ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बजट से क्या हैं उम्मीदें? इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए क्या कर रहे मांग
Budget 2024-25 : ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने वित्त मंत्री से मांग की है कि इस साल के बजट में उन्हें इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए एक इंसेंटिव पैकेज का ऐलान करना चाहिए. ऑटो सेक्टर को उम्मीद है कि इस साल के बजट में वित्त मंत्री देश में एनवायरनमेंट फ्रेंडली इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Electric Vehicles) के लिए FAME III (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid & Electric Vehicles in India) इंसेंटिव स्कीम का ऐलान करेंगी.
बिक्री में गिरावट से बढ़ रही चिंता
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की तरफ से ये मांग ऐसे समय पर की गई है, जब देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री की गति धीमी पड़ती जा रही है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन यानी FADA के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया के मुताबिक, मई 2024 में देश में 7,638 इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियां बिकी थीं. जून 2024 में इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री घट कर 6,894 रह गई. मतलब एक महीने में पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में -9.74% की गिरावट. जून 2023 के मुकाबले जून 2024 में इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में गिरावट -13.51% दर्ज़ की गई है.
इंसेंटिव स्कीम की मांग
सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्रस के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल बताते हैं कि इस साल बजट का फोकस Sustainable Mobility (सस्टेनेबल मोबिलिटी) और एनवायरनमेंट फ्रेंडली गाड़ियों के लिए इंसेंटिव देने पर होना चाहिए. विनोद अग्रवाल ने The Hindkeshariसे कहा, “इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में गिरावट की वजह है कि भारत सरकार ने जो इंसेंटिव स्कीम (FAME II) इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए शुरू की थी, वह इस साल मार्च में खत्म हो गई और उसके बाद 4 महीने के लिए जो एक इंसेंटिव स्कीम शुरू की गई, वह 31 जुलाई को खत्म हो रही है. हमें उम्मीद है कि इस साल के बजट में वित्त मंत्री देश में एनवायरनमेंट फ्रेंडली इलेक्ट्रिक गाड़ियों (Electric Vehicles) के लिए FAME III (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid & Electric Vehicles in India) इंसेंटिव स्कीम का ऐलान करेंगी.”
रजिस्ट्रेशन फीस में छूट पर राय अलग
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पैसेंजर गाड़ियों का मैन्युफैक्चरर बन चुका है. जून 2024 में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को छोड़कर पैसेंजर गाड़ियों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज़ की गयी है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाइब्रिड गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन फीस में छूट के फैसले पर ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की राय बंटी हुई है. सोसाइटी ऑफ़ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्रस के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने The Hindkeshariसे कहा, “कुछ कंपनियां हाइब्रिड गाड़ियों को प्रमोट करने के समर्थ में हैं, जबकि कुछ कार कंपनियां इसके खिलाफ हैं. इसीलिए सोसाइटी ऑफ़ ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्रस एसोसिएशन की तरफ से हम इस पर कोई बयान नहीं देना चाहते.”
कार मैन्युफैक्चर्रस मानते हैं कि वित्त मंत्री को बजट में पुरानी गाड़ियों के scrappage के लिए विशेष घोषणाएं करनी चाहिए. साथ ही, इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर खर्चा बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए विशेष प्रस्ताव भी बजट 2024 में शामिल करना चाहिए, क्योंकि ग्रामीण भारत ऑटो इंडस्ट्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.