देश

वो गाड़ियों से लदकर आए, जिसे देखा मार दी गोली… मणिपुर हिंसा में परिवार के 8 सदस्यों को खो चुके भाइयों की आपबीती


इंफाल:

नॉर्थ ईस्ट राज्य मणिपुर 3 मई 2023 से कई महीनों तक जातीय हिंसा झेली. अब बीते कुछ दिनों में राज्य में फिर से हिंसा की आग सुलगने लगी है. विधायकों-मंत्रियों के घरों पर हमले हो रहे हैं. घरों में घुसकर लोगों की हत्या कर दी जा रही है. इस बार हिंसा का सेंटर जिरीबाम जिला है. 11 नवंबर को जिरीबाम जिले में कूकी उग्रवादियों के कई घरों को निशाना बनाया. कुछ लोगों को किडनैप किया गया, जबकि कइयों को मौत के घाट उतार दिया गया. इस हमले के दौरान खेतों में छुपे दो नाबालिग भाइयों ने अब अपनी आपबीती सुनाई है. नाबालिग भाई-बहनों ने बताया कि कैसे भीड़ ने उनके परिवार के सदस्यों को काट डाला. वो बंदूक की नोक पर उनके परिवार के बाकी लोगों को अपने साथ लेकर गए.

असम के सिलचर से जिरिबाम सिर्फ 48 किमी दूर है. The Hindkeshariने हिंसा का दर्द झेल चुके इन नाबालिग बच्चों से बात की है. नाबालिग होने और इस मामले के चश्मदीद गवाह होने के नाते इनकी पहचान उजागर नहीं की जा रही है. इन बच्चों की मां तेलम थोइबी देवी (31) और 8 साल की छोटी बहन समेत परिवार के 6 लोगों की संदिग्ध कूकी उग्रवादियों ने हत्या कर दी है. मरने वालों में इन बच्चों की दादी, मौसी और 3 साल का भाई और एक नवजात भी शामिल है.

मणिपुर में ताजा हिंसा के मद्देनजर 10,000 से अधिक अतिरिक्त सैनिकों की होगी तैनाती

12 साल के बच्चे ने कहा, “जब हमला हुआ तो मैं खेत में छिपा हुआ था. मैं उठ नहीं सका, क्योंकि मुझे गोली लगने का डर था.” उसने बताया, “हमले से पहले मैं अपने चाचा के घर पर था. इससे 4 घर छोड़कर 5वें घर में मेरा परिवार रहता था. जब मैंने देखा, तो कूकी समुदाय के लोग चिल्लाते हुए मेरे घर की तरफ आ रहे थे. वहां CRPF तैनात रहती थी, लेकिन हमले के दौरान वो सभी लंच के लिए निकल गए. सिर्फ एक जवान वहां मौजूद थे.” 

इस बच्चे की मां की सड़ी-गली लाश जिरीबाम के नदी के किनारे से बरामद हुई थी. शरीर पर 4 गोली के निशान थे. थोइबी देवी अटॉप्सी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उनकी दोनों आंखें निकाल दी गई थीं. उनके सिर पर भी गहरे घाव के निशान मिले हैं. खोपड़ी की हड्डी टूटकर अंदर धंस गई थी. चेहरा कुचला गया था.

यह भी पढ़ें :-  ' The Hindkeshariवर्ल्ड समिट में सोमवार को भारत की प्रगति के बारे में बात करूंगा': PM मोदी ने X पर किया पोस्ट

12 साल के लड़के ने बताया कि जिरीबाम के बोरोबेक्रा गांव में हमलावरों में महिलाएं भी शामिल थीं. उसने कहा, “वे दो खचाखच भरी गाड़ियों से आए. कुछ लोग पैदल भी आ रहे थे. उन्होंने हमें चारों तरफ से घेर लिया. मैंने यह नहीं देखा कि वहां कितनी महिलाएं थीं, लेकिन मैंने उनके चेहरे देखे. मैंने उन्हें घरों में आग लगाते हुए नहीं देखा. लेकिन हमला करते देखा. मैं अपने चाचा और चाची के साथ खेत में छिप गया. मेरा भाई मेरी मां के साथ था. हमले के दौरान वह भागने में कामयाब रहा.”

