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2047 तक विकसित भारत का रोडमैप होगा इस बार का बजट! जानें क्या हैं 10 बड़ी उम्मीदें


नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 23 जुलाई को मोदी 3.0 का पहला आम बजट पेश करेंगी. सरकार ने इस बजट को लेकर उद्योग जगत और अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ व्यापक चर्चा की है. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने अर्थशास्त्रियों के साथ लंबी बैठक करके उनके सुझाव लिए हैं. हालांकि इस बार अपने दम पर बहुमत हासिल करने से चूकी बीजेपी के सामने कई चुनौतियां भी हैं. उसे आम जनता के साथ-साथ दो अहम सहयोगी दलों टीडीपी और जेडीयू की उम्मीदों पर भी खरा उतरना है.

विकसित भारत के बजट को लेकर सरकार में गतिविधियां तेज हैं. ये बजट 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोड मैप भी देगा. पीएम मोदी ने इसको लेकर नीति आयोग में अर्थशास्त्रियों से मुलाकात की है. अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री को रोजगार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और मैन्यूफैक्चरिंग पर फोकस करने का सुझाव दिया है. साथ ही सभी मंत्रालयों से सुझाव मांगे गए हैं कि बजट में क्या-क्या शामिल होना चाहिए?

राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी बजट को लेकर इशारा मिला था. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था कि ये बजट सरकार की दूरगामी नीतियों और भविष्य के विजन का प्रभावी दस्तावेज होगा.

2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा झटका लगा था. इन इलाकों में बीजेपी की सीटें कम हुईं थी. ऐसे में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र पर बजट में खास ध्यान दिया जा सकता है. सरकार आने वाले बजट में पूंजीगत खर्च पर फोकस करेगी. यानी सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और कृषि पर खास ऐलान कर सकती है. उम्मीद की जा रही है कि मोदी सरकार इस बार के बजट में किसान सम्मान निधि, पीएम किसान योजना को लेकर कुछ बड़ा ऐलान करे. कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर को तेज करने के लिए उपायों की घोषणा हो सकती है.

वित्त मंत्री इस बार पीएम आवास योजना के लिए फंड्स और बढ़ाने का ऐलान कर सकती हैं. पीएम किसान योजना के तहत किसानों को साल में जो 6000 दिया जाता है, उसमें कुछ बढ़ोतरी संभव है. राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में इनकम टैक्स को लेकर भी संकेत दिए हैं. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में कुछ राहत दे सकती हैं. न्यू टैक्स रेजिम में इनकम टैक्स स्लैब 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जा सकता है.

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मिडिल क्लास देश के विकास का चालक- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने 7 जून को अपने संबोधन में कहा था कि मिडिल क्लास देश के विकास का चालक है, उनकी भलाई और सुविधा हमारी प्राथमिकता है. मोदी ने कहा था कि मिडिल क्लास कैसे कुछ बचत कर सके और उनकी जिंदगी को और कैसे आसान बनाई जा सके, इस दिशा में हम नीति बनाएंगे. इससे संकेत मिलता है कि सरकार बजट में मिडिल क्लास को कुछ राहत दे सकती है.

मिडिल क्लास के लिए बजट में संभावित :

  • पीएम किसान सम्मान निधि बढ़ाई जा सकती है.
  • कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर को तेज करने के लिए उपायों की घोषणा हो सकती है.
  • ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना को लेकर ऐलान हो सकता है.
  • मनरेगा के कार्य दिवस बढ़ाने की संभावना, कृषि से जुड़े कामों को भी शामिल करने को लेकर ऐलान किए जा सकते हैं.
  • महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों पर फोकस हो सकता है.
  • नई कर प्रणाली में आयकर छूट स्लैब की सीमा 5 लाख की जा सकती है.
  • खपत बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है, उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद है.
  • हाउंसिग लोन लेने पर भी नई रियायत संभव है.
  • पूंजीगत खर्च पर सरकार का ध्यान बना रहेगा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाया जा सकता है.
  • MSME पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है.
  • ओपीएस को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है. इस पर समिति अपनी रिपोर्ट दे चुकी है.
  • EV यानी इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर भी नए इंसेटिव का ऐलान हो सकता है.
  • ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दिया जा सकता है.
  • पीएलआई योजना का अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जा सकता है.
  • श्रम सुधारों को लेकर लेबर कोड पर स्पष्टता दी जा सकती है.
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बजट से 10 बड़ी उम्मीदें :

