"जिनकी TRP अधिक, उन्हें विज्ञापन में अच्छा दाम" : चुनावी बॉन्ड को लेकर बोले नितिन गडकरी
उन्होंने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि मोदी सरकार विपक्ष को कमजोर करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का “हथियार के तौर पर इस्तेमाल” कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों को लोगों का विश्वास जीतकर विपरीत परिस्थितियों से उबरने का प्रयास करना चाहिए. गडकरी ने कहा, “क्या विपक्ष को कमजोर या मजबूत बनाना हमारी जिम्मेदारी है? जब हमारे पास सिर्फ दो सांसद थे और हम कमजोर थे तो हमें सहानुभूति के तौर पर कभी कोई पैकेज नहीं मिला.”
वह लोकसभा के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए नागपुर से एक बार फिर मैदान में हैं.
गडकरी ने शनिवार को नागपुर में बड़े रोड शो के जरिये अपना प्रचार अभियान शुरू किया. उनकी गाड़ियों का काफिला लोगों के हुजूम में रेंग रहा था और लोग 40 डिग्री सेल्सियस तापमान के बावजूद गडकरी का स्वागत करने के लिए खड़े थे. यह कार्यक्रम दो घंटे का था, लेकिन यह चार घंटे में खत्म हुआ, क्योंकि समर्थकों ने गुलाब उड़ाया, जिससे वह पूरी तरह सराबोर हो गये और जहां कहीं भी वह रुके, लोगों ने उन्हें कुछ न कुछ खाने की पेशकश की.
गडकरी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत के कारण मजबूत होकर उभरी है और विपक्ष को भी लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए प्रयास करना होगा.
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र की प्रकृति ऐसी है कि यह बदलता रहता है. आप चाहे जो भी भूमिका निभाएं, आपको हमेशा प्रयास करते रहना होगा और विपरीत परिस्थितियों से उबरना होगा. यह किसी भी विपक्षी दल के लिए महत्वपूर्ण है.”
गडकरी से भाजपा के 370 और राजग के 400 सीट से अधिक सीट जीतने के गणित के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “राज्यवार विश्लेषण करने की जरूरत नहीं है. इस बार हम दक्षिण भारत में सफलता हासिल करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमने पिछले 10 वर्षों में दक्षिण और पूर्वोत्तर (भारत) में जो काम किया है…उसी का परिणाम हमें मिलना शुरू हो गया है.”
गडकरी ने कहा, “हमने तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कड़ी मेहनत की है. इन राज्यों में हमारी मौजूदगी बहुत कम थी. इस बार हम तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. हम उत्तर भारत में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि भाजपा को अकेले 370 सीट मिलेंगी और राजग 400 सीट का आंकड़ा पार करेगा.”
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि देश के लोग विकास देखना चाहते हैं और उन्हें मोदी के नेतृत्व पर भरोसा है, जो चुनाव में दिखाई देगा.
जब उनसे पूछा गया कि कुछ हलकों में दावा किया जा रहा है कि भाजपा बहुमत के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचेगी, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री पद के लिए दौड़ शुरू हो सकती है, गडकरी ने जोरदार तरीके से कहा, “बिल्कुल नहीं.”
हम 400 का आंकड़ा भी पार करेंगे : गडकरी
उन्होंने कहा, “हमें पूरा विश्वास है कि हमें पूर्ण बहुमत मिलेगा और हम 400 का आंकड़ा भी पार करेंगे और नरेन्द्र मोदी जी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. मेरे मन में इस बारे में कोई संदेह नहीं है.”
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 2025 में होने वाले शताब्दी समारोह के लिए उनके व्यक्तिगत एजेंडे के बारे में सवाल किया गया तो गडकरी ने कहा कि उनका ‘व्यक्तिगत एजेंडा’ केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र के प्रति है जिसके लोगों ने उन्हें चुना है.
उन्होंने कहा, “मेरा कोई निजी एजेंडा नहीं है. आरएसएस अपना एजेंडा बताएगा. उनकी अपेक्षाएं जो भी हों, उन्हें पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है.”
उनसे यह भी पूछा गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और कांग्रेस को 3,500 करोड़ रुपये का आयकर नोटिस भेजने के कारण क्या चुनाव में समान अवसर की कमी है?
इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कानून ‘अपना काम कर रहा है’ और भाजपा या सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
गडकरी ने कहा, “हमने अपनी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की है. कानून के मुताबिक, मामले दर्ज किये गये हैं. इसका भाजपा या मोदी जी से कोई लेना-देना नहीं है. एजेंसियां अपना काम करती रहती हैं.”
