देश

'ये इतना वीभत्स कि बताना भी अभद्रता' : OTT प्लेटफॉर्म पर संघ प्रमुख ने और क्या कहा?


नागपुर:

विजय दशमी के मौके पर संघ मुख्यालय नागपुर से अपने संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर अपनी राय रखी, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म (RSS Chief Of OTT Platform) भी शामिल रहा. उन्होंने कहा कि ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म पर बेकार की बातें आती हैं. इनका कंटेंट इतना वीभत्स होता है कि इसे बताना भी अभद्रता होगी. उन्होंने OTT जैसे प्लेटफॉर्म पर कानूनी नियंत्रण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इस पर कानून का नियंत्रण बोना बहुत जरूरी है. 

ये भी पढ़ें-मोहन भागवत ने कोलकाता रेप कांड पर ममता को सुनाया, किया रामायण-महाभारत का जिक्र

OTT प्लेटफॉर्म की वजह से घट रहे संस्कार

संघ प्रमुख ने लोगों में संस्कार कम होने का एक बड़ा कारण ओटीटी जैसे प्लेटफॉर्म्स को बताया. उन्होंने कहा कि ये भी एक बड़ी वजह है, जिसकी वजह से संस्कार आज घटते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब जीवन में यही संस्कार आ जाते हैं, तो इसका दूसरा पहलू सामाजिक और नागरिक जीवन भी है.

संस्कार कहां मिलते है, संघ प्रमुख ने बताया

संघ प्रमुख ने कहा कि जहां तक संस्कारों के क्षरण का सवाल है तो ये संस्कार तीन जगहों पर मिलते हैं. संस्कार प्रदान की व्यवस्था को पुनर्स्थापित व समर्थ, सक्षम करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा पद्धति पेट भरने की शिक्षा देने के साथ साथ छात्रों के व्यक्तित्व विकास का भी काम करती है . अपने देश के सांस्कृतिक मूल्य सारांश में बताने वाला एक सुभाषित है.

ऐसे लोगों को शिक्षित मानता है समाज

संघ प्रमुख ने कहा कि शिक्षित उसे माना जाता है जो महिलाओं को माता समान समझता है. पराए धन को मिट्टी समान मानता है और खुद की मेहनत और सन्मार्ग से ही धनार्जन करता है. इंसान का आचरण ऐसा जिससे दूसरों को दु:ख कष्ट न पहुंचे. इस तरह का व्यहार जिस मनुष्य का होता है, उसे ही शिक्षित कहा जाता है. 

यह भी पढ़ें :-  Explainer: सैन्य छावनियों का नागरिक क्षेत्रों पर नियंत्रण होगा खत्म, जानिए इसके क्या हैं मायने?

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में इस तरह के मूल्यों वाली शिक्षा की व्यवस्था के हिसाब से पाठ्यक्रम की कोशिश की जा रही है. लेकिन प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक शिक्षकों के उदाहरण की मौजूदगी के बिना यह शिक्षा प्रभावी नहीं होगी, इसलिए शिक्षकों की ट्रेनिंग की नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी. 

सोशल मीडिया का इस्तेमाल समाज को तोड़ने के लिए न हो

संघ प्रमुख ने कहा कि समाज के जो प्रमुख लोग हैं, जिनकी लोकप्रियता की वजह  से अनेक लोग उनको फॉलो करते हैं, उनके आचरण में ये सारी बातें दिखनी चाहिए. इन बातों का मंडन भी उन प्रमुख लोगों को करना चाहिए और उनके प्रभाव से समाज में चलने वाले विभिन्न प्रबोधन कार्यों से यह मूल्य प्रबोधन किया जाना चाहिए. सोशल मीडिया यूजर्स को इन मीडियम का इस्तेमाल समाज को जोड़ने के लिए करना ताहिए. न कि तोड़ने और अपसंस्कृति फैलाने के लिए. सभी को सावधानी बरतने की जरूरत है.


Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button