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"इसमें हमारा क्या कसूर है…", ग्रेस मार्क्स मिलने वालों की दोबारा से NEET परीक्षा कराने पर बोले छात्र

अब ऐसे में जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए उनके लिए तो ये एक नए मौके की तरह है लेकिन सवाल ये उठता है कि जिन बच्चों ने समय पर पहुंच कर परीक्षा दी, उनका इसमें क्या कसूर. उन्हें इस बार NEET की परीक्षा दोबारा देने का मौका नहीं मिलेगा. अगर ऐसे में ग्रेस मार्क्स मिलने वाले छात्रों ने दोबारा आयोजित हुई परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर, जिन छात्रों को ये परीक्षा दोबारा देने का मौका नहीं मिल रहा है, उनसे भी ज्यादा नंबर ले आए तो ये कितना जायज होगा. 

“जिन्होंने समय पर पहुंचकर दी परीक्षा उनका क्या दोष”

NTA इस फैसले को लेकर इस बार जिन छात्रों ने NEET की परीक्षा दी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है. एक छात्र ने कहा कि आपने पहले ग्रेस मार्क्स दिए ही क्यों थे. आपको ये तो पहले ही सोचना चाहिए था. आपने अगर देरी से परीक्षा शुरू होने के हिसाब से ग्रेस मार्क्स दिया तो जो छात्र समय पर ही परीक्षा हॉल में पहुंच गए थे उनका इसमें क्या दोष है. 

वहीं, एक अन्य छात्र ने कहा कि फिजिक्स के एक सवाल में गड़बड़ी हुई थी. अब आप देखिए जिन बच्चों ने उस सवाल को छोड़ दिया था उनको तो चार नंबर दिए गए और जिन छात्रों ने उस सवाल में से किसी एक विकल्प को चुनाथा उन्हें 5 नंबर दिए गए थे. ये कहां से सही है. 

“एकाएक ज्यादा नंबर लाने वाले छात्रों की संख्या कैसे बढ़ी”

NEET की परीक्षा दोबारा आयोजित कराने को लेकर एक छात्रा ने कहा कि NTA 1563 बच्चों का दोबारा से  परीक्षा लेने की बात कर चुका है. NTA का एक तर्क ये भी है कि बच्चे ज्यादा पढ़ रहे हैं. लेकिन गौर करने वाली बात ये है कि सिर्फ 650 से ज्यादा नंबर लाने वाले बच्चे ही पढ़ रहे हैं क्या? मैं आपको बता दूं कि पिछले साल तक जहां कुछ ही हजार बच्चों को इतने नंबर आते थे वहीं इस साल इतने नंबर लाने वाले छात्रों की संख्या 30 हजार हो चुकी है. 

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राहुल का कहना है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से ही हुई है गड़बड़ी. हमने तो पहले ही कहा था आपने सिर्फ 1563 छात्रों को ही क्यों दिया ग्रेस मार्क्स. जब आपको री-एग्जाम करवाना ही था तो जब हमने पहले पूछा तो आपने इसे लेकर कोई जानकारी साझा क्यों नहीं की. 

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वहीं, विद्या ने कहा कि मैंने इस परीक्षा की तैयारी काफी पहले से कर रही थी. उम्मीद थी कि इस बार मैं अच्छे नंबर से पास हो जाऊंगा. अपनी मेहनत से  मैं अच्छे नंबर तो ले आई लेकिन ये कितना फेयर है कि आप कुछ छात्रों को उनकी गलती या सिस्टम की गलती की वजह से दोबारा चांस दे रहे हैं. क्या इससे हमारी रैंकिंग पर असर नहीं पड़ेगा. 


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