पी रही थी कॉफी और इमर्जेंसी विंडो से गिर गई नीचे, नए ऑफिसों की कांच की दीवारें कितनी सेफ?
मुंबई:
मैनेजर का बर्थडे था, ऑफिस के कुलीग सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहे थे. पेंट्री में केक को डेकोरेट किया जा रहा था, कुछ लोग खाने के लिए चीजें ला रहे थे. इस बीच ऑफिस की ही एक एम्प्लॉई जीनल वोरा पेंट्री में कांच की खिड़की के सामने बैठकर कॉफी पी रही थी. अचानक एक तेज आवाज आई… जैसे कोई नीचे गिरा हो. बर्थडे सेलिब्रेशन में जुटे कुलीग्स ने पीछे मुड़कर देखा, तो जीनल वहां नहीं थीं. जीनल 11 मंजिल से नीचे गिर गई थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई. ये घटना मुंबई के एक ऑफिस की है, जिसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इनमें एक सवाल ये भी उठ रहा है कि आखिर ऑफिस में कांच की दीवारें कितनी सुरक्षित हैं? क्या किसी आपदा में कांच की ये बड़ी-बड़ी दीवारें लोगों के बचाने के लिए सक्षम हैं?
कॉफी पीते-पीते 11 मंजिल से नीचे गिरी…
मुंबई के पवई में एक बीमा कंपनी की 27 वर्षीय कर्मचारी की गुरुवार रात 8 बजे के आसपास अपने ऑफिस की पेंट्री में 11वीं मंजिल की इमरजेंसी खिड़की से गिरने के बाद जान चली गई. पवई पुलिस ने बताया कि बोरीवली पूर्व में रहने वालीं जीनल वोरा इमरजेंसी खिड़की के पास कॉफी पीते समय दुर्घटनावश गिर गई. सुप्रीम बिजनेस पार्क में 10वीं मंजिल के बगीचे में गिरने से जीनल वोरा को सिर में चोट लगी. दुर्घटना को देख, एक सहकर्मी अन्य स्टाफ सदस्यों के साथ तुरंत 10वीं मंजिल पर पहुंचे और वोरा को हीरानंदानी अस्पताल ले गए, जहां शुक्रवार सुबह 8 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया.
कौन-सा कांच ऑफिसों में हो रहा इस्तेमाल?
- टफन ग्लास एक प्रकार का सेफ्टी ग्लास होता है, जो सामान्य ग्लास से काफी मजबूत होता है.
- आजकल ऑफिसों की दीवारों, दरवाजों आदि में टफन ग्लास का ही इस्तेमाल किया जाता है.
- ऐसा माना जाता है कि ये काफी मजबूत होते हैं, लेकिन कई बार इनके टूटने पर काफी नुकसान भी होता है.
- आम कांच को गरम करके और फिर अचानक ठंडा करके टफन ग्लास बनाया जाता है.
- इस प्रक्रिया में कांच की सतह सख्त हो जाती है और अंदर का हिस्सा मजबूत हो जाता है.
- टफन ग्लास जब टूटता है, तो छोटे-छोटे टुकड़ों में बिखर जाता है, जिससे चोट लगने की गुंजाइश कम होती है.
आखिर कैसे गिरी जीनल… पुलिस जांच में जुटी
पवई पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया, ‘वोरा पेंट्री में इमरजेंसी खिड़की के पास कॉफी पीते समय दुर्घटनावश गिर गए, जबकि ऑफिस के अन्य सदस्य अपने मैनेजर के जन्मदिन का जश्न मनाने के लिए केक सजाने में व्यस्त थे. हमने ऑफिस के कर्मचारियों के बयान दर्ज किए हैं और कंपनी की सिक्योरिटी एजेंसी से सीसीटीवी फुटेज भी मांगे हैं.’ सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद ही पुलिस बता पाए कि आखिर जीनल कैसे गिरी, कहीं वह किसी साजिश का शिकार तो नहीं हुई?
‘फोन आया कि आपकी पत्नी बेहोश होकर गिर गई…’
पुलिस की शुरुआती जांच में कोई संदिग्ध परिस्थिति सामने नहीं आई है और पीडि़ता के परिवार के सदस्यों ने भी कोई संदेह व्यक्त नहीं किया है. पुलिस के पास कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई, जिसने आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज की है. पुलिस बयान में वोरा के पति, सिद्धार्थ कक्का, जो पेशे से वकील हैं, उन्होंने कहा, ‘मुझे मेरी पत्नी के ऑफिस से फोन आया था कि वह बेहोश होकर फर्श पर गिर गई है. लेकिन मुझे मामला गंभीर होने का पता तब चला, जब मैं ऑफिस पहुंचा और पाया कि वह 11वीं मंजिल से गिर गई है.’
पुलिस अब इस मामले में ये पता लगाने में जुटी है कि जीनल आखिर खिड़की से कैसे फिसल गईं? क्या इमरजेंसी खिड़की खुली हुई थी या फिर उसका कांच टूट गया? अगर कांच टूटा, तो इसकी वजह क्या थी. इन सवालों के जवाब मिलने के बाद ही इस मौत के केस की गुत्थी सुलझ सकेगी.
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