स्टीव जॉब्स की अरबपति पत्नी महाकुंभ में क्या करेंगी? निरंजनी अखाड़े ने क्या बताया
प्रयागराज:
एप्पल के दिवंगत सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स महाकुंभ में कल्पवास करेंगी. जिसके लिए वो भारत पहुंच गई है और उन्होंने प्रयागराज जाने से पहले शनिवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज भी इस दौरान उनके साथ मौजूद थे. कैलाशानंद गिरी महाराज ने लॉरेन पॉवेल जॉब्स को अपनी बेटी बताते हुए कहा कि “मैंने उसे अपना गोत्र और नाम ‘कमला’ दिया है. वाराणसी से वो सीधा प्रयागराज जाएंगी. वो दूसरी बार भारत आई हैं”.
बता दें कि स्टीव जॉब्स को हिंदू धर्म से खास जुड़ाव था. साल 1974 में वो आध्यात्मिक शिक्षा के लिए भारत आए थे और नीम करोली बाबा के कैंची धाम आश्रम भी गए थे. कहा जा रहा है कि दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक लॉरेन सनातन धर्म की गहरी समझ के लिए निरंजनी अखाड़े के शिविर क्षेत्र में ‘कल्पवास’ भी कर सकती हैं.
‘गंगा में डुबकी लगाएंगी’
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि “आज हम महादेव से प्रार्थना करने काशी आए हैं. कुंभ बिना किसी बाधा के संपन्न हो, इसकी पूजा की. मैं यहां महादेव को आमंत्रित करने आया हूं.” महाराज ने आगे बताया कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने मंदिर की परंपराओं का पालन किया और वह गंगा में डुबकी भी लगाएंगी. उन्होंने कहा, “हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार काशी विश्वनाथ में कोई अन्य हिंदू शिवलिंग को छू नहीं सकता. इसलिए उन्हें बाहर से शिवलिंग के दर्शन कराए गए. वह कुंभ में भी रहेंगी और गंगा में डुबकी लगाएंगी,”
#WATCH | Varanasi, UP | Kailashanand Giri Ji Maharaj of Niranjani Akhara says, “I had my ‘Peshwai’ in Kumbh yesterday. Today, we have come to Kashi to pray to Mahadev that the Kumbh is completed without any obstacles… I came here to invite Mahadev… Our disciple Maharshi… pic.twitter.com/wx6khVgHWq
— ANI (@ANI) January 11, 2025
महाराज ने यह भी बताया कि निरंजनी अखाड़े को एक नया महामंडलेश्वर महर्षि व्यासानंद मिलेगा, जो अमेरिका से हैं. कैलाशानंद गिरि ने कहा, “हमारे शिष्य महर्षि व्यासानंद अमेरिका से हमारे साथ हैं, कल वह मेरे अखाड़े में महामंडलेश्वर बन रहे हैं.”
13 जनवरी से शुरू हो रहा है महाकुंभ
इस बार महाकुंभ 45 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. महाकुंभ के दौरान श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर एकत्रित होंगे. 13 जनवरी से शुरू होकर, महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को होगा.
ये भी पढ़ें- महाकुंभ के दौरान UP के हर जिले से प्रयागराज के लिए बस चलाएं : CM योगी का अधिकारियों को निर्देश