1. बुलंद भारत

  • 2047 तक विकसित भारत का रोड मैप
  • भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का खाका खींचेगा बजट
  • विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने का रास्ता बताएगा बजट

2. विकास पर फोकस

  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर विशेष जोर
  • ग्रामीण इलाकों में पीएम आवास योजना को लेकर ऐलान 
  • इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा
  • पूंजीगत खर्च और बढ़ाना

3. इंडिया शाइनिंग

  • विनिवेश की तेज रफ्तार
  • आर्थिक वृद्धि दर में तेजी
  • बजट घाटे में कमी
  • रक्षा आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण पर जोर

4. जय किसान

  • कृषि क्षेत्र के लिए नई योजनाएं
  • किसान सम्मान निधि में वृद्धि
  • किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाना
  • मनरेगा के कार्य दिवस बढ़ाने की संभावना
  • कृषि से जुड़े कामों को भी शामिल करना

5. मिडिल क्लास की सुध 

  • आयकर स्लैब में बदलाव संभव
  • खपत बढ़ाने पर जोर
  • उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा आने की उम्मीद 
  • हाउंसिग लोन लेने पर भी नई रियायत संभव 

6. बढ़ेंगे रोजगार

  • युवाओं पर खास ध्यान
  • सर्विस सेक्टर में रोजगार उन्मुखी प्रोत्साहन योजना संभव
  • कौशल विकास को बढ़ावा
  • MSME पर विशेष ध्यान 

7. बड़े आर्थिक सुधार

  • दूरगामी नीतियां
  • बड़े आर्थिक और सामाजिक फैसले
  • बुनियादी ढांचे, विनिर्माण और श्रम में सुधार जारी

8. सहयोगियों का ध्यान

  • आंध्र प्रदेश और बिहार पर खास फोकस
  • विशेष योजनाओं का ऐलान संभव
  • दोनों राज्यों को मिल सकती हैं सौगात

9. बुजुर्गों को उपहार

  • बुजुर्गों को रेलवे यात्रा में छूट की बहाली 
  • OPS पर स्पष्टता, NPS में तय पेंशन
  • आयुष्मान भारत में पांच लाख तक इलाज

10. ग्रीन इंडिया

  • ईवी वाहनों पर रियायत
  • ग्रीन ऊर्जा पर फोकस
  • साफ हवा, साफ ईंधन
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PHDCCI के मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. एसपी शर्मा ने कहा कि मैन्यूफैक्टरिंग को बढ़ावा मिलेगा तभी रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि साथ ही कृषि क्षेत्र जो हमारी अर्थव्यवस्था का आधार है, वो अगर ग्रो करेगा तो डिमांड बढ़ेगी और डिमांड बढ़ने पर मैन्यूफैक्चरिंग होगी जो नौकरी के अवसर को बढ़ाएगा. वहीं मिडिल क्लास को टैक्स में भी कुछ राहत मिलनी चाहिए.

बजट लोकलुभावन होने की उम्मीद- अर्थशास्त्री डॉ. आकृति भाटिया
वहीं अर्थशास्त्री डॉ. आकृति भाटिया ने कहा कि चुनाव से पहले के बजट ने मिडिल क्लास, किसान और युवा की उम्मीदों को पूरा नहीं किया था, जिसका असर चुनाव परिणाम पर भी देखने को मिला था और फिर गठबंधन की सरकार बनी. इसी को देखकर लग रहा है कि इस बार का बजट लोकलुभावन हो सकता है, क्योंकि आने वाले कुछ महीनों में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं, इसको भी ध्यान में रखा जाएगा. सरकार महंगाई, बेरोजगारी और किसानों को बजट बनाने के समय ध्यान में रखेगी, इसकी उम्मीद है.



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