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संसद की सुरक्षा में चूक: पुलिस ने पांचवां आरोपी पकड़ा, कुछ दिन पहले रची गई थी साजिश

उन्होंने कहा कि सभी छह लोग एक-दूसरे को चार साल से जानते थे और उन्होंने कुछ दिन पहले साजिश रची थी. सूत्रों ने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया मंचों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने रेकी की थी.

सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कक्ष कूद गए और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया.

लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ आदि नारे लगाए.

सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई. पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद संगठनों के आतंकवादियों ने 2001 में आज ही के दिन संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोगों की मौत हो गई थी.

सागर, मनोरंजन, अमोल और नीलम अब पुलिस हिरासत में हैं. संसद पहुंचने से पहले आरोपी विशाल के घर रुके थे और विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि उनके अन्य साथी ललित की तलाश की जा रही है.

इन घटनाओं के बाद पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर संसद के आसपास के इलाके की सुरक्षा कड़ी कर दी गई.

अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा को दोनों घटनाओं की जांच का जिम्मा सौंपा गया है.

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, पूछताछ में अमोल ने बताया कि वे कथित तौर पर किसान आंदोलन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से परेशान थे, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया.

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इस संबंध में एक अधिकारी ने कहा, “उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन्हें किसी व्यक्ति या किसी संगठन ने निर्देश दिया था.”

सागर, मनोरंजन, अमोल, नीलम और ललित मंगलवार रात गुरुग्राम में विशाल के यहां रुके थे. सुबह वे संसद के लिए निकले.अधिकारी ने कहा कि विशाल शर्मा पहले एक निर्यात कंपनी में चालक था लेकिन बाद में वह ऑटोरिक्शा चलाने लगा था. उसके पड़ोसियों ने दावा किया कि वह शराब का आदी है और अकसर अपनी पत्नी से झगड़ा करता था.उन्होंने कहा कि पुलिस ने विशाल की पत्नी को भी हिरासत में लिया है और घटना में उसकी संभावित भूमिका की जांच की जा रही है.

इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, “सभी छह आरोपी संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला.’ उन्होंने बताया कि ललित ने अमोल और नीलम का संसद परिसर के बाहर कैन से धुआं फैलाने वीडियो बनाया था.

वीडियो को ललित ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था. पुलिस ने कहा कि उसने नीलम, अमोल, सागर और मनोरंजन के मोबाइल फोन भी अपने पास रख लिए थे.

पुलिस के एक सूत्र ने कहा, ‘आरोपियों के पास से मोबाइल फोन नहीं मिले हैं और पुलिस उनके फोन की तलाश कर रही है.’

हरियाणा के जींद की रहने वाली नीलम (30) ने पुलिस को बताया कि वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी और उसने एमए, बीएड, एमएड, सीटीईटी, एमफिल किया है और नेट पास किया है.

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पुलिसकर्मी जब महिला को लेकर जा रहे थे तब उसने पत्रकारों से कहा कि वह किसी भी संगठन से संबंधित नहीं है और छात्रा है.उसने कहा, “मेरा नाम नीलम है. भारत सरकार हम पर जुल्म कर रही है. जब हम अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं तो हमें पीटा जाता है और जेल में डाल दिया जाता है. हम पर अनुचित दबाव डाला जाता है. हम किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं. हम विद्यार्थी हैं और हम बेरोजगार हैं.”

नीलम ने कहा, ‘हमारे माता-पिता मजदूर, किसान हैं और कुछ के छोटे दुकानदार हैं. हमारी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. तानाशाही नहीं चलेगी.’

सूत्रों ने कहा कि भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के कहने पर शून्यकाल के दौरान लोकसभा कक्ष में कूदे दोनों लोगों को दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए पास जारी किए गए थे. उन्होंने बताया कि सिम्हा मनोरंजन को जानते थे क्योंकि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र मैसूरु से था और अकसर सांसद के कार्यालय में आता था.

उन्होंने कहा कि मनोरंजन ने सांसद के कार्यालय में सागर का एक दोस्त के रूप में दिया और नए संसद भवन का दौरा करने के बहाने पास जारी कराए.

महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला अमोल स्नातक है लेकिन बेरोजगार है. दिल्ली पुलिस के आयुक्त संजय अरोड़ा ने दो बार हुई सुरक्षा चूक के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए संसद का दौरा किया.

वैज्ञानिक और अन्य साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए फॉरेंसिक दलों ने संसद का दौरा किया.

(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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