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इंदौर: कजलीगढ़ किले में 45 लड़कियों से गैंगरेप का क्या है सच? सरगना ने कबूला था गुनाह, सरकार ने किया था इनकार

इंदौर के नजदीक पर्यटन स्थल जाम गेट में हुई लूट और कथित गैंगरेप की घटना के बाद एक बार फिर इंदौर के ही नजदीक मौजूद पर्यटन स्थल कजलीगढ़ किले (Kajaligarh Fort) में हुई 45 से ज्यादा लड़कियों की गैंगेरप की कथित वारदात सुर्खियों में है. यहां एक गिरोह ने 2 साल में 45 लड़कियों के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था. आपको इस पर शायद यकीन न हो. लेकिन कुछ लोग मौजूदा वारदात को भी इससे जोड़कर देख रहे हैं, हालांकि खुद इंदौर ग्रामीण (Indore Rural Police) की एसपी हितिका वासल ने साफ किया है कि उस वारदात का उससे कोई कनेक्शन नहीं है.

कजलीगढ़ गैंगरेप की वारदात को लेकर इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) में याचिका भी दाखिल हुई थी. हालांकि, सवाल ये है कि कजलीगढ़ किले में हुई इन खौफनाक वारदातों पर पुलिस की रिपोर्ट को सरकार ने नकार क्यों दिया? इस कांड के मुख्य आरोपी ने 45 गैंगरेप की बात को स्वीकार किया था. लेकिन ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इंदौर की तरह कजलीगढ़ किले कांड की पीड़ित लड़कियों ने भी शिकायत से इनकार क्यों किया है? फिलहाल हम आपको बताते हैं कि क्या था वो कांड? 

 2 साल में 45 गैंगरेप 
साल 2015 में कजलीगढ़ किले में घूमने गए बी.टेक के कुछ छात्रों के साथ गिरोह के सदस्यों ने मारपीट की थी. उन्होंने सिमरोल थाने पर इसकी शिकायत दर्ज कराई थी.पुलिस ने खोजबीन की पर आरोपियों का पता नहीं चला. हालांकि, कुछ ही दिनों बाद पता चला कि कुछ युवक महंगे मोबाइल खरीद रहे हैं  और काफी पैसे भी खर्च कर रहे हैं .पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की तो कड़ी दर कड़ी जुड़ती गई. इसके बाद पुलिस ने पहले इस गिरोह के संजय कटारा, करण डावर और एक अन्य नाबालिग सदस्य को गिरफ्तार किया. आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना श्रीराम नाम का शख्स है. जब श्रीराम को पुलिस ने दबोचा तो उसने 2 साल में 45 गैंगरेप की बात का खुलासा किया.

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पर्यटकों को बनाया अपना शिकार
श्रीराम नशे का आदी था. नशे की जरूरत पूरा करने के लिए पैसे की कमी पड़ने लगी तो पहले लूटपाट शुरू की और फिर प्रेमी युगल को टारगेट कर लूट के साथ ज्यादती की वारदातों को अंजाम दिया.  कजलीगढ़ का किला काफी सुनसान इलाका है इसलिए इस गिरोह ने यहां आसानी से पर्यटकों को अपना शिकार बना लिया.

आरोपी श्रीराम के खुलासे के बाद पुलिस ने कुछ पीड़ित लड़कियों की जानकारी जुटाकर उनसे संपर्क किया, लेकिन उन्होंने पुलिस में शिकायत करने से इनकार कर दिया. दूसरी तरफ इस मामले को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खण्डपीठ में एक जनहित याचिका दायर हुई थी. इसमें मांग की गई है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए पर अब तक इस मामले में कोई खास कार्रवाई नहीं हुई. 

क्या है पूरा मामला
जाम गेट के पास मंगलवार देर रात एक सनसनीखेज घटना में दो ट्रेनी आर्मी अफसर और उनकी महिला मित्रों पर हथियारबंद बदमाशों ने हमला कर दिया. लूटपाट की नीयत से आए बदमाशों ने आर्मी अफसरों के साथ मारपीट की. सभी पीड़ितों को महू के सिविल अस्तपाल में भर्ती किया गया, सबके बयान हुए. कथित तौर पर गैंग रेप के आरोप है. घटना के बाद से ही महिला डरी सहमी हुई है और सदमें में है. पुलिस ने प्रयास किया. लेकिन महिला ने बयान देने से इंकार कर दिया.



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