"यह भयानक युद्ध अब खत्म हो जाना चाहिए" : इजरायल हमास वॉर पर बोले ऋषि सुनक
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शनिवार को इज़रायल हमास के बीच शुरू हुए युद्ध के 6 महीने बाद कहा कि इसे खत्म हो जाना चाहिए. एक बयान में उन्होंने कहा, “हमास आतंकवादियों के खतरे को हराने और उनकी सुरक्षा की रक्षा करने के इजरायल के अधिकार के साथ हम खड़े हैं. लेकिन पूरा ब्रिटेन इस रक्तपात से स्तब्ध है.”
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उन्होंने आगे कहा, “यह भयानक संघर्ष खत्म हो जाना चाहिए. बंधकों को रिहा किया जाना चाहिए. सहायता – जिसे हम ज़मीन, हवा और समुद्र के माध्यम से पहुंचाने की हर कोशिश कर रहे हैं – उसे लोगों तक पहुंचाया जाना चाहिए.” अब तक का सबसे खूनी गाजा युद्ध 7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा गाजा से एक अभूतपूर्व हमले के साथ शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिणी इज़रायल में 1,170 लोग मारे गए, जिनमें से ज्यादातर नागरिक थे.
सुनक ने कहा, “आज युद्ध को शुरू हुए 6 महीने पूरे हो गए हैं – यह इजरायल के इतिहास में सबसे भयानक हमला है, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से हूदी जीवन की ये सबसे बड़ी क्षति है. छह महीने बाद भी इज़रायली लोगों के घाव अभी भी ठीक नहीं हुए हैं. परिवार अभी भी शोक मना रहे हैं और बंधक अभी भी हमास के पास हैं”. सुनक ने कहा कि गाजा के बच्चों को “तुरंत मानवीय विराम की जरूरत है, जिससे दीर्घकालिक स्थायी युद्धविराम हो सके.” उन्होंने कहा, “यह बंधकों को बाहर निकालने और मदद करने तथा लड़ाई और जानमाल के नुकसान को रोकने का सबसे तेज़ तरीका है”.
उन्होंने कहा, “इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों की भलाई के लिए – जो सभी शांति, सम्मान और सुरक्षा में रहने के हकदार हैं – यही वह है जिसे हासिल करने के लिए हम काम करते रहेंगे.” ब्रिटिश सरकार ने शुक्रवार को गाजा पट्टी में सात सहायता कर्मियों की हत्या की “अत्यंत पारदर्शिता” और “पूर्ण स्वतंत्र समीक्षा” का आह्वान किया है.
सोमवार को इजरायली एयरस्ट्राइक में वर्ल्ड सेंट्रल किचन के स्टाफ के 3 सदस्यों की मौत हो गई थी और सभी ब्रिटिश नागरिक थे. इसके बाद ब्रिटेन सरकार पर इजरायल को हथियार निर्यात लाइसेंस निलंबित करने का भी दबाव बढ़ गया है. हथियार नियंत्रण समूहों के अनुसार, लंदन ने 2015 से तथाकथित सिंगल इशू लाइसेंस में इजरायल को 487 मिलियन से अधिक हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी थी.
इस बीच, ब्रिटिश सरकार ने कहा कि गाजा में अधिक सहायता प्राप्त करने में मदद के लिए एक रॉयल नेवी जहाज तैनात किया जाएगा.