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"भाषा से बहुत दुखी": पानी बिल मुद्दे पर बहस के बीच LG को CM अरविंद केजरीवाल का खुला पत्र

अरविंद केजरीवाल और एलजी विवाद.

नई दिल्ली:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उप-राज्यपाल (LG) वीके सक्सेना (VK Saxena) एक बार फिर आमने-सामने हैं. मामला दिल्ली में बढ़े हुए पानी के बिलों का है. बढ़े हुए पानी के बिलों के एकमुश्त निपटान के मुद्दे पर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को सीएम केजरीवाल को संबोधित ‘खुला पत्र’ लिखा. इस पत्र में उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना को रोकने के आम आदमी पार्टी सरकार के आरोप ‘सफेद झूठ’ हैं.

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LG पर योजनाओं में रुकावट पैदा करने का आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और AAP सरकार के मंत्रियों आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने भी आरोप लगाया था कि उपराज्यपाल बीजेपी संबंधित अधिकारियों के जरिए योजना में रुकावट पैदा कर रहे हैं. वहीं सीएम केजरीवाल ने भी उपराज्यपाल को जवाब में एक ‘खुला पत्र’ लिखा और कहा कि वह उनके पत्र की भाषा से बहुत दुखी हैं. उन्होंने कहा, “हमारे जो भी मतभेद, राजनीतिक पृष्ठभूमि और हमारा नजरिया भले ही अलग हो, लेकिन एक संवैधानिक पदाधिकारी की तरफ से दूसरे पदाधिकारी के लिए इस तरह की आक्रामक भाषा स्वीकार्य करने योग्य नहीं है.”

AAP सरकार के आरोप “सफेद झूठ”

बढ़े हुए पानी के बिलों के एकमुश्त निपटान के मुद्दे पर चल रहे वाकयुद्ध में, एलजी वीके सक्सेना ने बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल के नाम ‘खुले पत्र’ में कहा कि प्रस्तावित योजना को रोकने के AAP सरकार के आरोप “सफेद झूठ” थे.”  मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने भी एलजी और बीजेपी पर संबंधित अधिकारियों के जरिए योजना को रोकने का आरोप लगाया. 

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‘कागज का एक भी टुकड़ा भी संज्ञान में नहीं आया’

वहीं एलजी वीके सक्सेना ने अपने पत्र में दावा किया कि योजना पर कागज का एक भी टुकड़ा आधिकारिक या अनौपचारिक रूप से उनके  संज्ञान में नहीं लाया गया. वीके सक्सेना ने केजरीवाल को लिखा कि जल, वित्त, शहरी विकास, योजना से संबंधित ये सभी विभाग, ट्रांसफरेबल विषय होने की वजह से पूरी तरह से मुख्यमंत्री के नियंत्रण में हैं और एलजी की कोई भूमिका नहीं है.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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