देश

क्या 13 साल की लड़की को महाकुंभ में नहीं किया गया था दान, पढ़ें क्या है इसके पीछे की सच्चाई

महाकुंभ में 13 साल की लड़की को दान करने के मामले में अब नई बात आई सामने


लखनऊ:

महाकुंभ को लेकर प्रयागराज में तैयारियों को आखिरी रूप दिया जा चुका है. इस महा-आयोजन में शामिल होने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच भी रहे हैं. महाकुंभ अभी शुरू भी नहीं हुआ है लेकिन वहां से जुड़ी कई रोचक खबरें सामने आने लगी है. कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि एक दंपति ने अपनी 13 साल की बेटी का संगम की रेती पर कन्या दान कर दिया है लेकिन जिस लड़की को दान किए जाने की बात सामने आई थी, उसने ऐसा किए जाने से साफ तौर पर इनकार कर दिया है. उसने कहा है कि मैंने अपनी स्वेच्छा से संन्यास लिया है. मुझे किसी ने दान नहीं किया. मैं अपनी मर्जी से गुरु की सेवा और सनातन धर्म के लिए काम करने आई हूं.  

शुरू से धार्मिक कार्यों में थी रुची

साधवी बनने वाली लड़की (राखी) को जानने वाले लोग बताते हैं कि आगरा में उसके पिता का पेठे का कारोबार है. राखी ने अब साध्वी बनने का फैसला लिया है उसे बचपन से ही धार्मिक कार्यों में काफी रुचि थी. कुछ समय पहले संत कौशल गिरि महाराज ने डौकी में भागवत कथा कराई थी. इसके बाद से लड़की के परिवार ने संत कौशल गिरि महाराज को गुरु मान लिया था. 

कक्षा की छात्रा है राखी सिंह

राखी ने अपने सनातन धर्म की सेवा करने का फैसला किया है उसका नाम राखी सिंह है. राखी सिंह फील्ड इंटर कॉलेज में 9वीं कक्षा की छात्रा हैं. पढ़ने में भी अव्वल है कॉलेज में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में वो हमेशा हिस्सा लेती थीं लेकिन उसका मन भगवत भक्ति में लगने लगा था. परिवार ने भी राखी की पूरी मदद की और उसकी इच्छा के अनुसार, बेटी को साध्वी बनाने के लिए संत कौशल गिरि के सानिध्य में प्रवेश कराया. राखी के परिवार का कहना है कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है.

यह भी पढ़ें :-  सोनम वांगचुक से मिलने बवाना थाने पहुंचीं CM आतिशी को रोका गया, बोलीं- 'LG से रोकने के लिए कॉल आया होगा'

पहले कही गई थी ये बात 

पहले ऐसी खबर आई थी कि यूपी के आगरा से आए दिनेश ढाकरे और  रीमा ने भी प्रयागराज महाकुंभ में सनातन धर्म की राह पर चलते हुए अपनी 13 साल की बड़ी बेटी राखी को जूना अखाड़े में दान कर दिया. इस मामले पर राखी की मां रीमा का कहना था कि यह सब ऊपर वाले की मर्जी से हुआ है. हर मां-बाप सोचते हैं कि वह अपने बच्चों को पढ़ाये, शादी विवाह करें. लेकिन बेटी को शुरू से शादी से नफरत है. 



Show More

संबंधित खबरें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button