर्य ने ये बयान महज कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए दिया था या मक़सद कुछ बड़ा संदेश देने का था?
अति-उत्साह ठीक नहीं- बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में सीएम योगी
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में कहा कि अति-उत्साह ठीक नहीं है, लेकिन कार्यकर्ताओं को ना हताश होने की ज़रूरत है और ना बैकफुट पर आने की. मुख्यमंत्री ने 2014 से 2022 तक जीत का ज़िक्र करते हुए आगे के चुनावों की तैयारी की बात कही.
बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव की संभावना
फ़िलहाल केशव प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद राजनीति तेज़ हो गई है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में हार की वजहें तलाश रही बीजेपी हार के कारण समझने के बाद संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है. सवाल भी है कि क्या केशव प्रसाद मौर्य सरकार छोड़कर वापस संगठन में आएंगे या फिर उनका ये बयान कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए दिया गया था?