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60 से ज्यादा घंटे, रेस्क्यू में ड्रोन का इस्तेमाल, तेलंगाना सुरंग हादसे का हर अपडेट पढ़ें


हैदराबाद:

चार दिन, अंधेरी सुरंग, हर तरफ पानी और फंसी 8 जिंदगियां… तेलंगाना में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के ये वो अपडेट हैं जो सभी की चिंताएं बढ़ा सकते हैं. मजदूरों के परिवार ईश्वर से यही मिन्नत कर रहे हैं कि उनके अपने कैसे भी बाहर आ जाएं. पत्नियां बेसुध तो वहीं मां की आंखों के आंसू सूख गए. लेकिन उम्मीद अब भी कायम है. रेक्स्यू ऑपरेशन में काफी चुनौतियां आ रही हैं. पत्थर खिसकने की वजह से सुंरग में करीब 12-13 फीट मिट्टी और पानी भर गया है. हालात बिगड़ते जा रहे हैं. इस बीच उनके जीवित बचे होने की संभावना भी कम ही दिखाई दे रही है. लेकिन राहत और बचाव एजेंसियां पूरे जी जान से रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं. भारतीय सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और अन्य एजेंसियां मजदूरों को बाहर निकालने की हर संभव कोशिश कर रही है. सुरंग में उनकी खोज के लिए खोजी कुत्तों को भी लाया गया था. लेकिन पानी ज्यादा होने की वजह से वे आगे ही नहीं बढ़ सके.अब तक क्या-क्या हुआ जानें हर अपडेट.

(तेलंगाना की सुरंग में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन)

रेट होल माइनर्स की ली जा रही मदद

तेलंगाना की सुरंग में फंसे आठ मजदूरों को खोजकर बाहर निकालने के लिए उन रेट होल माइनर्स की भी मदद ली जा रही है, जिन्होंने उत्तराखंड के सिलक्यारा बेंड-बरकोट सुरंग में हुए हादसे के दौरान वहां फंसे मजदूरों को बचाया था. दरअसल ये रेट होल माइनर्स संकरी जगहों पर बचाव कार्य में एक्सपर्ट होते हैं. 

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सुरंग में लगाए गए एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे

सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए एंडोस्कोपिक और रोबोटिक कैमरे लगाए गए हैं. ताकि अंदर फंसे मजदूरों का पता लगाने में आसानी हो. इन कैमरों से ये भी पता चल सकेगा कि सुरंग में चल क्या रहा है,पानी और कीचड़ की क्या स्थिति है. वहीं ड्रोन से सुरंग की निगरानी की जा रही है. 

तेलंगाना सुरंग हादसे के बारे में जानिए

  • तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में शनिवार सुबह श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना के निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था.
  • जिसकी वजह से करीब 14 किमी. भीतर  8 मजदूर कीचड़ में फंस गए. उनके रेस्क्यू की कोशिशें लगातार जारी हैं. लेकिन अब तक उन लोगों से कोई संपर्क नहीं हो सका है.
  • सुरंग में भरा पानी बाहर निकालने और वहां ऑक्सीजन पहुंचाने की व्यवस्था की गई है. मलबे की वजह से अंदर जाना मुश्किल हो रहा है.
  • तेलंगाना सरकार के एक मंत्री के मुताबिक, हादसे के समय सुरंग में करीब 70 मजदूर काम कर रहे थे. लेकिन ज्यादातर लोग बचकर बाहर निकल गए. 8 लोग वहीं फंस गए.
  • रेस्क्यू टीम के एक सदस्य के मुताबिक, उनका मिशन करीब 200 मीटर का ही बचा है, लेकिन रास्ता बहुत मुश्किल है. पानी बाहर निकालने के बाद ही आगे की खुदाई शुरू की जा सकेगी.
(तेलंगाना की सुरंग में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन)

(तेलंगाना की सुरंग में फंसे मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन)

सुरंग में फंसे मजदूरों के बारे में जानिए

सुरंग में फंसे हुए 8 में से चार मजदूर झारखंड के हैं. बाकी यपी, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के हैं. इनकी पहचान यूपी के मनोज कुमार और श्री निवास, पंजाब के गुरप्रीत सिंह,जम्मू-कश्मीर के सनी सिंह, झारखंड के संदीप साहू, संतोष साहू, जेगता जेस और अनुज साहू के रूप में हुई है. इन 8 लोगों में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और 4 मजदूर हैं.

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रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट 

शनिवार को हादसे के बाद से ही रेस्क्यू टीम लगातार कोशिश में जुट हुई है, लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लग सकी है. कीचड़, लोहे की छड़ें और सीमेंट के ब्लॉक्स की वजह से सुरंग में पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है. गैस कटर से लोहे की छड़ों को काटा जा रहा है. मजदूरों के जिंदा होने की संभावना भी अब कम ही नजर आ रही है, ये तेलंगाना सरकार के मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने कहा है.

(तेलंगाना की सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाती राहत टीमें)

(तेलंगाना की सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन कर रहीं राहत टीमें)

सुरंग में फंसे 8 मजदूरों को बचाने के लिए सेना, नौसेना, सिंगरेनी कोलियरीज, NDRF, SDRF की 584 सदस्यीय टीम करीब 7 बार सुरंग का निरीक्षण कर चुकी है. पूरा देश यही दुआ कर रहा है कि ये मजदूर सही सलामत जल्द बाहर निकल आएं. उनको निकालने की कोशिश भी लगातार जारी है. 
 



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