चुनावी बॉण्ड के जरिए चंदे पर बोले नितिन गडकरी
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सरकार पर ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग को ‘हथियार के तौर पर इस्तेमाल’ करने के विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया. ये एजेंसियां विपक्षी नेताओं से संबंधित मामलों में कार्रवाई कर रही हैं.
गडकरी ने कहा, “यह बात बिल्कुल गलत है. हम किसी का हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. कानून अपना काम करता है. अब यदि किसी के घर में 300-400 करोड़ रुपये मिल जाएं तो लोग उसे भी देखते हैं. फिर पूछताछ होती है. यदि किसी ने गलत किया है तो कार्रवाई की जाती है. अगर कोई व्यथित है, तो उनके पास अदालत जाने का विकल्प है.”
चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दिए गए चंदे के खुलासे को लेकर हुए हंगामे को भी गडकरी ने खारिज कर दिया और कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के तौर पर भाजपा को चंदे में बड़ा हिस्सा मिलना स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा, “टेलीविजन मीडिया में भी जिनकी टीआरपी अधिक होती है उन्हें विज्ञापन में अच्छा दाम मिलता है. जिनकी टीआरपी कम होती है, उन्हें कम दर पर विज्ञापन मिलते हैं. आज हम सत्ताधारी पार्टी हैं इसलिए हमें ज्यादा चंदा मिला. अगर कल को कोई और पार्टी सत्ता में आती है तो उसे भी ज्यादा चंदा मिलेगा.”
‘वॉशिंग मशीन’ के आरोपों पर गडकरी का जवाब
गडकरी ने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि हर राजनीतिक दल को धन की आवश्यकता है और संसाधन जुटाने के लिए कानूनी रास्ता खोजने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, “मैं कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना चाहिए. कुछ देशों में, सरकार राजनीतिक दलों को वित्तपोषित करती है. हमें कुछ विकल्प तलाशने होंगे ऐसा मुझे लगता है.”
गडकरी ने कहा कि विपक्ष के इन दावों में भी कोई दम नहीं है कि भाजपा ‘वॉशिंग मशीन की राजनीति’ में शामिल है यानी अगर भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे विपक्षी पार्टी के लोग भाजपा में शामिल होने के लिए सहमत होते हैं तो उन्हें आरोप मुक्त ठहरा दिया जाता है.
उन्होंने भाजपा के ”वॉशिंग मशीन” होने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘ऐसी कोई चीज नहीं है. कानून अपना काम करता है. एजेंसियां जो सबूत हासिल करती हैं, उनके आधार पर अपना काम करती हैं. यह आरोप पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद है. ऐसा कोई काम नहीं होता है.”
एयर इंडिया भ्रष्टाचार मामले में राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल को सीबीआई की क्लीन चिट पर गडकरी ने कहा कि इस कार्रवाई का भाजपा या प्रधानमंत्री से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, ”जांच में सच्चाई सामने आ गई.”
विपक्ष को नितिन गडकरी ने दी ये सलाह
जब उनसे पूछा गया कि वह विपक्ष को खुद को पुनर्जीवित करने के लिए कोई सलाह देना चाहेंगे तो गडकरी ने पार्टी की विचारधारा और सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध रहने की पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की टिप्पणियों को याद किया. उन्होंने कहा, “आज हमारे देश में मत भिन्नता लोकतंत्र के लिए आवश्यक भी है. उसमें समस्या कोई नहीं है. पर मत शून्यता यह हमारी समस्या है.”
गडकारी ने कहा, “आप जिस भी पार्टी में हों और उसकी जो भी विचारधारा हो, उसके साथ दृढ़ विश्वास के साथ खड़ा रहना महत्वपूर्ण है, भले ही वह जीते या हारे.”
उन्होंने कहा, “आज देश में पिछले 10 साल से मोदी का राज है. निश्चित रूप से, लोग आपको (विपक्ष को) मौका देंगे, लेकिन आपको धैर्य रखना होगा और कड़ी मेहनत करनी होगी.
वर्ष 2019 के चुनाव में दो लाख से अधिक वोट के अंतर से जीत हासिल करने वाले गडकरी ने कहा कि इस बार उनका लक्ष्य पांच लाख वोट के अंतर से जीतना है.
भाजपा ने 2019 के चुनावों में अपने दम पर 303 सीट जीतीं थी, लेकिन निवर्तमान लोकसभा में इसकी सीट अब 288 हैं. इसका कारण कुछ उपचुनाव में पार्टी की हार और उन कुछ सांसदों का इस्तीफा है, जो हाल में राज्य विधानसभाओं के लिए निर्वाचित हुए हैं.
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