हरियाणा की 9 वीआईपी सीटों का क्या रहा नतीजा, देखें यहां
नई दिल्ली:
Haryana assembly elections 2024 results: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम (Haryana Assembly election Results) आ रहे हैं. एग्जिट पोल (Exit polls on Haryana elections) में कांग्रेस पार्टी को हरियाणा में जीतता दिखाया गया लेकिन वास्तविक रुझान और परिणामों में बीजेपी ने बाजी मार ली. 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में बीजेपी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाते हुए दिख रही है. आम आदमी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल रही है जबकि आईएनएलडी को दो सीटें मिलती दिख रही हैं. बता दें कि इस बार चुनाव में बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress) के साथ-साथ आईएनएलडी (INLD), आम आदमी पार्टी (AAP), जेजेपी (JJP), बीएसपी (BSP), आजाद समाज पार्टी (ASP) भी मैदान में थी. जेजेपी और आजाद समाज पार्टी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा.
बीजेपी राज्य में हैट्रिक के साथ तीसरी बार लगातार सरकार बनाने जा रही है. यह ऐतिहासिक है कि राज्य में कोई पार्टी तीसरी बार सरकार बना रही है. राज्य में कांग्रेस पार्टी ने जाट और दलित वोटों पर अपना ध्यान रखा तो बीजेपी ने गैर जाट वोट के साथ ओबीसी, पंजाबी और ब्राह्मणों के वोटों को साधने का प्रयास किया. यही कारण रहा कि चुनाव से पहले बीजेपी ने मनोहर लाल खट्टर के स्थान पर नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया. सैनी ओबीसी वर्ग से आते हैं.
राज्य की 9 प्रमुख सीटों पर सबकी नज़रें टिकी हुई थीं. इनका क्या रुझान या परिणाम है इस पर चर्चा कर लेते हैं.
लाडवा
सबसे पहले बात लाडवा सीट की. इस सीट से राज्य के सीएम नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ा. यह सीट कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के तहत आती है और यहां से बीजेपी को 47 फीसदी से ज्यादा वोट मिले थे. माना जा रहा था कि यह सीट बीजेपी के सुरक्षित सीट था और रुझान/परिणाम भी कुछ इस ओर इशारा कर रहे हैं. सैनी आगे हैं.
जुलाना
इस बार हरियाणा की जुलाना सीट भी चर्चा में रही. इस सीट से कांग्रेस पार्टी ने महिला पहलवान विनेश फोगाट चुनाव में उतारा और उन्होंने अपने बीजेपी प्रत्याशी योगेश कुमार को 6015 वोटों के अंतर से हरा दिया. जुलाना जींद जिले में आता है
हिसार
हिसार की सीट के चुनाव पर इस बार सबकी नजरें टिकी हुई थीं. यहां से बीजेपी से नाराज़ होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं धनी परिवार से संबंध रखने वाली सावित्री जिंदल ने चुनाव जीत लिया है. बीजेपी के लिए यह एक झटका है. उनके सामने बीजेपी से कमल गुप्ता चुनावी मैदान में थे जो पिछला चुनाव जीते थे. गुप्ता राज्य की सरकार में मंत्री भी थे.
अटेली
इसके बाद दूसरी महत्वपूर्ण सीट अटेली है जिसकी चर्चा की जा सकती है. यह सीट अहिरवाल बेल्ट में आती है. यहां पर 50-60 फीसदी आबादी यादवों की है. इस सीट पर बीजेपी की ओर से आरती राव सिंह को उम्मीदवार थी. आरती गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजित सिंह की बेटी हैं और पहली बार चुनाव लड़ रही थीं. इस सीट पर अभी तक के रुझान और परिणाम तो यह बता रहे हैं कि यहां पर आरती पीछें चल रही हैं. इस सीट पर बीएसपी प्रत्याशी अत्तर लाल आगे चल रहे हैं.
मुलाना
हरियाणा की मुलाना सीट पर भी चुनाव दिलचस्प रहा है. यहां पर बीजेपी की 68 वर्षीय संतोष चौहान सरवन के खिलाफ कांग्रेस पार्टी से 38 वर्षीय पूजा चौधरी चुनावी मैदान में थी. अटेली की तरह इस सीट पर भी दो प्रमुख प्रत्याशियों में महिलाएं थी. यहां पर कांग्रेस पार्टी की पूजा आगे चल रही हैं. संतोष ने पिछला चुनाव जीता था. पूजा कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी की पत्नी हैं.
अंबाला कैंट
अंबाला कैंट की यह सीट बीजेपी के अनिल विज के लिए अहम कही जा रही थी. शुरुआती रुझानों में बीजेपी के कद्दावर नेता अनिल विज पीछे चल रहे थे लेकिन बाद में उन्होंने रुझानों में बढ़त बना ली. बता दें कि अनिल विज पार्टी के कद्दावर नेता हैं और खुद को बतौर सीएम प्रत्याशी के रूप में पार्टी के सामने प्रस्तुत भी कर चुके हैं. विज के सामने निर्दलीय प्रत्याशी चित्रा सरवारा ने चुनौती पेश की है.
रानियां
सिरसा जिले की रानियां सीट इनोलो के अर्जुन चौटाला आगे चल रहे हैं. वे कांग्रेस पार्टी के सर्व मित्तर से आगे हैं. इस सीट पर बीजेपी से टिकट न मिलने पर रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा. वे अर्जुन के दादा भी हैं. इस सीट पर दादा-पोते की लड़ाई थी.. रानियां हरियाणा राज्य में सिरसा जिले में आता है.
डबवाली
हरियाणा चुनाव में डबवाली सीट भी चर्चा में हैं. इस सीट पर देवीलाल परिवार की दो शाखाएं चुनाव में भिड़ीं . जेजेपी से दिग्विजय चौटाला और कांग्रेस से अमित सिहाग (दोनों देवीलाल के वंशज) चुनावी मैदान में थे लेकिन यहां पर इनेलो के आदित्य देवीलाल ने बाजी मारी है. वे अभी तक के रुझान में आगे चल रहे हैं.
तोशाम
हरियाणा चुनाव में तोशाम विधानसभा सीट काफी अहम थी. इस सीट पर बंसीलाल परिवार के दो प्रमुख सदस्य आमने-सामने थे. बंसीलाल की पोती और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी बीजेपी की उम्मीदवार रही जो आगे चल रही हैं. वे बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने उनके परिवार के ही एक अन्य सदस्य को उतारा था. कांग्रेस ने बंसीलाल के पोते और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दिया था. अनिरुद्ध दोपहर बाद तक गिनती में पीछे चल रहे थे.