क्या है किर्गिस्तान की कहानी, यहां किस जाति-धर्म के लोग ज्यादा, जानें-पाकिस्तान से कनेक्शन
पाकिस्तान ने किर्गिस्तान के साथ औपचारिक रूप से 10 मई, 1992 को राजनयिक संबंधों को खत्म कर दिया था. हालांकि दोनों देशों के बीच संबंधों की शुरुआत 20 दिसंबर, 1991 को किर्गिस्तान के सोवियत संघ से आजाद होने के तुरंत बाद हुई थी. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भले ही खत्म हो गए हों, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में पाकिस्तानी छात्र वहां पढ़ने के लिए जाते हैं.
किर्गिस्तान सुन्नी हैं या शिया?
किर्गिस्तान में मुस्लिम समुदायक के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. लेकिन मुस्लिमों में भी सुन्नी आबादी इस देश में बहुत ज्यादा है. किर्गिस्तान में सुन्नी मुस्लिमों की आबादी करीब 90 प्रतिशत है. वहीं ईसाई 15 फीसदी के करीब हैं. सुन्नी आबादी ज्यादातर हनफ़ी संप्रदाय से है. ये लोग आठवीं शताब्दी के दौरान इस क्षेत्र में आए थे. ज्यादातर किर्गिज़ मुसलमान एक विशिष्ट तरीके से अपने धर्म का पालन करते हैं. किर्गिस्तान में स्वतंत्रता के बाद से इस्लामी प्रथाओं का पुनरुद्धार हुआ है.
पाकिस्तान में किर्गिस्तान के लोग कौन हैं?
पाकिस्तान में रह रही ज्यादातर किर्गिज आबादी नॉर्थ पाकिस्तान में रहती है. यहां के मूल निकासी तुर्क हैं. किर्गिज पाकिस्तान के लोग तुर्क भाषा बोलते हैं. ज्यादातर लोगों के पश्तून या खो में मिलने के बाद यहां पर किर्गिज लोगों की आबादी कम रह गई है. बता दें कि शुरुआत में किर्गिज लोग मध्य एशियायी जनजातियों के वंशज थे. ये लोग पश्चिमी मंगोलिया में 201 ईसा पूर्व के करीब उभरकर सामने आए थे. लेकिन अधुनिक किर्गिज आंशिक रूप से येनिसी किर्गिस के वंशज हैं, जो कि साइबेरिया में येनिसी नदी घाटी में रहा करते थे.
किर्गिस्तान कहां है?
किर्गिस्तान मध्य एशिया में मौजूद देश है. यह चारों तरफ से पहाड़ियों और जमीन से घिरा हुआ है. किर्गिस्तान का बॉर्डर नॉर्थ में कज़ाख़िस्तान, वेस्ट में उज़्बेकिस्तान, साउथ वेस्ट में ताजिकिस्तान और ईस्ट में चीन से लगती है. किर्गिज गणराज्य 198500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. जिसमें 65 प्रतिशत तयानि शान और पामीर का पर्वतीय इलाका है. 1606 मीटर की ऊंचाई पर असम्यक कौल की खारी झील है, यह दुनिया में खारे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झील मानी जाती है. खास बात यह है कि बर्फ वाले इलाके में होने पर भी साल भर यह झील जमती नहीं है.
किर्गिस्तान का पुराना नाम क्या है?
इन दिनों चर्चा में चल रहे किर्गिस्तान का पुराना नाम किर्गिज़िया है. लेकिन अब इसे किर्गिस्तान कहा जाता है. इस देश का आधिकारिक नाम वैसे किर्गिज गणराज्य है. इस नाम का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र और विदेशी संबंधों में किया जाता है.
क्या है किर्गिस्तान का इतिहास?
किर्गिस्तान का इतिहास सदियों पुराना है, जिसमें घुमंतू जनजातियों, साम्राज्यों और आधुनिक राष्ट्र के निर्माण की कहानी शामिल है. तिआन शान पर्वतमाला के ऊंचे शिखरों के आसपास मानव सभ्यता के प्रमाण हजारों साल पहले से ही मिलते हैं. 5वीं से 12वीं शताब्दी के दौरान, येनिसेई किर्गिज़ खागानात नाम के एक शक्तिशाली साम्राज्य का अस्तित्व रहा. 13वीं सदी में मंगोलों के आक्रमण के बाद इस क्षेत्र का परिदृश्य ही बदल गया. इस दौरान किर्गिस्तान मंगोल साम्राज्य का हिस्सा बन गया. हालांकि बाद में यह देश स्वतंत्र हो गया. लेकिन 17वीं शताब्दी में यह देश जंगार खानटे के अधीन आ गया. 18वीं शताब्दी के अंत में जब जंगारों का पतन हुआ तो किर्गिज़ लोग कोकंद खानटे का हिस्सा बन गए.
रूसी साम्राज्य और सोवियत संघ
रूसी साम्राज्य ने 19वीं सदी के अंत तक, मध्य एशिया में अपना विस्तार किया. इसके बाद किर्गिस्तान का पूर्वी हिस्सा उसके अधीन आ गया.1924 में सोवियत संघ के गठन के बाद, किर्गिस्तान को एक स्वायत्त गणराज्य के रूप में शामिल किया गया. 1936 में इसे “किर्गिज़ सोवियत समाजवादी गणराज्य” का दर्जा दिया गया.
किर्गिस्तान कब हुआ आजाद?
किर्गिस्तान 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा. स्वतंत्रता के बाद से, किर्गिस्तान का विकास एक संसदीय गणतंत्र के रूप में हुआ. यह देश अपने लोकतंत्र को मजबूत करने और अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने की दिशा में लगातार कोशिश में जुटा हुआ है.
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