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UP पेपर लीक मामले में पुलिस को मिली बड़ी सफलता, मेरठ से 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार

योगी सरकार ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में बुधवार को पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हुई है. दरअसल, पुलिस ने आज पेपर लीक मामले में मेरठ से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद पुलिस मामले में सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस की टीम को आरोपियों के पास 18 फरवरी को हुए सेकेंड शिफ्ट के प्रश्नपत्र के जवाब भी मिले. इसके अलावा पुलिस ने आरोपियों से 8 मोबाइल फोन और एक कार भी जब्त की है. 

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जानकारी के मुताबिक, 18 फरवरी को हुए सेकेंड शिफ्ट के पेपर से डेढ़ घंटा पहले ही आरोपियों के हाथ जवाब कुंजी लग गई थी. इतना ही नहीं गिरफ्तार किए गए 6 आरोपियों में से दो आरोपी दीपक और साहिल ने भी पुलिस भर्ती परीक्षा में हिस्सा लिया था. 

उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अध्यक्ष को हटाया गया

गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को पेपर लीक मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उप्र पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटा दिया है. बता दें कि, सरकार ने 1990 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी रेणुका मिश्रा को 14 जून 2023 को महानिदेशक व अध्‍यक्ष उप्र पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड की जिम्‍मेदारी सौंपी थी. रेणुका मिश्रा को हटाए जाने के बाद 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी सतर्कता निदेशक राजीव कृष्ण को बोर्ड की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है. 

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18 फरवरी को हुई थी पुलिस भर्ती परीक्षा

बता दें कि 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी. प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा रद्द कर दी थी और छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा कराने का आदेश दिया था. राज्य सरकार ने आरोपों की जांच उप्र पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) से कराने की भी घोषणा की थी. 

मुख्यमंत्री योगी ने दिया था परीक्षा रद्द करने का आदेश

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 11 फरवरी 2024 को आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) परीक्षा, 2023 की समीक्षा की गई थी. इस परीक्षा में कथित रूप से प्रश्न पत्र के कतिपय प्रश्नों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के शिकायतें प्राप्त हुई थीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा के बाद परीक्षा को रद्द करने का आदेश दिया था.

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