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उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मनाया इगास लोकपर्व, सांसद अनिल बलूनी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में की शिरकत

उत्तराखंड में लोकपर्व इगास का खास महत्व


नई दिल्ली:

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोकपर्व इगास के अवसर पर सांसद अनिल बलूनी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. उत्तराखंड में दीपावली के बाद मनाई जाने वाले इगास लोकपर्व का अपना खास महत्व है. इसे ‘बूढ़ी दीपावली’ भी कहते हैं, इगास लोकपर्व इस बार 12 नवंबर 2024 को मनाया गया. इस पर्व का उद्देश्य पुरानी परंपराओं का सम्मान और सांस्कृतिक धरोहर को जिंदा रखना भी है.

उत्तराखंड के लिए क्यों खास इगास पर्व

बलूनी ने साल 2018 में इगास पर्व को गांव में ही मनाने की मुहिम शुरू की. उत्तराखंड में दिवाली के दिन को बग्वाल के रूप में मनाया जाता है जबकि कुमाऊं में दिवाली से 11 दिन बाद इगास यानी बूढ़ी दीपावली मनाई जाती है. मान्यता है कि जब भगवान राम 14 वर्ष बाद लंका विजय कर अयोध्या पहुंचे तो लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया और उसे दीपावली के त्योहार के रूप में मनाया. माना जाता है कि कुमाऊं क्षेत्र में लोगों को इसकी जानकारी 11 दिन बाद मिली, इसलिए यहां पर दिवाली के 11 दिन बाद इगास मनाई जाती है.

पीएम मोदी ने भी मनाया इगास पर्व

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व इगास मनाया और राज्य के लोगों को इसकी बधाई दी. पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सांसद अनिल बलूनी के आवास पर इस त्योहार में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा योग गुरु बाबा रामदेव और कुछ अन्य धार्मिक व आध्यात्मिक हस्तियों ने भी हिस्सा लिया.

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लोकपर्व की पीएम मोदी ने दीं शुभकामनाएं

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘उत्तराखंड के मेरे परिवारजनों सहित सभी देशवासियों को इगास पर्व की बहुत-बहुत बधाई! दिल्ली में आज मुझे भी उत्तराखंड से लोकसभा सदस्य अनिल बलूनी के यहां इस त्योहार में शामिल होने का सौभाग्य मिला. मेरी कामना है कि यह पर्व हर किसी के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लाए.’ पीएम मोदी ने कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार विकास और विरासत को एक साथ लेकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें इस बात का संतोष है कि लगभग लुप्तप्राय हो चुका लोक संस्कृति से जुड़ा इगास पर्व, एक बार फिर से उत्तराखंड के लोगों की आस्था का केंद्र बन रहा है.


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