मणिपुर में मैतेई परिवार की नृशंस हत्या का मामला, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए

तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े भाई (14 साल) ने बताया कि हमलावर ऑटोरिक्शा में आए थे. मैं अपनी मां, बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ था. उसने बताया, “वे हथियारबंद थे. उन लोगों ने घर पर गोलीबारी शुरू कर दी. हमें जबरन घर से निकाल दिया. उनमें से एक ने मेरी बांह पकड़ ली और बंदूक की बट से मेरे चेहरे पर वार किए. उन लोगों ने एक राउंड फायरिंग की. इस दौरान में जान बचाने के लिए भागने में कामयाब रहा. लेकिन मैंने देखा कि वो लोग बंदूक की नोक पर मेरे परिवार को अपने साथ लेकर गए.”

मणिपुर में नागरिक अक्सर किसी भी बड़े बख्तरबंद SUV या ट्रक को कैस्पर कहते हैं. ये उग्रवाद विरोधी अभियानों में इस्तेमाल किए जाने वाले कैस्पिर माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड (एमआरएपी) वाहन के नाम पर है. जिरीबाम में पुलिस ने गोलियों के कई छेद वाली एक सफेद SUV की तस्वीर जारी की थी, जिसके बारे में उनका दावा है कि ये गोलियां आतंकवादियों ने चलाई थीं.

यह भी पढ़ें :-  साइबर, समुद्री सुरक्षा के साथ-साथ पर्यटन और डिजिटल क्षेत्र में सहयोगी बनेगा इंडोनेशिया : PM मोदी

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुकी उग्रवादी दो समूहों में बंट गए थे, एक समूह ने 6 लोगों के परिवार को किडनैप किया. दूसरे समूह ने CRPF कैंप पर धावा बोला था. जिरीबाम के बोरोबेक्रा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप और पुलिस स्टेशन बराक नदी से 1 किमी से भी कम दूरी पर हैं. मैप में देखा जा सकता है कि यलो लाइन नदी और CRPF कैंप के बीच की दूरी (लगभग 600 मीटर) को दिखाती है. जबकि व्हाइट लाइन एक छोटी बस्ती और पुलिस स्टेशन (लगभग 350 मीटर) के बीच की दूरी को दर्शाती है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, यहीं पर कुकी उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन पर हमला करने के बाद घरों में आग लगा दी थी.

मणिपुर हिंसा की जांच NIA के हाथों में, 3 हालिया मामलों की जांच शुरू की

Latest and Breaking News on NDTV
CRPF और पुलिस ने 11 नवंबर को 10 संदिग्ध उग्रवादियों को मार गिराने का दावा किया था. इनमें 7 चुराचांदपुर और 3 फेरजावल जिले के थे. नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA की टीम इन लोगों के करीबियों की तलाश कर रही है.

इस बीच मणिपुर की इंफाल घाटी और जिरीबाम जिले में 13 दिनों के अंतराल के बाद शुक्रवार को स्कूल और कॉलेज फिर से खुल गए. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. शिक्षा निदेशालय और उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने गुरुवार को इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, काकचिंग, थौबल और जिरीबाम जिलों में कक्षाएं फिर से शुरू करने का आदेश दिया था.

मणिपुर में ‘कुकी उग्रवादियों’ ने 10 माह के बच्चे को गोली मारी, चाकू घोंपा, पोस्ट मार्टम में हुआ खुलासा

यह भी पढ़ें :-  Parliament Session LIVE: संसद में किसानों के मुद्दे पर हंगामे के आसार, लोकसभा में भारत-चीन संबंधों में बयान देंगे विदेशमंत्री


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button