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"…डुबकी लगाकर मर जाना चाहिए" : महाकुंभ पर अखिलेश यादव के बाद पप्पू यादव ये क्या बोल गए

Pappu Yadav Controversial Statement: पूर्णिया से लोकसभा सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने आज लोकसभा में ऐसी बात बोल गए कि हर कोई अवाक रह गया. चेयर पर मौजूद पीठासीन जगदंबिका पाल ने उन्हें इसके लिए टोका. वहीं अपनी रौ में पप्पू यादव ने सरकार पर तीखा हमला जारी रखा. नोटबंदी, जीएसटी से लेकर महंगाई तक पर उन्होंने सरकार को घेरा. 

पप्पू यादव यहीं तक रहते तो ठीक था, लेकिन उन्होंने महाकुंभ में स्नान करने वालों सहित नागा साधुओं पर भी टिप्पणी कर दी. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी तिबारा आ गए. एक भी वादे प्रधानमंत्री ने पूरे नहीं किए. वो सनातन की बात करते हैं, खुद को हिंदू धर्म का बहुत बड़ा बताते हैं… मैं एक बाबा का नाम नहीं लूंगा, लेकिन उन्होंने कहा कि कुंभ में जो-जो मरे उन्हें मोक्ष चले गए. तो मैं चाहता कि ऐसे लगभग बाबा,नागा, नेता और जो बड़े पैसे वाले वहां जाते हैं, उन्हें भी डुबकी लगाकर मर जाना चाहिए.. उन्हें भी मोक्ष में चले जाना चाहिए.” इस पर चेयर पर मौजूद पीठासीन जगदंबिका पाल ने उन्हें टोका.

अखिलेश यादव ने क्या कहा?

वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ (Akhilesh Yadav On Mahakumbh Stampede) के मारे गए लोगों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को मांग की कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां विभिन्न व्यवस्थाएं सेना के हवाले की जाएं. यादव ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जिस तरह सरकार बजट के आंकड़े दे रही है, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे तथा घायलों के इलाज, भोजन, परिवहन आदि का आंकड़ा संसद में पेश किया जाए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ की व्यवस्था के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और वहां खोया पाया, प्रबंधन आदि की जिम्मेदारी सेना को दी जाए.

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सपा अध्यक्ष ने पीएम मोदी से जवाब मांगा

सपा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए मृतकों के आंकड़े छिपाए जाने का आरोप लगाया तथा हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई की मांग की. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिन्होंने सच छिपाया, उन्हें दंडित किया जाए. अगर (सरकार को) अपराध बोध नहीं है तो आंकड़े दबाए, छिपाए और मिटाए क्यों गए. आंकड़े छिपाने के लिए मीडिया का सहारा लिया जा रहा है. जहां इंतजाम होना चाहिए था, वहां प्रचार हो रहा था. धार्मिक समागम में सरकार का प्रचार निंदनीय है. डिजिटल कुंभ कराने का दावा करने वाले मृतकों की डिजिट (संख्या) नहीं दे पा रहे.” उन्होंने दावा किया कि महाकुंभ में भगदड़ के बाद संतों के एक निश्चित मुहूर्त में स्नान की परंपरा भी टूट गई.  सपा सांसद ने कहा, ‘‘अगर मेरी बात गलत है तो नेता सदन (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) चर्चा के जवाब में बताएं.”

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