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भारत को US ने दिया F-35 खरीदने का ऑफर, बिफरे चीन-पाकिस्तान; दोनों देशों को सता रहा क्या डर


नई दिल्ली:

अमेरिका ने भारत को दुनिया के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट F-35 का ऑफर भारत को दिया है. दुनिया में अभी अमेरिका, रूस और चीन ही ऐसे देश हैं, जिनके पास स्टील्थ फाइटर जेट्स हैं. चीन और पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति की भारतीय पीएम मोदी के साथ बैठक के दौरान पड़ोसी भारत को F-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने के डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव की आलोचना की है. अमेरिका ने जैसे ही भारत के सामने ये फाइटजर जेट बेचने की इच्छा जाहिर की, वैसे ही एशियाई उपमहाद्वीप में हलचल मच गई है. ट्रंप के इस ऑफर से सबसे ज्यादा परेशानी पाकिस्तान और चीन को हुई. चीन ने इस तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस प्रस्ताव की आलोचना करते हुए कहा कि एशिया-पैसिफिक (इंडो-पैसिफिक) “शांति और विकास का शानदार उदाहरण है, भू-राजनीतिक खेलों का अखाड़ा नहीं.” चीन ने यह भी कहा कि “विशेष समूह” बनाने और भू-राजनीतिक खेलों में शामिल होने से सुरक्षा नहीं मिलेगी.

अमेरिका के भारत को ऑफर से चीन-पाकिस्तान परेशान

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाले देशों में से एक है. भारत इस साल 114 मल्टी रोल फाइटर जेट के लिए बोलियां आमंत्रित कर रहा है, जो चीन की बढ़ती हवाई क्षमताओं का मुकाबला करने के लिए देश के लड़ाकू विमानों के बेड़े को मजबूत करने में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. ट्रंप ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर भारत को एफ-35 फाइटर जेट खरीदने की पेशकश की. यह प्रस्ताव पाकिस्तान को नाराज़ करने के लिए काफी था, जिसके पास कई अमेरिकी फाइटर जेट F-16 लड़ाकू विमान हैं. जिन पर पाकिस्तान खूब इतराता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत को ऐसी उन्नत सैन्य तकनीक के ट्रांसफर से बहुत चिंतित है. उनके मंत्रालय ने दावा किया कि इससे क्षेत्र में सैन्य असंतुलन बढ़ेगा और रणनीतिक स्थिरता भी कमजोर होगी. 

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चीन ने बना डाला छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान

भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी सीमा है जो पश्चिम में लद्दाख से लेकर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश तक फैली हुई है. जुलाई 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में हुई एक घातक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते काफी खराब दौर में पहुंच गए थे. जो कि 45 वर्षों में सबसे बड़े संघर्षों में से एक था. पिछले साल दिसंबर में चीन ने छठी पीढ़ी के नए स्टील्थ सैन्य टेललेस विमानों का परीक्षण किया था, जब उन्हें चेंगदू शहर के ऊपर उड़ते देखा गया था. द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के डिफेंस एक्सपर्ट लक्ष्मण बेहरा ने कहा, “चीनी आधुनिक लड़ाकू विमानों को शामिल कर रहे हैं और पाकिस्तानियों को भी कुछ चीनी सहायता मिल रही है, जबकि लड़ाकू स्क्वाड्रनों के मामले में भारतीय वायु सेना की स्थिति कमजोर है. इसमें कोई शक नहीं है.”

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भारत के पास नहीं है पांचवी पीढ़ी का जेट

भारतीय वायुसेना के बेड़े में अमेरिकी लड़ाकू विमान नहीं हैं, लेकिन करीब 50 विमान जनरल इलेक्ट्रिक इंजन से चलते हैं, और 170 और विमानों का ऑर्डर दिया जा रहा है. पीएम मोदी और ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक संयुक्त बयान में इस साल के अंत में अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए समझौते पर हस्ताक्षर करने की योजना की घोषणा की. भारत में स्थित एक स्वतंत्र रक्षा विश्लेषक राहुल बेदी ने कहा कि एफ-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों के लिए अमेरिका के साथ सौदा भारत की 100 से अधिक विमानों की तत्काल आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाएगा. उन्होंने एसोसिएटेड प्रेस को बताया एफ-35 कल नहीं आने वाले हैं, उन्हें आने में कई साल लगेंगे.”

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F-35 खरीदने से भारत होगा कितना मजबूत

अगर भारत F-35 खरीदने की दिशा में आगे बढ़ता है और ये डील हो जाती है तो ये पहली बार होगा जब भारत, किसी अमेरिकी फाइटर जेट को अपने बेड़े में शामिल करेगा. इससे पहले भारत के पास फ्रांस के राफेल और रूस के सुखोई जेट है. लेकिन भारत के पास अभी तक एक भी अमेरिकी लड़ाकू विमान नहीं हैं. अमेरिकी जेट F-35A की स्टील्थ टेक्नोलॉजी कमाल की है. इसमें एडवांस सेंसर फ्यूजन और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर कैपिबिलिटी हैं, जो कि इसे अपनी पीढ़ी के बाकि विमानों पर बढ़त देती है. युद्ध के मैदानों में ऐसी एडवांस्ड फाइटर जेट का अपना अलग महत्व होता है. अपने बेहतरीन AN/APG-81 AESA रडार और डिस्ट्रिब्यूटेड अपर्चर सिस्टम (DAS) से चीनी J-35A और टर्किश KAAN जैसे स्टील्थ विमानों को ट्रैक करने की क्षमता भी भारत के पास होगी. इसका सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इससे तुर्की और चीन के फिफ्थ जेनरेशन जेट में रडार को चकमा देने की जो ताकत है. अगर भारत F-35A स्टील्थ फाइटर जेट हासिल कर लेता है, तो पाकिस्तान से पहले भारत के पास पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान होंगे.

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भारत के पास F-35 लड़ाकू का क्या विकल्प है?

F-35 दुनिया का सबसे महंगा फाइटर जेट है, ऐसे में इसका रख-रखाव भी कम खर्चीला नहीं होगा. इस लिहाज से भारत ऐसी डील चाहेगा जो ना सिर्फ उसके मुफीद हो बल्कि कम खर्चीला भी है. ऐसे में रूस ने भारत को अपना पांचवीं जेनरेशन का विमान Su-57 देने की पेशकश की है. अमेरिकी फाइटर जेट F-35 के मुकाबले इसकी कीमत आधी है. बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 में आए Su-57 के अधिकारियों ने अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा कि अगर भारत रूसी जेट खरीदता है तो उसे न तो प्रतिबंधों की चिंता करनी होगी और न ही पुर्जों का इंतजार करना होगा. इसका रखरखाव भी F-35 के मुकाबले काफी सस्ता होगा. दरअसल, भारत अमेरिका से F-35 खरीदता है तो उसे सर्विस से लेकर स्पेयर पार्ट्स तक के लिए अमेरिकी कंपनियों पर ही ज्यादा निर्भर रहना होगा. Su-57 के साथ ऐसी दिक्कत नहीं है. रूस ने इसे भारत में ही बनाने का प्रस्ताव रखा है, जो कि भारत के मेक इन इंडिया एजेंडे में भी फिट बैठता है. 

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