तुर्की: 47 साल गुरिल्ला युद्ध लड़ा, अब हथियार छोड़ने की अपील.. कुर्दिस्तान का सपना देखने वाले नेता की कहानी

(PKK के फाउंडर अब्दुल्ला ओकलान)
Photo Credit: (फोटो- एएफपी)
हालांकि उन्हें सीरिया से भी भागना पड़ा. दमिश्क छोड़ने के लिए मजबूर किए जाने के बाद, उन्हें साल 1999 में केन्या में तुर्की के खुफिया एजेंटों ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
भले ही अब्दुल्ला ओकलान ने शुरुआत हिंसा के साथ की थी लेकिन 1993 से उन्होंने राजनीतिक समाधान की वकालत की. उन्होंने जेल से किताबें लिखना जारी रखा है और शांति के लिए तुर्की के साथ कई दौर की वार्ता में शामिल रहे हैं.
तुर्की में शांति की यह बयार अभी क्यों आई?
जेल से भेज एक संदेश में ओकलान ने कहा कि कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी को एक बैठक बुलानी चाहिए और पार्टी को ही भंग करने का फैसला करना चाहिए. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि अब हथियारों के साथ संघर्ष करने की कोई वजह नहीं रह गई है. लोकतांत्रिक सर्वसम्मति ही मौलिक रास्ता है.
“अपनी कांग्रेस बुलाओ और फैसला लो. सभी समूहों को अपने हथियार डालने होंगे और पीकेके को खुद को भंग करना होगा.
जिस समय ओकलान का यह संदेश पढ़ा जा रहा था तो उनकी कुर्द समर्थक पार्टी (डीईएम) के अधिकारियों और अन्य कैदियों से घिरी एक तस्वीर दिखाई गई. इस्तांबुल में डीईएम पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी और पार्टी की सांसद पर्विन बुलदान (आर) ने ओकलान का बयान पढ़ा.

तुर्की में अभी रजब तैयब एर्दोगन राष्ट्रपति हैं. एर्दोगन चाहते हैं कि वो सत्ता में बने रहे और इसके लिए उन्हें तुर्की के संविधान को ही बदलना होगा. लेकिन संविधान बदलने के लिए उन्हें संसद में डीईएम पार्टी के समर्थन की जरुरत पड़ सकती है. अब डीईएम पार्टी लंबे समय से तुर्की में व्यापक लोकतंत्र, देश की कुर्द आबादी के अधिकारों और कैद ओकलान की स्थितियों में सुधार के लिए दबाव डालती रही है. डीईएम के नेताओं ने तीन बार जेल जाकर ओकलान के साथ मीटिंग भी की है.
तुर्की, सीरिया और पूरे मिडिल ईस्ट पर क्या असर होगा?
2013 में जब राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन की सरकार और PKK के बीच शांति समझौता हुआ था तो पूरी तुर्की में उत्साह के साथ इसका स्वागत किया गया था. हालांकि सीजफायर देर तक नहीं टिका और दो साल बाद हिंसा फिर से शुरू हो गई. अभी सबसे बड़ा सवाल यही है कि ओकलान के इस आह्वान का PKK के मिलिट्री विंग के नेताओं पर कितना असर होगा. अगर ओकलान की बात को पार्टी के सभी नेता मानते हैं तो इसका असर सीरिया में भी देखने को मिल सकता है.
पूर्वोत्तर सीरिया में कुर्द नेतृत्व वाली सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) और सीरिया में तुर्की समर्थित समूहों के बीच संघर्ष चला आ रहा है. अगर PKK और तुर्की सरकार के बीच का संघर्ष खत्म हो जाए तो यहां भी शांति देखने को मिल सकती है. यदि PKK अपने हथियार डाल देता है, तो सीरिया में तुर्की के समर्थन वाली अंतरिम सरकार से SDF का समझौता आसान हो जाएगा.
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