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यूक्रेन- रूस युद्ध : ग्राउंड जीरो पर NDTV, देखें कैसे हर एक सायरन पर खौफ में आ जाते हैं लोग


ओडेसा:

फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन संघर्ष को 1,000 दिन पूरे हो गए हैं. रूसी हमले में यूक्रेन का ओडेसा शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इस शहर में हर जगह तबाही का मंजर है. यहां रहने वाले लोग खौफ में हैं. जैसे ही यहां सायरन की आवाज बजती है, लोग बंकरों के अंदर घुस जाते हैं.  The Hindkeshariकी टीम ओडेसा पहुंचकर वहां कैसे हालात हैं, ये आप तक पहुंचा रही है. यहां रिपोर्टिंग करने के दौरान अचानक से सायरन बज गया. सायरन की आवाज सुनते ही सभी लोग बंकर के अंदर भागने लगे.

दरअसल एक बड़े हमले की जानकारी मिलने के बाद ये सायरन बजाया गया और लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने को कहा गया. 300 मिसाइल दागने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद लोगों को सर्तक किया गया.  

अमेरिका ने दी बारूदी सुरंगों की सप्लाई की मंजूरी

रूस के खिलाफ चल रहे युद्ध में अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है. अमेरिका ने यूक्रेन को बारूदी सुरंगों (Landmines) की सप्लाई की मंजूरी भी दे दी है. अमेरिका के इस फैसले से रूस की चिंता बढ़ गई है. अमेरिकी अधिकारियों ने इस फैसले पर कहा कि यूक्रेन को रूसी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लैंड माइंस की जरूरत है.  

हम बातचीत के लिए तैयार लेकिन: रूसी राजदूत अलीपोव

दूसरी और रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष पर भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने बुधवार को कहा कि फिलहाल बातचीत के लिए ज्यादा आधार नहीं दिखता लेकिन कीव के साथ बैठकर बातचीत करने के लिए मॉस्को तैयार है, बशर्ते इसका कोई ‘‘स्वीकार्य आधार” हो. अलीपोव ने यहां ब्रिक्स और इसकी संभावनाओं पर आयोजित एक संवाद सत्र के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि इस आधार में सबसे पहले ‘‘जमीनी वास्तविकताएं”, सुरक्षा के दृष्टिकोण से रूस के हित और यूक्रेन के भीतर रूसियों तथा रूसी मूल के यूक्रेनी नागरिकों की सुरक्षा शामिल होनी चाहिए.

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इस सत्र की मेजबानी रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पूतनिक ने की. राजदूत ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि वर्तमान में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की अपने पांच साल के कार्यकाल की समाप्ति के बाद ‘‘पूरी तरह अनिर्वाचित राष्ट्रपति” हैं. अलीपोव ने दावा किया, ‘‘यूक्रेनी संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि राष्ट्रपति बिना चुनाव के पद पर बना रह सके – चाहे युद्ध का समय हो या न हो. इसलिए, इस दृष्टिकोण से, वह पूरी तरह से एक अनिर्वाचित राष्ट्रपति हैं.”

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस इस संघर्ष का समाधान निकालने के लिए यूक्रेन के साथ बातचीत करने को तैयार है, राजदूत ने कहा, ‘‘स्पष्ट रूप से कहें तो, (हमें) इस समय वार्ता के लिए ज्यादा आधार नहीं दिखता.” अलीपोव ने कहा, ‘‘हम बैठकर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि बातचीत का कोई आधार हो.’



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