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अमेठी में फिर होगा स्मृति ईरानी और राहुल गांधी का मुकाबला? जानें इस सीट का सियासी गुणा-गणित

2019 के चुनाव में अमेठी सीट पर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की तारीखों का ऐलान जल्द किया जाएगा. इससे पहले बीजेपी-कांग्रेस (BJP-Congress) समेत तमाम पार्टियां उम्मीदवार चुनने में लगी हैं. बीजेपी ने 2 मार्च को पहली लिस्ट जारी करते हुए 195 सीटों पर उम्मीदवार फाइनल कर दिए. कांग्रेस के भीतर भी उम्मीदवारों के नाम पर मंथन जारी है, लेकिन अब तक कोई लिस्ट जारी नहीं की गई है. कांग्रेस सेंट्रल इलेक्शन कमिटी (CEC) की मीटिंग गुरुवार को होने जा रही है. CEC की मीटिंग में 100-125 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लग सकती है. सूत्रों के मुताबिक, इस बार राहुल गांधी (Rahul Gandhi) केरल की वायानाड और यूपी की अमेठी सीट से चुनाव लड़ेंगे. जबकि प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) रायबरेली सीट से डेब्यू करेंगी. सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने राज्यसभा के लिए ये सीट छोड़ी थी. सोनिया राजस्थान से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुनी गई हैं. ऐसे में अमेठी में इस बार भी राहुल गांधी और स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बीच दिलचस्प मुकाबला होगा.

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अमेठी सीट पर हमेशा गांधी परिवार का दबदबा रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी यहां से लगातार तीन बार सांसद रहे. लेकिन, 2019 के चुनाव में स्मृति ईरानी के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी इस बार भी स्मृति ईरानी को यहां से प्रत्याशी बना सकती है. 

अमेठी में आते हैं 5 विधानसभा क्षेत्र

अमेठी में 5 विधानसभा क्षेत्र तिलोई, सलोन, जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी हैं. इनमें से तीन सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि दो सीटें सपा ने जीती थी. हालांकि, हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में दोनों सपा विधायक बीजेपी के पक्ष में दिखाई दिए. इस तरह से अब ये पांचों सीटें बीजेपी के प्रभाव वाली हो गई हैं. 

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समझिए जातिगत समीकरण

अमेठी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र 1967 में बनाया गया था. तभी से अमेठी नेहरू-गांधी परिवार का गढ़ रहा है. संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी इस सीट से सांसद चुने गए थे. 2013 में अमेठी की जनसंख्या 15,00,000 थी. जातिगत समीकरण के अनुसार यहां 66.5 प्रतिशत हिंदू हैं और मुस्लिम 33.04 प्रतिशत हैं. 

 2019 में कैसे रहे नतीजे?

 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें, तो स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. स्मृति ईरानी को 4 लाख 68 हजार से ज्यादा वोट मिले थे. राहुल गांधी को 4 लाख 13 हजार वोट मिले. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इस सीट पर बीजेपी को कुल वोट का 49.71 प्रतिशत और राहुल गांधी को 43.84 प्रतिशत वोट मिला. तीसरे नंबर पर एक निर्दलीय प्रत्याशी रहा था. 

कैसे गिरता गया राहुल का वोट प्रतिशत?

साल 2004 के लोकसभा चुनाव से राजनीतिक सफर शुरू करने वाले राहुल गांधी को अमेठी की जनता ने सिर-आंखों पर बैठाया। पहली बार उन्हें करीब 67 प्रतिशत वोट मिले। जो कि साल 2009 में 72 प्रतिशत तक पहुंच गए।

कैसे गिरता गया राहुल गांधी का वोट पर्सेंटेज?

साल 2014 में अमेठी में बीजेपी ने स्मृति ईरानी की एंट्री कराई. मोदी लहर में राहुल गांधी का वोट प्रतिशत घटकर 47 तक पहुंच गया था. जबकि स्मृति ईरानी को करीब 34 प्रतिशत वोट मिले. इससे स्मृति के लिए जमीन तैयार हो गई. 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को चुनाव में हरा दिया. 

 

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