''आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना करता हूं…'': प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद PM मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. आज हमारे राम आ गए हैं. मेरा पक्का विश्वास और अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, इसकी अनुभूति देश के, विश्व के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी.” उन्होंने कहा कि 22 जनवरी 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है और ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं बल्कि एक नए कालचक्र का उद्गम है.
उन्होंने कहा, ‘‘ये क्षण आलौकिक है, ये पल पवित्रतम है.” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज मैं प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं, हमारे पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई होगी, हमारी तपस्या में कुछ कमी रही होगी कि हम इतने सदियों तक मंदिर निर्माण नहीं कर पाए… आज वह कमी पूरी हुई.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था और निर्माण कार्य देख देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था. उन्होंने कहा, ‘‘आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है. आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. पूरा देश आज दीवाली मना रहा है. आज शाम घर-घर रामज्योति प्रज्ज्वलित करने की तैयारी है.”
श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अलावा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. इस समारोह में कई प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक पंथों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
इससे पहले, सुनहरी रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया. प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का छत्र भी लेकर आए.
गर्भगृह में मोदी ने पंडितों के मंत्रोच्चारण के बीच अनुष्ठान शुरू किया. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए ‘संकल्प’ लिया. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मध्यान्ह में साढ़े बारह बजे (12-29) बजे रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई.
कार्यक्रम आरंभ होने से पहले प्रधानमंत्री ने इसका वीडियो लिंक साझा करते हुए एक्स पर लिखा, ‘‘अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है. इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है. जय सियाराम!”
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