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"बाघ की खाल पहनने से कोई भेड़िया… ": पुष्पा मूड में एकनाथ शिंदे, जानिए किस-किस को सुना गए

शिवसेना सुप्रीमो और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे फुल पुष्पा मूड में हैं. शुक्रवार को अपने पूर्व बॉस और शिवसेना-यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि बाघ की खाल पहनने से कोई भेड़िया बाघ नहीं बन जाता. उन्होंने विदर्भ क्षेत्र के गोंदिया जिले के देवरी में पार्टी रैली में कहा, “कुछ लोगों ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. वे अब सिर फोड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन जो लोग शोले फिल्म के असरानी जैसी स्थिति में हैं, उन्हें ऐसी बात नहीं करनी चाहिए. चुनौती देने के लिए आपकी कलाई में ताकत होनी चाहिए. बाघ की खाल पहनने से कोई भेड़िया बाघ नहीं बन जाता.” उन्होंने दावा किया, “वे (शिवसेना यूबीटी) लोकसभा और विधानसभा चुनावों में हार गए थे. अब वे आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में भी हार जाएंगे.”

शिंदे ने कहा, “सत्ता आती-जाती रहती है, इसलिए पद भी आते-जाते रहते हैं, जो दोबारा प्राप्त किए जा सकते हैं. हालांकि, प्यारी बहनों के प्यारे भाई के रूप में मिली पहचान सभी पदों से बड़ी है.”

इस बीच, नागपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना-यूबीटी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि जिन नेताओं ने बालासाहेब ठाकरे के विचारों को छोड़ दिया है और जो अच्छे लोगों को पार्टी से बाहर कर रहे हैं, उन्हें विधानसभा चुनाव में जनता ने पीछे धकेल दिया और हमेशा के लिए घर बैठा दिया. उन्होंने कहा, “हालांकि, शिवसेना वह है जो बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों को आगे बढ़ाती है. इसलिए, राज्य भर से विभिन्न दलों के नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता शिवसेना में शामिल हो रहे हैं.”

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ईमेल से मिली धमकी पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा, “मैं बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे का कार्यकर्ता हूं. जब आनंद दिघे थे तो डांस बार बंद हो गए थे. उस समय भी कई धमकियां थीं. जब मैं गढ़चिरौली का संरक्षक मंत्री था, तो माओवादियों ने धमकियां दीं, लेकिन गढ़चिरौली पुलिस ने वामपंथी खतरे को रोकने का काम किया. मैं धमकियों से नहीं डरता… मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं, जो मजबूत रहता है.”

हल्के में न लें

देवेंद्र फडणवीस से मतभेद की चर्चा के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि किसी को भी उन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए, और उन्होंने पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार को गिराने का परोक्ष रूप से उल्लेख किया. शिंदे ने कहा कि वह शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे और शिवसेना नेता दिवंगत आनंद दीघे के कार्यकर्ता रहे हैं. शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिरने का संभवत: जिक्र करते हुए कहा, ‘‘2022 में मैंने उन लोगों की गाड़ी पलट दी, जिन्होंने मुझे हल्के में लिया था और हम एक नई सरकार लेकर आए, जो लोगों के दिलों में बसी हुई है.  डबल इंजन सरकार (शिंदे के नेतृत्व में) पूरी गति से चली और मैंने और देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि हम 200 से अधिक सीटें जीतेंगे. हमने (2024 के विधानसभा चुनावों में) 232 सीटें जीतीं. मुझे हल्के में मत लीजिए. जो लोग इसे समझते हैं, उनके लिए यह संकेत काफी है. मैं अपना काम जारी रखूंगा.”

शिंदे और फडणवीस, दोनों ने इस बात से इनकार किया है कि कोई मतभेद है. इस सप्ताह की शुरुआत में शिंदे ने कहा था कि उनके और फडणवीस के बीच कोई ‘‘शीत युद्ध” नहीं चल रहा है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से पता चलता है कि तनाव बढ़ रहा है. 

यहां समझिए विवाद की जड़

  • पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव के बाद, शिंदे को (नयी सरकार में) अपनी भूमिका बदलने के लिए सहमत होना पड़ा और पिछली सरकार में उनके डिप्टी (उप मुख्यमंत्री) रहे फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया गया.
  • राकांपा नेता अदिति तटकरे और भाजपा के गिरीश महाजन को क्रमश: रायगढ़ और नासिक जिलों का प्रभारी मंत्री नियुक्त किए जाने से तनाव की स्थिति पैदा हो गई है, क्योंकि शिवसेना नेताओं ने इस पर नाखुशी जाहिर की.
  • दोनों नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया और फडणवीस ने अभी तक कोई नया फैसला नहीं लिया है.
  • दोनों उपमुख्यमंत्रियों — शिंदे और राकांपा नेता अजित पवार ने उन जिलों में परियोजनाओं की प्रगति पर नजर रखने के लिए परियोजना निगरानी प्रकोष्ठों की स्थापना की है.
  • हालांकि, मुख्यमंत्री के पास पहले से ही प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी के लिए अपना ‘वॉर रूम’ है.
  • मुख्यमंत्री राहत कोष – जिससे जरूरतमंद मरीजों को मदद मिलती है – पहले से ही मौजूद था, लेकिन शिंदे ने अपना स्वयं का चिकित्सा सहायता प्रकोष्ठ स्थापित किया.
  • शिंदे, फडणवीस द्वारा बुलाई गई कई बैठकों से भी दूर रहे हैं, जिसमें उत्तरी महाराष्ट्र के शहर में 2027 के (नासिक)कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए नासिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की बैठक भी शामिल है.
  • उन्होंने नासिक में एक अलग बैठक की, जिसमें भाजपा कोटे से मंत्री गिरीश महाजन अनुपस्थित थे.
  • फडणवीस द्वारा उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक करने के बाद, शिंदे ने हाल ही में एक और बैठक की. उद्योग विभाग का नेतृत्व शिवसेना मंत्री उदय सामंत कर रहे हैं.
  • रिश्तों में तनाव बढ़ने की चर्चा उस वक्त और तेज हो गई, जब फडणवीस के नेतृत्व वाले गृह विभाग ने शिवसेना के 20 विधायकों की पुलिस सुरक्षा घटा दी या वापस ले ली.
  • वर्ष 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद, उन्हें सुरक्षा कवर दिया गया था.
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