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'हमें कोई जल्दी नहीं है', महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन, इस सवाल पर विपक्ष को BJP की दो टूक 


नई दिल्ली:

महाराष्ट्र चुनाव में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी महायुति से कौन मुख्यमंत्री बनेगा, ये अब तक तय नहीं हो पा रहा है. बैठकों का दौर जारी है. BJP ने अलग से बैठक की. अब एकनाथ शिंदे कुछ देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं. वहीं, महायुति ने गुरुवार को दिल्ली में बैठक बुलाई है. इसमें देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार शामिल होंगे. मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस के बीच BJP ने फिर से साफ किया है कि महायुति गठबंधन बना है बना रहेगा. BJP ने कहा, “हम तीन दोस्त हैं. ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे.”

महाराष्ट्र चुनाव में महायुति ने 230 सीटों पर जीत हासिल की है. BJP ने अकेले 132 सीटें जीती. शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 और अजित पवार गुट ने 41 सीटें पाई हैं. वहीं, महाविकास अघाड़ी ने 46 सीटों पर जीत हासिल की. उद्धव गुट ने 20 और शरद पवार गुट को 10 सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस के हाथ में सिर्फ 16 सीटें आईं.

सूत्रों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद पर देखना चाहती है. वहीं, दूसरी तरफ शिवसेना चाहती है कि उनके नेता एकनाथ शिंदे ही एक बार फिर सूबे की बागडोर संभालें. बीजेपी अब अपने सहयोगी के साथ बातचीत कर रही है, ताकि मतभेदों को दूर किया जा सके और सीएम के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर सकें. इन सब के बीच बीजेपी ने ये साफ कर दिया है कि सीएम के नाम के ऐलान को लेकर उन्हें किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं है. 

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मंत्रीमंडल में कौन-कौन हों, इसकी चर्चा भी हुई शुरू

महायुति द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा में देरी पर विपक्ष सवाल उठा रहा है,वहीं भाजपा सूत्रों का कहना है कि उन्हें सरकार बनाने की कोई जल्दी नहीं है. एक सूत्र ने बताया कि हम किसी समय सीमा पर विचार नहीं कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में सरकार गठन में दो सप्ताह लग गए.मुख्यमंत्री पद के अलावा बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के नेताओं को मंत्री पद पर भी सहमति बनाने की जरूरत है.  महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री समेत कुल 43 मंत्री हो सकते हैं. महायुति के 230 में से 132 सीटें जीतने वाली भाजपा को मंत्री पद का आधा हिस्सा मिलने की संभावना है, जबकि बाकी सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ी जाएंगी. 

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बीजेपी इस बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है

आपको बता दें कि 2022 में जब एकनाथ  शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में हुए विद्रोह के कारण उद्धव ठाकरे सरकार गिर गई थी, तब भाजपा ने विधानसभा में अधिक संख्याबल होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन दिया था. फडणवीस ने उस दौरान पार्टी हाईकमान ने उन्हें जो पद (उपमुख्यमंत्री) दिया था वो उन्होंने स्वीकार कर लिया था. लेकिन अब जब इस चुनाव में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है तो बीजेपी इस पद को अपने सहयोगी दल के लिए छोड़ना नहीं चाहती है. भाजपा नेताओं के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता देवेंद्र फडणवीस को अगला सीएम देखना चाहते हैं. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा की वैचारिक मातृ संस्था आरएसएस भी नागपुर दक्षिण पश्चिम के विधायक का समर्थन कर रही है.

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शिवसेना एकनाथ शिंदे को चाहती है सीएम

महाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच शिवसेना के प्रवक्ता ने एक बड़ा बयान दिया है. शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने बुधवार को कहा कि सीएम किस पार्टी का हो इसके लिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आखिर किस दल के सबसे ज्यादा विधायक हैं. सवाल है आंदोलन का सामना किसने किया है? इस चुनाव में जो जीत मिली है उसके पीछे शिंदे साहब का चेहरा सबसे अहम रहा है. शिरसाट ने आगे कहा कि हम मानते हैं कि इस जीत में आरएसएस का सहयोग भी रहा लेकिन संघ का रोल चुनाव के बाद खत्म हो गया. वो राजनीतिक फैसलों में नहीं पड़ते हैं. त्याग तो हमने किया था. सत्ता छोड़कर आये थे. गद्दारी, धोखा क्या-क्या आरोप नही लगे थे लेकिन हमने सबसे उबर कर दिखाया. उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संदेश नहीं आया है. शिरसाट ने रामदास आठवले की बातों पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि रामदास आठवले को गंभीरता से मत लीजिए. मैं आपसे ये साफ कर देना चाहता हूं कि शिंदे साहब महाराष्ट्र की राजनीति छोड़कर दिल्ली नहीं जाएंगे. और हमारे पास ऐसा कोई ऑफर अभी तक आया भी नहीं है.



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