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उत्तराखंड टनल मामला : मजदूरों के जल्द निकलने की उम्मीद, दिल्ली से पहुंची विशेषज्ञों की टीम


Uttarakhand Tunnel Rescue : उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 12 दिनों से फंसे 41 मज़दूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. रातभर ऑगर मशीन से खुदाई चली, जिसमें 45 मीटर Horizontal खुदाई के बाद लोहे का एक सरिया आ गया, जिससे ड्रिंलिग में रुकावट पैदा हो गई, लेकिन अब इस रुकावट को दूर कर लिया गया है.

रेस्क्यू से जुड़े बड़े अपडेट्स

  1.  ज़िलाधिकारी के मुताबिक- वो लोहे का सरिया अब हट चुका है और फिर खुदाई शुरू हो चुकी है. मलबे में अब सिर्फ 12 मीटर की खुदाई बाकी है, जो तीन से चार घंटे में पूरी हो सकती है, जिसके बाद मजदूरों को बाहर निकाला जा सकेगा.

  2.  इस बीच दिल्ली से कुछ विशेषज्ञ भी उत्तरकाशी पहुंचे हैं, जो किसी तरह की बाधा में मदद करेंगे. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान पहले पाइप से टनल में जाएंगे और वहां से ज्यादा कमज़ोर मज़दूर या जिनकी उम्र थोड़ी ज़्यादा है, उनको पहले बाहर निकालने की योजना है. मौके पर एंबुलेंस भी तैनात है, जिससे सुंरग से निकाले जाने के बाद मज़दूरों को अस्पताल ले जाने की तैयारी है, जिसके लिए चिन्यालीसौड़ में एक सामुदायिक भवन में 41 बेड वाला एक विशेष अस्पताल भी तैयार किया गया है और टनल से लेकर अस्पताल तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है यानी हर स्तर पर मज़दूरों को सुरक्षित बचाने की तैयारियां हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कल शाम से उत्तरकाशी में मौजूद हैं.

  3. आपको बता दें कि सुरंग में करीब 57 मीटर में मलबा गिरा हुआ है, जिसकी दूसरी तरफ़ मज़दूर फंसे हुए हैं. 800 मीटर के लोहे के पाइप मलबे के बीच से डाले जा रहे हैं और जब ये दूसरी ओर पहुंच जाएंगे तो इसके भीतर से मज़दूरों को निकाल लिया जाएगा. व्हील वाले स्ट्रेचर के जरिए मजदूरों को निकाला जाएगा. मजदूरों को स्ट्रेचर्स पर लिटा कर बाहर खींचे जाने की तैयारी है.

  4. उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद भी उत्तरकाशी में हैं, एनडीआरएफ के ‘सेकंड इन कमांड’ रवि शंकर बधानी ने बताया कि एनडीआरएफ के जवानों ने इसका अभ्यास कर लिया है कि कैसे पाइप के जरिए मलबे के दूसरी ओर जाना है जहां मजदूर फंसे हैं.

  5. NDRF की टीम 800 mm की पाइपलाइन के अंदर जाकर मजदूरों को बारी-बारी से निकालेगी. अगर मजदूरों को कमजोरी हुई तो NDRF की टीम ने उन्हें स्केट्स लगी टेंपररी ट्रॉली के जरिए बाहर लाएगी.

  6. मजदूरों को बाहर निकालने के बाद 41 एंबुलेंस में चिल्यानीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाएगा. यहां 41 बेड का अस्पताल तैयार किया गया है. मजदूरों को इस अस्पताल तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया है. जरूरत पड़ी तो मजदूरों को एयरलिफ्ट कर ऋषिकेश एम्स ले जाया जा सकता है.

  7. पाइप के जरिए मजदूरों से बात करके उनका मनोबल बनाए रखने की कोशिश की जा रही है. कुछ मजदूरों ने मोबाइल और चार्जर की मांग की थी. उन्हें ये मुहैया कराया गया है. 

  8. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात करके सिलक्यारा में चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली.

  9. मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की उम्मीद के साथ ही बचावकर्मियों का मनोबल भी बढ़ा दिया.

  10. सिलक्यारा टनल हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ था. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी. इसमें 41 मजदूर अंदर फंस गए. टनल के अंदर फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं. चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है. 

  11. उत्तरकाशी टनल हादसे के बाद सड़क और परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में बन रही 29 टनल का सेफ्टी ऑडिट कराने के फैसला किया है. इसके लिए कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ करार किया गया है. NHAI और दिल्ली मेट्रो के एक्सपर्ट मिलकर सभी टनल की जांच करेंगे और 7 दिन में रिपोर्ट तैयार करेंगे.

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