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यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस से बातचीत के पहले नाटो की सुरक्षा गारंटी और हथियार मांगे


कीव (यूक्रेन):

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रविवार को कहा कि रूस के साथ किसी भी वार्ता से पहले उनके देश को नाटो से सुरक्षा गारंटी और खुद की रक्षा के लिए और अधिक हथियारों की आवश्यकता है. उन्होंने यूरोपीय संघ के नए कूटनीति प्रमुख काजा कालास और यूरोपीय संघ परिषद के प्रमुख एंटोनियो कोस्टा से मुलाकात के बाद यह टिप्पणी की.  

कोस्टा के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़ेलेंस्की ने कहा, “नाटो में शामिल होने के लिए यूक्रेन को निमंत्रण देना हमारे अस्तित्व के लिए एक जरूरी बात है.”

यूक्रेन को कठिन सर्दियों का सामना करना पड़ रहा है. रूस उसके बिजली ग्रिड पर विनाशकारी बमबारी कर रहा है और कीव की थकी हुई सेना अग्रिम मोर्चे पर अपनी जमीन खो रही है. 

जनवरी में डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी समर्थन के भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. संभव है कि वह त्वरित शांति समझौते की तलाश में कीव को दर्दनाक रियायतें देने के लिए मजबूर कर सकते हैं.

ज़ेलेंस्की ने कहा कि क्रेमलिन के साथ किसी भी वार्ता से पहले उनके देश को “मज़बूत स्थिति” में होना चाहिए, उन्होंने “नाटो के साथ आगे बढ़ने” और खुद की रक्षा के लिए “काफी संख्या में” लंबी दूरी के हथियारों की मांग की.

उन्होंने कहा कि, “जब हमारे पास ये सभी चीज़ें होंगी और हम मज़बूत होंगे, उसके बाद ही हमें हत्यारों में से किसी एक से मिलने का बहुत महत्वपूर्ण एजेंडा बनाना होगा.” यूक्रेनी नेता ने कहा, यूरोपीय संघ और नाटो को किसी भी वार्ता में शामिल होना चाहिए.

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कोस्टा ने कहा कि यूरोपीय संघ यूक्रेन को अपना “अटूट” समर्थन देगा. उन्होंने ज़ेलेंस्की से कहा, “हम इस आक्रामक युद्ध के पहले दिन से ही आपके साथ खड़े हैं, और आप हम पर भरोसा कर सकते हैं कि हम आपके साथ खड़े रहेंगे.” 

यूरोपीय संघ की नई नेतृत्व टीम यह दिखाने के लिए उत्सुक है कि वह रूस के हमले के खिलाफ कीव का समर्थन करने के लिए दृढ़ है. 

अमेरिका ने यूक्रेन को पहली बार रूस में लंबी दूरी की एटीएसीएमएस मिसाइलों को दागने की मंजूरी दी तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस सप्ताह कीव में अपनी नई ओरेशनिक मिसाइल से सरकारी इमारतों पर हमला करने की धमकी दी. 

अधिकारियों ने कहा कि रविवार को एक रूसी ड्रोन ने दक्षिणी खेरसॉन क्षेत्र में एक बस पर विस्फोटक गिराए, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि रूसी सेना ने पूर्व में दो नए फ्रंटलाइन गांवों पर कब्जा करने का दावा किया.



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