ट्रंप 'ट्रैरिफ वॉर' करने वाले हैं शुरू! चीन, मैक्सिको, कनाडा को लेकर किया बड़ा ऐलान
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में वापसी के बाद कनाडा, मैक्सिको और चीन जैसे देशों पर टैरिफ लागू करने की घोषणा की है. ट्रंप ने कहा कि विभिन्न इंडस्ट्री पर और अधिक शुल्क लगाने का वादा किया. ट्रंप ने पड़ोसी देश कनाडा और मैक्सिको से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ की अपनी योजना को दोहराते हुए कहा है कि वे अमेरिकी सीमा पार करने वाले अवैध प्रवासियों और फेंटेनाइल के प्रवाह पर नकेल कसने में विफल रहे हैं. ट्रंप ने कुछ दिन पहले कहा था कि चीनी सामान पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी दी.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने शुक्रवार को 1 फरवरी से ये टैरिफ लगाए जाने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि कनाडा और मैक्सिको दोनों ने अवैध फेंटेनाइल को टारगेट करने की अनुमति दी है जो अमेरिकी नागरिकों और हमारे देश में अप्रवासियों को भी मार रहा है. उन्होंने क्षेत्रों पर छूट के लिए प्रतिबद्धता नहीं जताई और उन चेतावनियों को खारिज कर दिया जिससे ट्रेड वार शुरू हो जाए. आपको बता दें कि तीन देशों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद ट्रंप ने कहा कि तेल और गैस पर भी 18 फरवरी से टैरिफ लगाने की तैयारी हो रही है. उन्होंने कहा कि हम चिप्स पर भी टैरिफ लगाने की तैयारी में है. हालांकि उन्होंने इस दौरान किसी देश का खास तौर पर नाम नहीं लिया है.
ट्रंप ने एलुमिनियम, तांबे और स्टील के आयात पर भी अधिक टैरिफ लगाने की बात कही है. कनाडा प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा कि अगर ट्रंप कार्रवाई करते हैं तो तत्काल प्रतिक्रिया देंगे, जबकि मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने कहा कि उनकी सरकार ट्रम्प के प्रशासन के साथ निकट संपर्क में थी.
ट्रंप ने उन स्पेसिफिक डिवाइस का जिक्र नहीं किया है जिनका वह उपयोग करेंगे, हालांकि विश्लेषकों का सुझाव है कि वह आपातकालीन आर्थिक शक्तियों का उपयोग कर सकते हैं,जो राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान आयात को विनियमित करने की अनुमति देते हैं.
चीन ने घातक फेंटेनाइल व्यापार में अपनी संलिप्तता के दावों को खारिज कर दिया है. अमेरिका के करीबी सहयोगी कनाडा ने इसका काउंटर करते हुए कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करने वाले एक प्रतिशत से भी कम गैर-दस्तावेजी प्रवासी और फेंटेनाइल इसकी उत्तरी सीमा के माध्यम से आते हैं.
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा के बीच मौजूदा व्यापार समझौते, जिसे यूएसएमसीए के नाम से जाना जाता है, पर फिर बातचीत में तेजी लाने के लिए टैरिफ की धमकियां एक सौदेबाजी की चाल है.लेकिन व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ बढ़ोतरी संभवतः एक बड़ा झटका साबित होगी, जिससे सप्लाई चेन हिल जाएंगी.