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अजित पवार की क्या है मजबूरी, BJP के विरोध के बावजूद क्यों लिया नवाब मलिक के लिए बोल्ड स्टेप?


मुंबई:

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के लिए नामांकन के आखिरी दिन मंगलवार को NCP ने बड़ा दांव चला. अजित पवार (Ajit Pawar) ने BJP के विरोध के बाद भी नवाब मलिक (Nawab Malik) को उम्मीदवार बना दिया. मलिक ने आज मुंबई के मानखुर्द के शिवाजीनगर सीट से NCP के टिकट पर पर्चा भरा है. उन्होंने निर्दलीय के तौर पर दूसरा नामांकन भी किया है. BJP ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से कनेक्शन, मनी लॉन्ड्रिंग मामलों का हवाला देते हुए नवाब मलिक को चुनावी मैदान से बाहर रखने की सख्त मांग की थी.

नामांकन के आखिरी दिन तक नवाब मलिक की उम्मीदवारी को लेकर सस्पेंस बना हुआ था. उन्हें पार्टी की तरफ से A और B फॉर्म नहीं मिला था. अजित पवार ने भी इस मामले में चुप्पी साध रखी थी. लेकिन, ऐन वक्त पर अजित पवार ने उन्हें मानखुर्द-शिवाजी नगर से NCP का टिकट दे दिया. ये BJP के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है.

आइए समझते हैं कि अजित पवार की क्या है मजबूरी, जिससे उन्होंने नवाब मलिक के लिए BJP के खिलाफ जाकर फैसला लिया?

अजित पवार के लिए मजबूरी और जरूरी दोनों हैं नवाब मलिक
एक लाइन में कहे, तो अजित पवार के लिए नवाब मलिक जरूरी भी हैं और मजबूरी भी. दरअसल, मुस्लिम बहुल सीट मानखुर्द में नवाब मलिक के सामने समाजवादी पार्टी ने अबू आज़मी को उतारा है. आज़मी इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं. पिछली बार अबू आसिम आजमी ने इस सीट से शिवसेना को हराया था. उन्होंने 25,613 वोटों से जीत हासिल की थी.

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नवाब मलिक की अल्पसंख्यकों में अच्छी पैठ
NCP में नवाब मलिक इकलौते ऐसे नेता हैं, जिनकी अल्पसंख्यकों में अच्छी पैठ है. उनकी बदौलत ही NCP ने कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक में अच्छी-खासी सेंधमारी की थी. ऐसे में अल्पसंख्यक वोट बटोरने के लिए अजित पवार और उनकी NCP को नवाब मलिक की जरूरत है.

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अणुशक्ति नगर से NCP ने मलिक की बेटी को दिया मौका
नवाब मलिक 5 बार से अणुशक्ति नगर से विधायक हैं. वो इस बार भी इस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन, BJP के विरोध के कारण इस सीट से NCP ने उनकी बेटी सना मलिक को मौका दे दिया था. इस सीट से शरद पवार के गुट ने एक्ट्रेस स्वरा भास्कर के पति फहाद अहमद को मैदान में उतारा है. वहीं, मानखुर्द सीट के लिए अजित पवार के पास दूसरे उम्मीदवार के ठोस विकल्प की भी कमी थी.

मानखुर्द में अजित पवार के पास विकल्प की कमी
अजित पवार की पार्टी मानखुर्द सीट अपने हाथ से निकलने देना नहीं चाहती थी. इसलिए नवाब मलिक का समर्थन करती रही. लेकिन पार्टी ने आखिर तक खुलकर कुछ नहीं कहा था. नामांकन के आखिरी दिन के आखिरी पलों में नवाब मलिक के टिकट को लेकर सस्पेंस खत्म किया गया. उन्हें मानखुर्द से टिकट दे दिया गया और मलिक ने भी जल्दी से नामांकन भर दिया.

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इस सीट पर BJP भी कमजोर 
यह भी दिलचस्प बात है कि मानखुर्द में BJP की कभी खास पकड़ नहीं रही. लिहाजा सामने से विरोध दिखा रही BJP भी इस सीट को लेकर मजबूर रही. मानखुर्द सीट से सपा उम्मीदवार अबू आज़मी कहते हैं कि BJP का विरोध तो दिखावा है, मुस्लिमों में वोट बांटने के लिए नवाब मलिक उतारे गए हैं. 

बहरहाल, BJP के साथ महायुति गठबंधन में रहते हुए अजित पवार जितने मजबूर बताये जाते हों, असल में नवाब मलिक को लेकर उनका बोल्ड मूव सामने आ ही गया.

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