विस्तारा ने किया पायलट संकट से जल्द निपटने का ऐलान, लेकिन इसमें समय लग सकता है
विस्तारा एयरलाइन लगातार पायलट संकट (Vistara Airline Pilot Crisis) से जूझ रही है. विस्तारा मैनेजमेंट भले ही अपने मौजूदा संकट से जल्द निपटने की बात कह रहा हो, लेकिन इसका समाधान होने में समय लगने की उम्मीद जताई जा रही है. ये जानकारी सूत्रों के हवाले से The Hindkeshariप्रॉफिट को दी गई है. मामले से वाकिफ दो लोगों ने कहा कि पहले एयर इंडिया से अधिकारियों को डिप्युटेशन पर विस्तारा में भेजा जाएगा. लेकिन मामला इससे भी तुरंत हल नहीं हो सकता. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के नियमों के मुताबिक, इन फर्स्ट ऑफिसर्स को करीब 40 दिनों के जरूरी प्रशिक्षण से गुजरना पड़ेगा. इसमें सिम्युलेटर और लाइन ट्रेनिंग के साथ 21 दिन की ग्राउंड ट्रेनिंग भी शामिल है.
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पायलट एक्सचेंज के लिए ऑफिशियल ट्रेनिंग की जरूरत
सूत्रों के मुताबिक, भले ही विस्तारा और एयर इंडिया दोनों ही टाटा ग्रुप का हिस्सा हैं, लेकिन कोई भी पायलट एक्सचेंज ऑफिशियल ट्रेनिंग के बाद ही किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक एयर इंडिया पहले से ही फर्स्ट ऑफिसर्स की कमी से जूझ रही है. ज्यादातर एयर इंडिया ऑपरेशन्स वन-वेकमांड के साथ ऑपरेट किए जा रहे हैं. जिसका मतलब यह है कि को-पायलटों की कमी की वजह से दो पायलट कॉकपिट ऑपरेशन्स संभाल रहे हैं. अगर विस्तारा एयरबस ए320 उड़ाने वाले पायलटों को अन्य एयरलाइंस के लिए नियुक्त करती है, तो उनकी ट्रेनिंग में भी कम से कम दो महीने लगेंगे.
पायलटों का दबाव कम करने पर फोकस
विस्तारा एयरलाइन की तरफ से रविवार को कहा गया कि पायलटों पर दबाव कम करने के लिए वह प्रतिदिन 25-30 उड़ानें कम कर रही है. एयरलाइन ने रेखांकित किया कि कई रद्दीकरणों और देरी के बाद पिछले कुछ दिनों में उसने अपनी उड़ानों के समय प्रदर्शन में सुधार किया है. विस्तारा के पायलट, एयर इंडिया के साथ विलय की प्रकिया में हैं, वह नए समझौते के बाद से खुश नहीं हैं. इस समझौते के मुताबिक, फिक्स सैलरी कम कर दी गई है और सैलरी स्ट्रक्चर में ज्यादा फ्लाइंग-लिंक्ड इनसेंटिव को प्रोत्साहन दिया गया है.
क्या है विस्तारा के प्रवक्ता का बयान?
विस्तारा के प्रवक्ता ने रविवार को एक बयान में कहा, “हम सावधानीपूर्वक अपने ऑपरेशन्स को हर दिन करीब 25-30 उड़ानों तक कम कर रहे हैं, यानी हम जिस क्षमता से ऑपरेशन्स चला रहे थे, उसका लगभग 10%. कम रहे हैं. इससे हम फरवरी 2024 के अंत वाली उड़ान संचालन के स्तर पर वापस चले जाएंगे. इससे रोस्टर में भी जरूरी लचीलापन और बफर देखने को मिलेगा.”
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