Women’s Day Special: महिला सशक्तिकरण पर बनी ये 8 फिल्में जो हर औरत को जरूर देखनी चाहिए

नई दिल्ली:
International Women’s Day: 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. ये दिन बहुत ही खास है. देखा जाए तो महिलाओं के अधिकारों और उनके सम्मान का ये दिन उनके लिए बेहद खास और अहम है, इसीलिए समाज में अपना अहम योगदान देने वाली बॉलीवुड फिल्मों की बात करते हैं जिन्होंने महिलाओं को उनकी आवाज को बुलंद किया उन्हें हौसला दिया है और समाज में एक समानता और बराबरी का संदेश दिया है.
नारी के बिना पुरुष अधूरा है, नारी से ही घर पूरा है, इन पंक्तियों को झुठलाया नहीं जा सकता क्योंकि पुरुष नारी के बिना सही में अधूरा है क्योंकि पुरुष के जीवन में नारी की भूमिका किसी न किसी रुप में रहती ही है फिर चाहे वह एक मां, बहन , बेटी, पत्नी, दोस्त या फिर प्रेमिका ही क्यों न हो, वहीं बॉलीवुड जो समाज में अपनी छाप हमेशा छोड़ने में कामयाब रहा है महिला दिवस पर उसे भूला नहीं जा सकता क्योंकि महिलाओं की परेशानियां और उनकी दिक्कतों को उजागर करने के साथ-साथ सिनेमा ने महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक भी किया है तो आइए आज हम जानेंगे ऐसी ही कुछ फिल्मों के बारे में जो महिलाओं के संघर्ष और जीवन पर आधारित हैं.
लापता लेडीज
पिछले साल 1 मार्च को सिनेमाघर में रिलीज होने वाली फिल्म ‘लापता लेडीज’जिसको किरण राव ने डायरेक्ट किया इस फिल्म ने महिलाओं के सम्मान के साथ-साथ बाल विवाह और घूंघट की प्रथा को बहुत ही खूबसूरती के साथ दिखाया गया है.
मिसेज
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘मिसेज’ जो आरती कडव के निर्देशन में बनाई गई इस फिल्म में महिलाओं पर शादी के बाद हो रहे शोषण के बारे में दिखाया और शादी के बाद एक पढ़ी लिखी घरेलू महिलाओं को किन दिक्कतों और परेशानियों का सामना करना पड़ता है उसे दर्शाया है.

मर्दानी और मर्दानी
‘मर्दानी और मर्दानी 2’ दोनों ही बॉलीवुड की ऐसी फिल्में रहीं जिसमें महिलाओं पर हुए अत्याचार को बेहद बढ़िया तरीके से दिखाया गया इस फिल्म की सबसे खास बात यह भी रही की महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को एक महिला अफसर ने ही संभाला,फिल्म में महिला अफसर का किरदार रानी मुखर्जी ने निभाया.

पिंक
महिलाओं के कपड़ों और चरित्र पर सवाल उठाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देती फिल्म ‘पिंक’ जो कि 2016 में रिलीज हुई और इसका निर्देशन अनिरुद्द रॉय चौधरी ने किया जिसको लोगों ने खूब पसंद भी किया.

छपाक
महिलाओं पर किए जा रहे एसिड अटैक के खिलाफ बनी फिल्म ‘छपाक’ का निर्देशन मेघना गुलजार ने किया और फिल्म में मुख्य किरदार दीपिका पादुकोण ने निभाया जिसकी काफी सराहना भी की गई.

थप्पड़
महिलाओं पर पति द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का उदाहरण है फिल्म ‘थप्पड़’ जिसका निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया, फिल्म के अंदर पति द्वारा पत्नी पर किए जा रहे हिंसा को दिखाया है.

गंगूबाई काठियावाड़ी
संजय लीला बंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’साल 2022 में रिलीज हुई जिसमें लोग आलिया भट्ट की एक्टिंग के मुरीद भी हुए.

नीरजा
फिल्म ‘नीरजा’महिला के साहस को दर्शाती है जिसका निर्देशन राम माधवानी ने किया और यह 23 साल की लड़की के जीवन पर आधारित एक असली कहानी पर बनीं हुई फिल्म है जो कि 1986 में 4 आतंकवादियों के चंगुल से 359 यात्रियों की जान बचाने में सफल होती है लेकिन अपनी जान उनको बचाते समय खो देती है.

इन फिल्मों के अलावा कई ऐसी फिल्में है जिन्होंने अपनी छाप समाज पर छोड़ी और लोगों को एक गहरा संदेश भी दिया जिसमें टॉयलेट एक प्रेम कथा, इंग्लिश-विंग्लिश, बुर्खा अंडर माय बुर्का शामिल है.