ट्रंप, टैरिफ, प्रवासी, वीजा, बांग्लादेश.. विदेश मंत्रालय ने बड़े सवालों पर जानिए दिया क्या जवाब
नई दिल्ली:
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अवैध अप्रवासियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. अवैध प्रवासियों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उन्हें निर्वासित किया जा रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अमेरिका या अन्य किसी देश में बिना उचित दस्तावेजों के रह रहे भारतीयों की स्वदेश वापसी में मदद की जाएगी, लेकिन इसके लिए उन्हें ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे जो उनकी भारतीय नागरिकता की पुष्टि करते हों.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दिए जवाब
- रूस-यूक्रेन संबंधों पर: इस संघर्ष का समाधान कूटनीति और बातचीत के जरिए होना चाहिए. पीएम मोदी पहले ही बोल चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है.
- ट्रंप और टैरिफ के सवाल पर: भारत और अमेरिका के संबंध बहुत मजबूत हैं. दोनों देशों के आर्थिक और द्वीपक्षीय संबंध बहुत स्पेशल हैं. दोनों देशों के संबंधों में विश्वास गहरा है. दोनों देशों की तरफ से यह मंशा है कि इस रिश्ते को और मजबूत किया जाएगा. बड़ी सोच के साथ आगे ले जाया जाएगा. 2023 में गुड्स और सर्विसेज में हमारा ट्रेड रेकॉर्ड लेवल पर था.
- अवैध प्रवासियों पर: हमारी नीति और पॉलिसी अवैध प्रवासियों को लेकर क्लियर है. हम इसके खिलाफ हैं. इसका वास्ता संगठित अपराध से है. कोई बाहर अगर अवैध तरीके से रहा है, तो हम भारतीय नागरिक को वापस लेने के लिए तैयार हैं.
- वीजा प्रोसेसिंग में देरी के The Hindkeshariके सवाल पर: हम लोगों ने देखा है कि कोविड के बाद से वीजा खासकर अमेरिकी वीजा को लेकर काफी समय लग रहा था. आज भी स्थिति कुछ ऐसी ही है. हम वहां की सरकार से इस पर बात करते रहे हैं. अगर वीजा देने में सहूलियत रहेगी तो आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूती मिलेगी. इस बार इस मुद्दे को विदेश मंत्री ने अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो के समक्ष भी रखा है.
- चीन के विशाल बांध पर: चीनी के मेगा हाइड्रो प्रोजेक्ट को लेकर भारत ने अपनी चिंता वहां की सरकार के सामने रखी है. हमारा मानना है कि इस पर अमल किया जाएगा.
अवैध इमिग्रेशन के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “…हम अवैध आव्रजन के खिलाफ हैं, खास तौर पर इसलिए क्योंकि यह संगठित अपराध के कई रूपों से जुड़ा हुआ है. सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीयों के लिए, अगर वे भारतीय नागरिक हैं और वे तय समय से ज़्यादा समय तक रह रहे हैं, या वे किसी खास देश में बिना उचित दस्तावेजों के हैं, तो हम उन्हें वापस ले लेंगे, बशर्ते वे हमारे साथ दस्तावेज़ साझा करें ताकि हम उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि वे वास्तव में भारतीय हैं. अगर ऐसा होता है तो हम मामले को आगे बढ़ाएंगे और उन्हें भारत वापस लाने में मदद करेंगे.”
ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थकों की ओर से फिल्म ‘इमरजेंसी’ के प्रदर्शन का विरोध किए जाने से जुड़े सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने कई रिपोर्ट देखी हैं कि किस तरह कई हॉल में प्रदर्शित की जा रही फिल्म ‘इमरजेंसी’ को बाधित किया जा रहा है. हम लगातार भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके सरकार के समक्ष चिंता जता रहे हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है और इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. हमें उम्मीद है कि यूके पक्ष जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगा. लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और लाभ के लिए नियमित रूप से उनके संपर्क में है.”
टैरिफ मामलों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “भारत-अमेरिका संबंध बहुत मजबूत, बहुआयामी हैं और आर्थिक संबंध कुछ ऐसे हैं जो बहुत खास हैं… हमने अमेरिका और भारत के बीच किसी भी मामले या व्यापार से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए तंत्र स्थापित किए हैं… हमारा दृष्टिकोण हमेशा रचनात्मक तरीके से मुद्दों को हल करने का रहा है जो दोनों देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए है… हम अमेरिकी प्रशासन के साथ निकट संपर्क में हैं…”