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ये युद्ध का युग नहीं… यूक्रेन दौरे से पहले PM मोदी का पोलैंड की धरती से दुनिया को बड़ा संदेश

पीएम मोदी ने इसी आपसी समझ को मज़बूती देने और आगे बढ़ाने के लिए जाम साहब यूथ एक्शन प्रोग्राम शुरु करने का ऐलान किया, जिसमें हर साल पोलैंड के 40 युवकों को भारत ले जाकर परिचय कराया जाएगा. ये पीपल टू पीपल कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाने की दिशा में एक क़दम है. पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय को ये भी ज़िम्मेदारी दी कि वे हर साल पांच पोलीश परिवार को भारत देखने के लिए प्रेरित करें और भेजें. पीएम के संबोधन में भारत की अर्थव्यवस्था की बढ़ती ताक़त और उसके हिसाब से अहम होती भूमिका का ज़िक्र रहा.

2047 तक भारत को विकसित देश बनाने पर ज़ोर

पीएम मोदी ने बताया कि विश्व में भारत की जनसंख्या की जितनी हिस्सेदारी है, भारत का ग्लोबल ग्रोथ उससे अधिक दर से बढ़ने लगा है. उन्होंने अपने तीसरे टर्म में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प फिर से दोहराया और 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने पर ज़ोर दिया. दूसरी तरफ़ पोलैंड भी आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरा है. अगले साल वो यूरोपीय संघ की अध्यक्षता करने जा रहा है. वह सेंट्रल और पूर्वी यूरोप का एक अत्यंत प्रभावशाली देश है और कई यूरोपीय देशों तक पहुंच के लिए भारत का ज़रिया बन सकता है. ऐसे में पोलैंड और भारत की आपसी साझेदारी की ज़रूरत है. PM ने अपने संबोधन में इस महत्व को भी उभारा.

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इस मौक़े पर पीएम मोदी ने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनवाईं और कहा कि पिछले एक दशक में जितने घर बनाए गए हैं वो तीन पोलैंड को बसाने जैसा है. इन सब बातों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने यूक्रेन पहुंचने से पहले ही एक बड़ा संदेश दे दिया. उन्होंने इस बात को फिर दोहराया कि ये युद्ध का युग नहीं है. इस क्षेत्र में वो शांति देखना चाहते हैं. रूस का दौरा करने के बाद यूक्रेन के दौरे पर पहुंचने से पहले पीएम मोदी शांति पर ज़ोर दे रहे हैं, तो उसके पीछे का एक बड़ा मक़सद ये भी है कि पहले कोराना महामारी और फिर दो दो युद्धों से दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था पर जो संकट पैदा हुआ है और ग्लोबल सप्लाई चेन में जो कठिनाई पैदा हुई है वो जल्द दूर हो.

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पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर दुनिया की नजर

 पीएम मोदी लगातार ग्लोबल साउथ की आवाज़ उठाते रहे हैं. ग्लोबल साउथ में अफ़्रीकी देश भी आते हैं, जहां यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से अनाज पहुंचने में भारी दिक्कत हो रही है. ऐसे में अगर ये युद्ध रुकता है तो ग्लोबल साउथ की भलाई के लिहाज़ से ये काफ़ी अहम होगा. इसके लिए 23 अगस्त की तारीख़ यानी कि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर सबकी निगाह रहेगी. 

आज पोलैंड में राजकीय सम्मान मिलने के बाद पीएम का दिन भर मुलाक़ातों का सिलसिला चलता रहेगा. पीएम मोदी पोलैंड के पीएम डोनाल्ड टुस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डुडा से मुलाक़ात करेंगे.  वह कुछ बिजनेस लीडर्स से भी मिलेंगे, तो ज़ाहिर है बिजनेस बढ़ाने की संभावनाओं पर ज़ोर रहेगा. पीएम मोदी पोलैंड के इंफ्लुएंसर्स से भी मुलाकात करेंगे, यानि कि भारत और पोलैंड के संबंधों की नई इबारत लिखने के लिए नए ज़माने के किरदारों से मुलाक़ात उनकी प्राथमिकता है.वह  टॉम्ब ऑफ़ अन-नोन सोल्जर्स पर जाकर पोलैंड के उन शहीदों को श्रद्धांजलि भी देंगे जिन्होंने प्रथम विश्वयुद्द से लेकर कई युद्धों तक अपनी देश की रक्षा और आज़ादी के लिए जान दी. पोलैंड के शहीदों का सम्मान पोलैंड के संकल्प का सम्मान है और ये भावनात्मक जुड़ाव का भी मामला है.पोलैंड का दौरा ख़त्म कर पीएम मोदी यूक्रेन के लिए जाएंगे. उनके इस दौरे पर दुनिया की निगाह है.



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