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आज उन्होंने ही शेख हसीना को देश छोड़ने को मजबूर किया…; बांग्लादेश संकट पर प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन

बांग्लादेश संकट पर आई तस्लीम नसरीन की प्रतिक्रिया


नई दिल्ली:

बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना के अचानक इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने से अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है. ढाका में बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां ने कहा है कि एक अंतरिम सरकार कार्यभार संभालने जा रही है और सेना देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने का जिम्मा उठाएगी. इस बीच बांग्लादेश संकट पर प्रसिद्ध लेखिका तस्लीमा नसरीन की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने शेख हसीना के देश छोड़कर भारत में शरण लेने को विडंबना करार दिया. प्रसिद्ध लेखिका ने कहा कि हसीना ने इस्लामिस्ट को खुश करने के लिए उन्हें बांग्लादेश से बाहर निकाला था और वही छात्र आंदोलन का हिस्सा थे. 

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उन्होंने ही शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए किया मजबूर…

तस्लीमा नसरीन ने एक ऑनलाइन पोस्ट में कहा, “इस्लामवादियों को खुश करने के लिए हसीना ने मुझे 1999 में मेरे देश से बाहर निकाल दिया, जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश गई थी और मुझे फिर कभी देश में नहीं आने दिया. वही इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल थे, जिन्होंने आज हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया.” शेख हसीना कल एक सैन्य विमान से भारत आ गई और जहां से वो संभवतः शरण लेने के लिए लंदन जाएंगी. लेखिका ने उन पर “इस्लामवादियों को पनपने” और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों को पनपने देने का आरोप लगाया. 

तस्लीमा नसरीन को क्यों छोड़ना पड़ा था बांग्लादेश

उन्होंने पहले एक पोस्ट में कहा था, “हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा. अपनी स्थिति के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं. उन्होंने इस्लामवादियों को पनपने दिया. उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने दिया. अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए. सेना को शासन नहीं करना चाहिए. राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता लानी चाहिए.” नसरीन को 1994 में अपनी पुस्तक “लज्जा” को लेकर कट्टरपंथी संगठनों द्वारा मौत की धमकियों के चलते बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था. 1993 में लिखी गई इस पुस्तक पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन यह अन्य जगहों पर बेस्टसेलर बन गई. हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया उस समय प्रधानमंत्री थीं, लेखिका तब से निर्वासन की जिंदगी बिता रही हैं.

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बांग्लादेश में फिलहाल क्या हालात

बांग्लादेश में प्रदर्शनों के बीच पुलिस के साथ झड़प में करीब 100 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री के आवास पर हमला किया. वहीं शेख हसीना ने सीधे टकराव से बचने के लिए पहले ही इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़ दिया. देश के सेना प्रमुख ने कुछ घंटों बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और घोषणा की कि देश चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी. शेख हसीना भारत में हिंडन एयरफोर्स बेस पर उतरीं – जो राजधानी दिल्ली से करीब 30 किलोमीटर दूर है. 



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