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हम बिहार में 10 लाख सरकारी नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य पार करेंगे : नीतीश कुमार 

नीतीश ने कहा कि 3.68 लाख संविदा शिक्षकों को परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा. (फाइल)

खास बातें

  • नीतीश ने कहा कि सरकार 10 लाख नौकरियों के लक्ष्य से आगे बढ़ना चाहती है
  • CM ने कहा कि जिला मुख्यालयों में 96,823 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे
  • उन्‍होंने कहा कि अब तक राज्य में 3.63 लाख लोगों को नौकरियां प्रदान की हैं

पटना :

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार राज्य में 10 लाख सरकारी नौकरियां पैदा करने के लक्ष्य को न केवल हासिल करना चाहती है, बल्कि ‘‘उससे आगे” भी बढ़ना चाहती है. नवनियुक्त शिक्षकों के बीच नियुक्ति पत्र वितरण के लिए यहां आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुये, मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में 96,823 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए. 

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उन्होंने दावा किया, ‘‘यहां गांधी मैदान में कुल 26,935 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिल रहा है. हमने अब तक राज्य में 3.63 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां प्रदान की हैं.”

कुमार ने कहा, ‘‘हम जल्दी ही राज्य के युवाओं को दस लाख सरकारी नौकरियां देने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे. मुझे यह स्पष्ट करने दीजिये कि हम न केवल इस लक्ष्य को हासिल करेंगे बल्कि इससे आगे निकलेंगे……. राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है.”

उन्होंने कहा कि राज्य में पांच लाख युवाओं के लिये नौकरी के अवसर पैदा करने के अलावा लगभग 3.68 लाख संविदा शिक्षकों को योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जल्द ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिलेगा.

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70 दिन में 2 लाख से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र : नीतीश 

अगस्त 2022 में बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद, कुमार ने घोषणा की थी कि उनकी सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कम से कम 10 लाख सरकारी नौकरियां और अतिरिक्त 10 लाख ‘रोजगार के अवसर’ पैदा करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘हमने पिछले 70 दिनों में 2 लाख से अधिक नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं और यह अभियान जारी रहेगा.”

नवनियुक्‍त शिक्षकों में से 85 प्रतिशत बिहार से : नीतीश 

उन्होंने कहा कि दो लाख से अधिक नवनियुक्त शिक्षकों में से 85 प्रतिशत बिहार से हैं, जबकि शेष 15 प्रतिशत राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, केरल, महाराष्ट्र, झारखंड, ओडिशा और चंडीगढ़ से हैं. उन्होंने कहा कि बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को इतनी सुचारू रूप से संचालित करके सराहनीय काम किया है.

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(इस खबर को The Hindkeshariटीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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