चीनी कंपनी DeepSeek ने AI का ऐसा क्या करिश्मा कर दिया कि हिल गया अमेरिकी शेयर बाजार, Nvidia के 600 बिलियन डॉलर स्वाहा
Nvidia Corp के शेयरों में लगभग 13 प्रतिशत तक की गिरावट
नई दिल्ली:
चीन के एआई स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) ने दुनियाभर में हड़कंप मचा दिया है. डीपसीक ने अमेरिका सबसे बड़ी टेक कंपनी एनवीडिया कॉर्प (Nvidia Corp) के होश उड़ा दियें हैं, जो अब तक AI के क्षेत्र में अभी तक सबसे आगे हैं. सोमवार को अमेरिका के शेयर बाजार खुलते ही एनवीडिया कॉर्प (Nvidia Corp) के शेयरों में ऐसी गिरावट हुई कि लोगों के होश उड़ गए. दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी Nvidia Corp की मार्केट वैल्यू में यह सबसे बड़ी ऐतिहासिक गिरावट है, जिससे दुनियाभर की टेक कंपनियों में दहशत है. चीन की डीपसीक ने एक मुफ्ट AI लोगों के सामने पेश किया है. कंपनी का दावा है कि ये सस्ते चिप्स और कम डेटा का इस्तेमाल करता है. दुनियाभर की टेक कंपनियां हिल गई हैं. इससे सबसे बड़ा नुकसान अमेरिका की टेक कंपनियों को हुआ है.
क्या है DeepSeek?
- चीन का एक अडवांस्ड AI मॉडल है DeepSeek.
- चीनी की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले Hangzhou में DeepSeek नाम की ही रिसर्च लैब ने इसे डिवेलप किया है.
- 2023 में क्वांटिटेटिव फाइनेंस का अनुभव रखने वाली चीन के एक AI इंजिनियर लियांग वेनफेंग ने इसकी स्थापना की थी.
- चीनी का DeepSeek AI की दुनिया में लगातार कई बम फोड़ता रहा है. ताजा धमाका उसने चैट जीपीटी जैसा एक सस्ता एआई मॉडल के जरिए किया है.
क्यों डीपसीक AI लग रहा लोगों को बेहतर विकल्प
चीन की डीपसीक ने एक मुफ्ट AI लोगों के सामने पेश किया है. कंपनी का दावा है कि ये सस्ते चिप्स और कम डेटा का इस्तेमाल करता है. डीपसीक इस बात को भी चुनौती देता है कि एआई का डेवलेपमेंट मुख्य रूप से चिप्स और डेटा सेंटर जैसे कंपोनेंट की मांग को बढ़ाएगा. हैरान करने वाली यह है कि DeepSeek-V3 मॉडल को सिर्फ 5.6 मिलियन डॉलर में बनाया गया है. ये OpenAi, Google, Meta द्वारा अपने एआई मॉडल पर किये गए खर्च के आग कुछ नहीं है.
Nvidia Corp के शेयरों में लगभग 13 प्रतिशत तक की गिरावट
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी मार्केट में Nvidia Corp के शेयरों में लगभग 13 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि इस गिरावट से कंपनी की मार्केट वैल्यू में 465 बिलियन डॉलर की कमी दर्ज की गई है. एनवीडिया के शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह डीपसीक का कम कीमत पर बेहतर AI मॉडल पेश करना बताया जा रहा है. यह अमेरिका की ओर से चीन को एडवांस्ड सेमीकंडक्टर तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद हुआ है. अमेरिका ने कई देशों, यहां तक कि अपने सहयोगियों को भी एडवांस्ड एनवीडिया AI चिप्स की बिक्री सीमित कर दी है.
दुनियाभर की टेक कंपनियों में बड़ी चुनौती
हलांकि, डीपसीक के आने के बाद अब Nvidia जैसी बड़ी टेक कंपनियों के लिए यह एक चुनौती है कि वे कैसे नए और सस्ते आर्टिफिशियाल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल्स से मुकाबला करेंगी. बता दें कि भारत में AI संचालित डेटा सेंटर पर काम हो रहा है.