ये असंवैधानिक…; बर्थराइट सिटिजनशिप पर ट्रंप के आदेश पर अमेरिकी जज ने लगाई रोक
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले पर रोक
नई दिल्ली:
अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप (US Automatic Birthright Citizenship) को खत्म करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर देश की एक कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले से अमेरिका में रहने वाले उन हजारों आप्रवासियों को बड़ी राहत मिली होगी, जो ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से अपने भविष्य को लेकर परेशान हो रहे थे. जज ने अपने फैसले में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश को ‘साफ तौर पर असंवैधानिक’ करार दिया. राष्ट्रपति ट्रंप ने पदभार ग्रहण करने के बाद पहले ही दिन एक कार्यकारी आदेश के जरिए बर्थराइट सिटिजनशिप के अधिकार को खत्म कर दिया था.
ट्रंप के आदेश पर कोर्ट ने क्या कहा
कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले 4 राज्यों वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनॉयस और ओरेगन ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सिएटल में जज ने गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन को संयुक्त राज्य अमेरिका में बर्थराइट सिटिजनशिप के अधिकार को सीमित करने वाले कार्यकारी आदेश को लागू करने से रोक दिया. जज ने ट्रंप के आदेश का बचाव करने वाले यू.एस. न्याय विभाग के एक वकील से कहा कि यह स्पष्ट रूप से असंवैधानिक आदेश है. वाशिंगटन के एसिसटेंट अटॉर्नी जनरल लेन पोलोजोला ने सिएटल में सुनवाई की शुरुआत में सीनियर अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज जॉन कफ़नौर से कहा, “इस आदेश के तहत, आज जन्म लेने वाले बच्चे अमेरिकी नागरिक नहीं माने जाएंगे.”
ट्रंप ने दिया था ये आदेश
वॉशिंगटन, एरिजोना, इलिनॉयस और ओरेगन के डेमोक्रेटिक स्टेट अटॉर्नी जनरल की ओर से पोलोजोला ने जज से आग्रह किया कि वे प्रशासन को ट्रंप के इस आदेश को लागू करने से रोकने के लिए एक अस्थायी प्रतिबंध आदेश जारी करें. ट्रंप के आदेश को चुनौती देने वालों का तर्क ये है कि संविधान के 14वें संशोधन के नागरिकता अधिकार का उल्लंघन करती है, जिसमें ये प्रावधान है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मा कोई भी व्यक्ति नागरिक है. ट्रंप ने अपने कार्यकारी आदेश में अमेरिकी एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे अमेरिका में जन्मे ऐसे बच्चों की नागरिकता को मान्यता देने से इंकार कर दें, जिनके माता या पिता अमेरिकी नागरिक या कानूनी स्थायी निवासी नहीं हैं.