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"आज स्थिति ऐसी है…": केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की मांग की

इंफाल/नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने मणिपुर में संकट के बीच भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की केंद्र की योजना का स्वागत किया है. गौरतलब है कि  म्यांमार के साथ मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को छूने वाली 1,600 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा पर बाड़ लगाने की मांग पिछले कुछ समय से काफी तेज हो गयी है.  विदेश और शिक्षा राज्य मंत्री सिंह ने रविवार को The Hindkeshariसे बात करते हुए कहा कि सीमाओं को सुरक्षित रखना देश का मुख्य कर्तव्य है. पश्चिमी क्षेत्र अच्छी तरह से संरक्षित और बाड़ से घिरा हुआ है, इसका ज्यादातर हिस्सा बांग्लादेश के साथ है.

मंत्री ने कहा कि सीमा पर बाड़ नहीं लगे हैं. लेकिन आज स्थिति ऐसी है कि सीमा पर बाड़ लगाना जरूरी है. भारत में हर किसी को राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में रखना चाहिए.  इसलिए सीमा प्रबंधन पर काम करने से पहले सीमा पर बाड़ लगाई जानी चाहिए.  दोनों अलग-अलग मामले हैं. 

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केंद्र फ्री मूवमेंट रिजीम को कर दिया है समाप्त

मंत्री की यह टिप्पणी केंद्र द्वारा फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को समाप्त करने के फैसले के कुछ दिनों बाद आई है, जो भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी तक जाने की अनुमति देता है. मणिपुर सरकार पिछले कुछ महीनों से राज्य में पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी जनजातियों और घाटी-बहुसंख्यक मैती के बीच जातीय तनाव के बीच केंद्र से एफएमआर को समाप्त करने के लिए कह रही है. 

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लोग उचित दस्तावेज के साथ कर सकेंगे यात्रा: मंत्री

मणिपुर से चुनाव जीतने वाले सिंह ने कहा कि सीमा पर बाड़ लगाना कोई खतरनाक बात नहीं है क्योंकि लोग हमेशा उचित दस्तावेजों के साथ यात्रा कर सकते हैं.  हम इस उद्देश्य के लिए नवीनतम स्मार्ट तकनीक का उपयोग कर सकते हैं. कई देश सौर ऊर्जा से चलने वाली लेजर बाड़ का उपयोग कर रहे हैं, जिसे कम रखरखाव की आवश्यकता होती है और कैमरों के साथ, पता लगा सकते हैं और रिकॉर्ड कर सकते हैं. सिंह ने कुछ स्मार्ट बाड़ प्रणालियों का जिक्र करते हुए कहा, जो पश्चिमी और बांग्लादेश सीमाओं पर स्थापित किए गए हैं. 

मिजोरम के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ने बाड़ लगाने का किया था विरोध

डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के पड़ोसी मिजोरम के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री लालडुहोमा ने हाल ही में विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा कि वह नहीं चाहते कि म्यांमार के साथ सीमा पर बाड़ लगाई जाए. मिजोरम ने जुंटा बलों और विद्रोहियों के बीच संघर्ष से बचने के लिए म्यांमार से आए 35,000 से अधिक शरणार्थियों को आश्रय दिया है. 

मिजोरम के सीएम ने क्या कहा था?

दिल्ली में विदेश मंत्री के साथ बैठक में लालडुहोमा ने कहा था कि अगर केंद्र मिजोरम-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाता है, तो इसका मतलब ब्रिटिश औपनिवेशिक सरकार द्वारा की गई गलती को स्वीकार करना होगा, जिसने भारत और म्यांमार दोनों में रहने वाले मिज़ो को विभाजित कर दिया था. लालडुहोमा ने कथित तौर पर जयशंकर से कहा था कि मिज़ो लोग सीमा पर बाड़ लगाने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे. 

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इस टिप्पणी को पड़ोसी राज्य मणिपुर में चिंता के साथ देखा गया, जहां घाटी स्थित मैतेई लोगों ने पिछले कुछ दशकों में म्यांमार से अवैध अप्रवासियों के भारत आने और नशीले पदार्थों के तस्करों के एक विशाल नेटवर्क का आरोप लगाया है, जो पहाड़ों में हजारों एकड़ में लगी अफीम की खेती से पोषित होते रहे हैं. 3 मई, 2023 को शुरू हुई हिंसा के पीछे मुख्य कारक के रूप में इसे माना जा रहा है. 

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