कनाडा को चुनाव से पहले सता रहा ये डर, भारत-चीन को बताया 'विदेशी खतरा'
नई दिल्ली :
कनाडा (Canada) ने एक बार फिर भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कनाडा ने अपनी धरती पर एक खालिस्तानी आतंकवादी (Khalistani Terrorist) की हत्या में दिल्ली की भूमिका का आरोप लगाने के महीनों बाद भारत को एक ‘विदेशी खतरा’ बताया है, जो संभावित रूप से उनके चुनावों में हस्तक्षेप कर सकता है. भारत सरकार ने अभी तक कनाडा के ताज़ा आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. यह आरोप कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा ने ग्लोबल न्यूज द्वारा प्राप्त एक खुफिया रिपोर्ट में लगाया गया है.
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भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तनाव उस वक्त आया था, जब पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय भूमिका का दावा किया गया था. इसके बाद आरोपों और प्रत्यारोपों का जो दौर शुरू हुआ, वो अब तक जारी है. हालांकि, भारत ने कनाडा के शुरुआती आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.
कनाडा ने पहली बार लगाया भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप
भारत को खतरा बताने वाली रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि विदेशी हस्तक्षेप कनाडा के लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है. ग्लोबल न्यूज ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विदेशी हस्तक्षेप पारंपरिक कूटनीति से अलग है, क्योंकि इसमें सार्वजनिक कथाओं और नीति-निर्माण को प्रभावित करने के लिए गोपनीयता और धोखे का इस्तेमाल किया जाता है. यह पहली बार है जब कनाडा ने भारत पर चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है. यह आरोप चीन और रूस पहले से ही झेल रहे हैं.
चीन अब तक का सबसे महत्वपूर्ण खतरा
ताजा रिपोर्ट ‘ब्रीफिंग टू द मिनिस्टर ऑफ डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस ऑन फॉरेन इंटरफेरेंस’ में चीन को “अब तक का सबसे महत्वपूर्ण खतरा” बताया गया है. दस्तावेज़ में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का जिक्र करते हुए कहा गया है, “हम जानते हैं कि पीआरसी ने 2019 और 2021 के संघीय चुनावों को गुप्त रूप से प्रभावित करने की कोशिश की थी.” मीडिया ने कहा कि दस्तावेज़ के कुछ हिस्सों में केवल भारत और चीन का नाम सार्वजनिक किया गया है, जबकि इसका अधिकांश भाग काला कर दिया गया है. इसमें कहा गया है कि विदेशी हस्तक्षेप “संप्रभुता, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और मूल्यों को नष्ट करके” कनाडा और कनाडाई लोगों को नुकसान पहुंचाता है.
कनाडा के लोकतंत्र के ताने-बाने को कमजोर…
रिपोर्ट में कहा गया है, “एफआई (विदेशी हस्तक्षेप) गतिविधियां कनाडा के लोकतंत्र के ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं. बहुसांस्कृतिक समाज की कड़ी मेहनत से हासिल की गई सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर रही हैं और कनाडाई लोगों के अधिकारों का हनन कर रही हैं.” कनाडाई प्रधानमंत्री ने आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं.
पिछले साल दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर एक द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कनाडा में बढ़ती अलगाववादी गतिविधियों पर जस्टिन ट्रूडो को सख्ती से समझाने जाने के बाद से भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा हो गया था. उसके एक हफ्ते बाद, ट्रूडो ने विस्फोटक आरोप लगाया कि जून में सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर कनाडाई नागरिक और भारत में वांछित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या के पीछे “भारत सरकार के एजेंट” हो सकते हैं. भारत ने इस आरोप को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया है.
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