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ये कैसा डिजाइन? पुल और फ्लाइओवर को आपस में जोड़ना था, पर दोनों की ऊंचाई में 6 फीट का फासला, BMC का उड़ा मज़ाक

मुंबई:

मुंबई में यातायात के लिए बेहद महत्वपूर्ण “गोखले ब्रिज” का एक हिस्सा खोल दिया गया है. सालों के इंतज़ार के बाद यह पूरा हुआ. अब जब खुला तो मुंबईवासी और विरोधी दल के नेता बीएमसी (BMC) की खिल्ली उड़ा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिज को, पहले से बने एक फ़्लाइओवर से जोड़ना था पर ऊंचाई में क़रीब डेढ़ से दो मीटर का फ़र्क़ है! “मिस-अलाइनमेंट” की इस भूल पर सभी हैरान हैं. यह ब्रिज करीब  90 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है. यह मुंबई के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.  

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“गोखले ब्रिज” का एक हिस्सा लंबे इंतज़ार के बाद सोमवार को खुल तो गया, पर सबसे अमीर महानगर पालिका बीएमसी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि “गोखले ब्रिज” को, जुहू से जोड़ने वाले “बर्फीवाला फ़्लाइओवर” से जोड़ना था पर गोखले ब्रिज की ऊंचाई करीब डेढ़ से दो मीटर ज्यादा है. इसीलिए ब्रिज के डिजाइन को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब मजाक उड़ाया है. 

यह बीएमसी की लापरवाही है: विपक्ष

उद्धव ठाकरे की पार्टी के नेता रवि राजा ने इसे बीएमसी प्रशासन की सबसे बड़ी लापरवाही बताया है. उन्होंने सवाल पूछा कि पूछा जब गोखले ब्रिज की ऊंचाई बढ़ गई तो बर्फीवाला ब्रिज के साथ उसे मैच क्यों नहीं किया गया? उद्धव गुट के प्रवक्ता  आनंद दूबे ने कहा कि “क्या मुंबईवासी लंबी छलांग लगा के जाएंगे?  क्या समन्वय नहीं हो सकता था बीएमसी, कांट्रेक्टर और रेलवे का? कंस्ट्रक्शन के दौरान पता नहीं चला?”

बीजेपी के स्थानीय विधायक अमित साटम ने कहा कि रेलवे की नई पॉलिसी के कारण ऐसा हो गया पर इस साल के दिसंबर तक ब्रिज-फ़्लाइओवर का मिलान और पूरे ब्रिज की ओपनिंग की सौग़ात मुंबईकरों को मिल जाएगी.

बीजेपी विधायक ने किया बचाव

बीजेपी विधायक ने कहा कि “ब्रिज निर्माण के दौरान रेलवे की नई पॉलिसी के कारण ब्रिज की ऊंचाई 1.5 मीटर बढ़ानी पड़ी. जबकि गोखले ब्रिज के निर्माण के दौरान बर्फीवाला ब्रिज के साथ डिजाइन तैयार किया गया था. लेकिन अचानक गोखले ब्रिज की ऊंचाई बढ़ाने के कारण बर्फीवाला फ्लाईओवर पुराने गोखले पुल के नीचे चला गया. हालांकि हमारे पास इस समस्या के समाधान के लिए वीजेटीआई और आईआईटी जैसे संस्थान हैं. उनसे मदद ली  जायेगी. यदि आवश्यक हो तो हम बर्फीवाला फ्लाईओवर से गोखले तक यातायात के सुचारू करने की अनुमति देने के लिए एक रैंप लगाने पर भी विचार कर सकते हैं. 

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बताते चलें कि अंधेरी ईस्ट-वेस्ट, बांद्रा, जुहू, वर्सोवा से जोगेश्वरी और बोरीवली आनेजाने वालों को इस ब्रिज के बंद होने से बड़ी दिक़्क़त होती रही. अब इस ब्रिज और फ़्लाइओवर को अलाइनमेंट करना चुनौतीपूर्ण रहेगा, दोनों के बीच रैंप बनाने के लिए ब्रिज को बंद करना पड़ेगा। जिससे ट्रैफिक की समस्या फिर चरम पर होगी.

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