अमेरिका के 248 सालों के इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, शपथ ग्रहण में ट्रंप का मेगा शो
वाशिंगटन:
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं. ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह एक मेगा इवेंट होने जा रहा है. इस बार भव्य तरीके से शपथ ग्रहण की तैयारियां हुई हैं, जिसके लिए कई परंपराओं को दरकिनार कर दिया गया है. चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ-साथ कई राष्ट्राध्यक्षों को ट्रंप ने पर्सनल इंविटेशन देकर बुलाया है. अमेरिका के 248 सालों के इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ, जैसा ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में होने जा रहा है. वहीं, अमेरिकी लोगों में ट्रंप के शपथ ग्रहण इवेंट को लेकर ऐसा क्रेज है कि वीआईपी पास काफी पहले ही खत्म हो चुके हैं. लाखों रुपये की डोनेशन देने वालों को भी ट्रंप के शपथ ग्रहण का वीआईपी पास नहीं मिल पाया है.
क्या क्या खास, लीक तोड़ी
- इस बार भव्य तरीके से शपथ ग्रहण की तैयारियां हुई हैं
- चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ-साथ कई राष्ट्राध्यक्षों को ट्रंप का पर्सनल इंविटेशन
- परेड में शामिल होने के लिए एक भारतीय अमेरिकी ‘ढोल बैंड’ को न्योता
- शपथ ग्रहण समारोह कमिटी को मिला 170 मिलियन डॉलर से अधिक का चंदा
- कई उद्योगपतियों को नहीं मिल पाया शपथ ग्रहण का VIP पास
ट्रंप के शपथ ग्रहण क्या क्या होगा खास?
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेने के बाद आयोजित होने वाली परेड में शामिल होने के लिए एक भारतीय अमेरिकी ‘ढोल बैंड’ को आमंत्रित किया गया है. यह परेड कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद परिसर) से व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का अधिकारिक आवास एवं कार्यालय) तक निकाली जाएगी. टेक्सास स्थित भारतीय पारंपरिक ‘ढोल बैंड’ समूह ‘शिवम ढोल ताशा पाठक’ अपनी जीवंत ताल और जोशीले धुन के साथ वाशिंगटन में इस कार्यक्रम के दौरान दुनिया को भारत की समृद्ध संगीत परंपराओं की एक झलक पेश करेगा, जिसे विश्व भर में लाखों लोग देखेंगे.
शपथ ग्रहण में कौन-कौन होगा मेहमान
अमेरिका में इस पर राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में कई परंपराएं तोड़ी जा रही हैं. ट्रेडिशन यह रहा है कि विश्व नेताओं को अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाता है. लेकिन ट्रंप ने इस बार परंपरा तोड़ दी है. रिपब्लिकन नेता ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग समेत कुछ नेताओं को व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा है. वाशिंगटन डीसी और बीजिंग के कई मुद्दों पर टकराव के बीच यह महत्वपूर्ण बात है. शी चिनफिंग को बुलाने की पुष्टि करते हुए, ट्रम्प की प्रवक्ता कैरोली लेविट ने फॉक्स न्यूज पर एक शो के दौरान कहा, ‘यह राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा उन देशों के नेताओं के साथ एक खुला संवाद बनाने का एक उदाहरण है, जो न केवल सहयोगी हैं, बल्कि हमारे विरोधी और हमारे प्रतिस्पर्धी भी हैं.’ हालांकि, चीनी राष्ट्रपति के इस कार्यक्रम में शामिल होने की संभावना नहीं है, उपराष्ट्रपति हान झेंग या विदेश मंत्री वांग यी को अमेरिका भेजा जा सकता है. सीएनएन की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले, इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली को भी टीम ट्रम्प ने आमंत्रित किया है. विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 20 जनवरी के कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
शपथग्रहण के लिए कितना चंदा
डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी का फंड राष्ट्रपति चुनाव के बाद तेजी से बड़ा है. अमेरिका में नए प्रशासन को खुश करने के लिए उत्सुक, उद्योग जगत के नेताओं ने शपथग्रहण समारोह में बड़े पैमाने पर डोनेशन दिया है. द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, शपथ ग्रहण समारोह कमिटी ने 170 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए हैं और 200 मिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करने की राह पर है. विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी बोइंग ने इस आयोजन के लिए 1 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है. गूगल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि उन्होंने इसी तरह की डोनेशन दी है. इस सूची में शेवरॉन, अमेज़ॅन और उबर भी शामिल हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई भारी-भरकम डोनेशन देने वालों ने कहा कि उन्हें वीआईपी पास नहीं मिलेंगे, क्योंकि जगह नहीं है. ऐसे में डोनेशन देने के बावजूद उन्हें शपथग्रहण समारोह में एंट्री नहीं मिल रही है. ऐसे में ये उद्योगपति आम लोगों को दिये जाने वाले टिकट खरीदने में जुट गए हैं. हालांकि, ये टिकटें भी सीमित हैं. डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करने जा रहे हैं. शपथग्रहण को लेकर तैयारियों चल रही हैं. ट्रंप ने परंपरा तोड़ने हुए चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को भी न्योता भेजा है.
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