रत्न भंडार वाले गुप्त सुरंग का आखिर राज क्या है ? समझें पूरी कहानी
जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक कक्ष का सर्वे करेगी ASI
नई दिल्ली:
ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को 46 साल बाद खोला गया है. गुरुवार को जिस समय इन कक्षों के दरवाजे को खोला गया उस दौरान पुरी के राजा समेत प्रशासन के आला अधिकारी और ASI की विशेष टीम मौके पर मौजूद थी. बताया जा रहा है कि रत्न भंडार से निकाले गए बक्सों को फिलहाल स्ट्रांग रूम में रखा गया है. इन बक्सों में कई शताब्दी पुराने रत्न होने की बात कही जा रही है. आपको बता दें कि गुरुवार को जब ASI की टीम के सामने मंदिर के आंतरिक कक्ष को खोला गया था तो उस दौरान मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं के प्रवेश को कुछ घंटों के लिए रोक दिया गया था.
ASI की टीम आतंरिक कक्षों का करेगी सर्वे
बताया जा रहा है कि ASI की विशेष टीम इन आंतरिक कक्षों के खाली होने का बाद इसके अंदर जाएगी. कक्ष में प्रवेश करने के बाद ये विशेष टीम वहां का सर्वे करेगी. सर्वे के दौरान ASI की विशेष टीम कई तरह के टूल्स का इस्तेमाल कर सकती है. एक बार जैसे ही इन कक्ष के सर्वे का काम पूरा होगा तो इसके बाद ही स्ट्रांग रूम में रखे गए रत्न भंडार के तमाम बक्सों को फिर से यहां वापस रख दिया जाएगा.
आंतरिक कक्ष में सुरंग होने की भी की जा रही है बात
जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में अब कई सुरंग होने की बात भी सामने आ रही है. कहा जा रहा है कि आंतरिक कक्ष का सर्वे करने के दौरान लेजर लाइट के इस्तेमाल से सुरंग की गहराई मापने की भी तैयारी की जा रही है. ASI की टीम आतंरिक कक्ष के अलग-अलग हिस्सों में सुरंग होने की जांच भी कर सकती है. हालांकि अभी तक ASI की तरफ से इसे लेकर कोई भी जानकारी आधिकारिक तौर पर साझा नहीं की गई है.
आखिर क्यों खोला गया रत्न भंडार?
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के सुपरिंटेंडेंट डीबी गडनायक ने कहा कि मरम्मत के लिए रत्न भंडार खोला गया है. पहले रत्न भंडार का सर्वे होगा. जगन्नाथ मंदिर मैनेजमेंट कमिटी के चीफ जस्टिस रथ के मुताबिक दोनों रत्न भंडार के दोनों हिस्सों में नए ताले लगा दिए गए हैं. रत्न भंडार से निकाले गए कीमती सामानों की डिजिटल लिस्टिंग की जाएगी.
12वीं शताब्दी से भी पुराने हैं इन बक्सों में रखे कई रत्न
कहा जा रहा है कि जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक कक्षों में जिन बक्सों के रखे होने की बात कही जा रही है, उनमे 12वीं शताब्दी से भी पुराने रत्न होने का दावा किया जा रहा है. इन 12 बक्सों में ऐसे कई रत्न ऐसे भी हैं जो 12वीं शताब्दी के हैं. अब ऐसे में जब इन बक्सों को खोला जाएगा और अंदर रखे रत्नों की जांच की जाएगी तो पता चलेगा कि आखिर इन बक्सों में किस काल या किस राजा के द्वारा कौन सा रत्न है. यह पहला मौका होगा जब बक्सों में रखे रत्नों की इतनी डीटेलिंग सामने आएंगे. इससे पहले 1978 में इन रत्न भंडारों में रखे गहनों की लिस्ट बनाई गई थी लेकिन उनकी इतनी डीटेलिंग नहीं उपलब्ध नहीं थी.