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झारखंड विधानसभा चुनाव का 13 और 20 नवंबर को 2 चरणों में होगा मतदान, यहां जानिए हर अपडेट

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बात अगर पिछले विधानसभा चुनाव की करें तो झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस गठबंधन को जीत मिली थी. राजद, कांग्रेस और जेएमएम गठबंधन ने 81 सदस्यों वाले विधानसभा में 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में जेएमएम को 30, कांग्रेस को 16 और राजद को एक सीट मिली थी.

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लोकसभा चुनाव 2024 में इस गठबंधन में भाकपा माले की भी एंट्री हो गयी. लोकसभा की 14 सीटों में से 7,5,1,1 के फर्मूले पर समझौते हुई थी. कांग्रेस 7, जेएमएम 5, राजद 1 और भाकपा माले को एक सीट मिली थी. हालांकि विधानसभा चुनाव में जेएमएम हमेशा से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ती रही है. झारखंड में भाजपा का ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाईटेड) के साथ गठबंधन है. इस बार तीनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. इस गठबंधन का मुकाबला झामुमो, कांग्रेस और राजद गठबंधन से होगा.

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मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार की इस घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है. कुमार ने बताया कि झारखंड में मतदाताओं की कुल संख्या 2.6 करोड़ है. इनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता हैं. पहली बार मतदान के पात्र युवाओं की कुल संख्या 11.84 लाख है.

कुमार ने कहा कि राज्य में कुल 29,562 मतदान केंद्रों की स्थापना की जाएगी, इनमें से 5042 मतदान शहरी इलाकों में जबकि 24,520 केंद्र ग्रामीण इलाकों में होंगे. राज्य में विधानसभा की 81 सीट हैं. इनमें 44 सामान्य, 28 अनुसूचित जनजाति और नौ अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.

झारखंड में साल 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन ने राज्य की 81 में से 47 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था. इसके बाद हेमंत सोरेन दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. इस चुनाव में भाजपा 25 सीट पर सिमट गई थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चुनाव हार गए थे.

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चुनाव बाद भी बड़े उलटफेर

पिछले पांच सालों में झारखंड में महाराष्ट्र की तरह कोई बहुत बड़ा राजनीतिक उलटफेर तो नहीं हुआ लेकिन इस दौरान झामुमो में घटे कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया. मुख्यमंत्री सोरेन को कथित जमीन घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में जनवरी 2024 में गिरफ़्तार कर लिया गया. सोरेन ने गिरफ्तारी से पूर्व मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और नए मुख्यमंत्री के रूप में झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन के करीबी सिपहसालार चम्पई सोरेन की ताजपोशी हुई. हालांकि, जून महीने में हेमंत सोरेन के जमानत पर रिहा होने के बाद चम्पई सोरेन को इस्तीफा देना पड़ा और एक बार फिर राज्य की कमान हेमंत सोरेन के हाथों में आई गई. इस घटनाक्रम के कुछ दिनों बाद चम्पई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दे दिया और भाजपा में शामिल हो गए.

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